कैसे बचें मोतियाबिंद से Publish Date : 06/04/2024
कैसे बचें मोतियाबिंद से
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर
मोतियाबिंद के चलते आंख की आंतरिक परत धुंधली हो जाती है और यह परेशानी आमतौर पर उम्र बढ़ाने के साथ-साथ होती है। सूरज की यूवी किरणें आंखों के लिए हानिकारक होती है और यह मोतियाबिंद का कारण बन सकती है। ऐसे में आंखों को यूवी किरणों से बचना बहुत ही जरूरी है। इसके लिए जब भी बाहर निकले धूप का चश्मा पहने और ऐसी कई स्वास्थ्य स्थितियां है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आंखों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती है और मोतियाबिंद के खतरे बढ़ा सकती है।
मोतियाबिंद के खतरे को कम करने के लिए कुछ अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों की पहचान करना और फिर उनका प्रभावी ढंग से प्रबंध करना अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। पौष्टिक आहार, आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इनमें पालक और खेल जैसे पाटीदार साथ के साथ सेंटर और जामुन जैसे रंगीन फलों को शामिल करने का प्रयास करें, जो विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। व्यायाम रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जो स्वस्थ आंख की रोशनी को बढ़ाने में भी काफी मददगार होता है।
आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आंखों की नियमित जांच भी जरूरी होती है। अतः साल में काम से कम एक बार नेत्र परीक्षण अवश्य कर लेना चाहिए। धूम्रपान और किसी भी प्रकार का नशा छोड़ने से भी मोतियाबिंद के खतरे को रोकने में आवश्यक मदद मिलती है। वृद्धावस्था में दृष्टि हानि हो जाती है, इसमें कोई ड्रॉप या चिकित्सकीय थेरेपी काम नहीं करती है। मोतियाबिंद का एकमात्र उपचार सर्जरी है, जब भी आंख संबंधी कोई समस्या हो तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।