बेल का जूस है पाचन के लिए लाभकारी      Publish Date : 27/04/2024

                             बेल का जूस है पाचन के लिए लाभकारी

                                                                                                                                                                                    प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

                                                                       

बेल के जूस में बीटा कैरोटीन खनिज और विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं। गर्मी में इसका सेवन शरीर को ठंडा रखता है और काफी लाभकारी होता है। बेल के रस में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। गर्मियों में इसका जूस पीने से बैक्टीरिया और वायरस से होने वाले संक्रमण से बचा सकता है। गठिया के आयुर्वेदिक उपचार में बेल फल के गुड को सूजन रोधी गुना के कारण अन्य सामग्रियों के साथ प्रयोग किया जाता है। बेल का रस रक्त शोधन के रूप में भी कार्य करता है क्योंकि इसमें ऐसे खनिज होते हैं जो शरीर से विशिष्ट पदार्थों को बाहर निकलने में सहायता करते हैं।

यह प्राकृतिक डिटॉक्सी फायर के रूप में काम करता है जो लीवर और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से बेल के रस का सेवन करना अच्छा विकल्प हो सकता है। बेल के फल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो गैस्ट्रिक अल्सर को नियंत्रित करते हैं। बेल के पत्ते का तेल भी त्वचा को संक्रमित करने वाले फंगस से बचाता है।

                                                                             

यह त्वचा पर चलते और खुजलीयों को ठीक करने में भी मदद करता है। पाचन स्वयंस्या से बचने के लिए इसका जूस जरूर पीना चाहिए बेल पाचन में लाभकारी होता है। पेट खराब होने पर माल को रोकने का काम करता है। बेल की गिरी का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है बेल का रस एनीमिया को काम करता है।

इसलिए यदि गर्मियों के दिनों में आपका पाचन तंत्र खराब होता है तो निश्चित रूप से आप बेल का जूस पीकर उसको आसानी से ठीक कर सकते हैं।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।