आम में मंजरी आने लगी      Publish Date : 19/01/2025

                             आम में मंजरी आने लगी

                                                                                                                                                                प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

आम के बाग सजने को हैं तैयार, आइए करें मंजर आने का सत्कार’’

आम का मौसम न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए उत्साह लेकर आता है, बल्कि किसानों के लिए एक नई उम्मीद और संभावनाओं का संदेश भी लेकर आता है। आम में मंजरी (फूल) आने का समय पेड़ों के सही प्रबंधन और रोग-कीट नियंत्रण के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। आम के मंजर आने से पहले और बाद की सही देखभाल से न केवल आम की उपज बढ़ाई जा सकती है, बल्कि फलों की गुणवत्ता में भी सुधार किया जा सकता है।

मंजरी आने के लिए अनुकूल मौसम

                                                                   

आम में मंजरी आने की प्रक्रिया मौसम की परिस्थितियों पर निर्भर करती है। मंजर आने के लिए आदर्श दिन का तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस एवं रात का 15 डिग्री सेल्सियस होता है, जबकि अधिक गर्मी या अधिक ठंड दोनों मंजर को प्रभावित कर सकती है। मंजर के समय वर्षा या कोहरा परागण में बाधा डालते हैं और फलों के सेट होने की संभावना कम हो जाती है।

मंजरी के लिए बाग की तैयारी

1. मिट्टी की तैयारी और सफाई

मंजरी के आने से पहले बाग की साफ-सफाई अत्यंत आवश्यक है। दिसंबर-जनवरी में बाग के आसपास की मिट्टी में क्लोरपायरीफास 1.5 डी धूल (250 ग्राम/पेड़) का छिड़काव करें। यह प्रक्रिया मीली बग (गुजिया कीट) को नियंत्रित करने में सहायक होती है।

2. तनों की सुरक्षा

मीली बग को पेड़ पर चढ़ने से रोकने के लिए मुख्य तने के चारों ओर एल्काथीन की पट्टी (45 सेमी चौड़ी) लगाकर सुतली से बांध दें तथा इसके ऊपर ग्रीस लगा देने से मिली बग पेड़ पर नहीं चढ़ पाता है।

3. कीट प्रबंधन

यदि कीट पेड़ पर चढ़ गए हों, तो डाएमेथोएट 30 ईसी या क्विनाल्फोस 25 ईसी (1.5 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करें। यह छिड़काव पेड़ के मुख्य तने की दरारों में भी करना चाहिए क्योंकि इन दरारों में हॉपर के कीट छुपे हुए रहते है।

परागण और उपज बढ़ाने के उपाय

                                                              

आम के बाग में मधुमक्खियों की मौजूदगी से परागण बेहतर होता है, जिससे अधिक फल लगने की संभावना बढ़ जाती है। मधुमक्खी के बक्सों को बाग में रखना अत्यंत लाभकारी रहता है।

भुनगा (हॉपर) कीट प्रबंधन

भुनगा कीट मंजर के रस को चूसकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इन कीटों को नियंत्रित करने के लिए, इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल (1 मिली/2 लीटर पानी) का छिड़काव करना चाहिए। यह छिड़काव पत्तियों के साथ साथ मुख्य पेड़ के तने की दरारों पर भी करना चाहिए।

यह छिड़काव फूल खिलने से कम से कम दस दिन पहले करें, ताकि मधुमक्खियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो।

रोग प्रबंधन

1. पाउडरी मिल्ड्यू (खर्रा रोग):-

मंजरी के आने से पहले घुलनशील गंधक (2 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करना चाहिए। फल लगने के बाद हेक्साकोनाजोल (1 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करने से लाभ प्राप्त होता है।

2. गुम्मा रोग प्रबंधन

गुम्मा रोग से प्रभावित मंजरी को काटकर हटा देना चाहिए।

टिकोलो (छोटे फल) को गिरने से रोकना

छोटे फलों को गिरने से रोकने के लिए प्लेनोफिक्स (1 मिली/3 लीटर पानी) का छिड़काव करें।

सिंचाई प्रबंधन

                                                        

  • मंजर आने के समय आम के पेड़ों सिंचाई नही करनी चाहिए, अन्यथा फूल झड़ सकते हैं।
  • जब फल मटर के दाने के आकार के हो जाएं, तभी सिंचाई करना प्रारंभ करें।

आम मे अन्य कीट और रोग प्रबंधन

1. फल मक्खी

मिथाइल यूजीनॉल फेरोमन ट्रैप (10 ट्रैप/हेक्टेयर) का उपयोग करें। जिसकी तैयारी अभी से करके रख ले । फल लगने के 45 से 60 दिन के अंदर इसे बाग में लगा दें।

2. तना छेदक और पत्ती काटने वाले कीट

कीट से बचाव के लिए क्विनालफोस 25 ईसी (2 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करना उचित रहता है।

3. बोरॉन की कमी से बचाव

यदि फल का निचला हिस्सा काला पड़ने लगे या फटने की समस्या हो पूर्व में बाग में रही हो तो ऐसे में बोरेक्स (10 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव अप्रैल माह के अंत में करने से लाभ मिलता है।

आम की उपज बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव

                                                                 

  • पेड़ों की छंटाई करें ताकि सूर्य का प्रकाश जमीन तक पहुंच सकें।
  • बाग में नियमित सफाई और रोग-कीट नियंत्रण से बचाव सुनिश्चित करें।
  • पौधों की पोषण आवश्यकताओं का ध्यान रखें।

आम में मंजरी आने का समय अत्यधिक सावधानी और प्रबंधन की मांग करता है। किसानों को चाहिए कि वे मंजरी के समय मौसम की स्थिति पर नजर रखें और उपयुक्त उपाय करते रहें। इन सटीक प्रक्रियाओं से न केवल आम की फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि किसान की आय में भी वृद्धि होगी। तो आइए, इस साल आम में मंजरी आने की प्रक्रिया का स्वागत करें और उन्नत फसल उत्पादन प्राप्त करने के लिए तैयार रहें।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।