
आम के बाग मिलीबग की समस्या से ग्रस्त Publish Date : 02/04/2025
आम के बाग मिलीबग की समस्या से ग्रस्त
प्रोफसर आर. एस. सेंगर एवं अन्य
आसीएआर का केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा, लखनऊ ने बताया कि मिलीबग का प्रकोप आम के बागों के लिए वर्तमान में एक गम्भीर समस्या बनती जा रही है। मिलीबग की सक्रियता आम के बागों में जनवरी के माह से प्ररम्भ होकर मई माह के अंत तक बनी रहती है। यदि समय के रहते ही इसके नियंत्रण के लिए कुछ उचित उपाय नही किए जाते हैं तो आम का यह कीट आम के फूलों और नई कोपलों को गम्भीर रूप से नुकसान भी पहुँचा सकता है।
ऐसे में यदि मिलीबग के प्रकोप की रोकथाम, इसके प्रारम्भिक चरण ही नही की गई और यह कीट पहले से अगर फूलों और नई कोपलों तक पहुँच चुका है, तो तुरंत ही इससे बचाव के उपाय करना बहुत ही आवशयक हो जाता है। आईसीएआर-उवरल के अनुसार, आम पेड़ के तने के चारों ओर कीटनाशक धूल का प्रयोग करके आम के पेड़ पर चढ़ने का प्रयास करने वाले निम्फों को मारा जा सकता है। परन्तु यदि मिलीबग के निम्फ पहले से ही आम के पेड़ में ऊपर तक चढ़ चुके हैं तो इसके लिए स्पाइरोटेट्रैमेट 11.01 प्रतिशत + इमिडाक्लोप्रिड 11.01 प्रतिशत राख को प्रति लीटर पानी में मिलाकर इसका छिड़काव करने से मिलीबग के प्रभावी नियंत्रण में सहायता प्राप्त होती है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।