आँवलें के फल, एक पेड़ से एक क्विंटल तक उत्पादन Publish Date : 12/11/2024
आँवलें के फल, एक पेड़ से एक क्विंटल तक उत्पादन
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
साथ ही आंवले की लकड़ी की भी रहती है डिमांड
आंवले की बागवानी करना किसानों के लिए उनकी समृद्धि के द्वार खोल सकता है। इसकी बागवानी के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। पांच साल में आंवले का पौधा फल देले लगता है और एक बार आवंले का पौधा लगाकर उससे 30 से 35 वर्षाे तक लगातार फल प्राप्त कर सकते है, बाजार में आंवले के फल सहित लकउ़ी की भी काफी डिमांड रहती है। आंवले का उपयोग आयुर्वेदिक दवाई बनाने में किया जाता है।
खेती-किसानी के क्षेत्र में आमतौर पर मुनाफा कमाना हमेशा से ही काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन, किसान भाई यदि सही फसल का चयन करे, तो अच्छा मुनाफा भी मिल सकता है। आंवले की बागवानी किसानों के लिए आर्थिक समृद्धि का रास्ते खोल सकती है। आंवाला की खेती न केवल कृषि क्षेत्र में फायदे का सौदा साबित होता है, बल्कि इसकी लकड़ी भी महंगे दामों पर बाजारों में बिकती है।
आंवला किसानों को एक अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करती है। आंवला का पौधा एक बार लगा देने के बाद इससे 30 से 35 साल तक फल प्राप्त किया जा सकता हैं। विशेष बात यह है कि आंवले की बगावानी में अधिक जमीन की जरूरत भी नहीं होती है। मात्र 14-15 कट्ठे की भूमि पर आंवले के 50 पौधे आसानी से लगाए जा सकते हैं। यह किसानों के लिए बेहद लाभकारी सिद्व होती है।
आयुर्वेदिक दवाइयों के बनाने में आंवले का उपयोग किया जाता है
आंवाला का पौधा लगाने के बाद पांच वर्षों में इसका फलन भी शुरू हो जाता है। प्रत्येक वर्ष एक पेड़ से एक क्विंटल तक आंवला के फल प्राप्त किए जा सकते हैं। अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में आंवला का फल बाजार मिलने लगता है। आंवला पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसकी डिमांड बाजार में सालभर बनी रहती है। आंवले का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने से लेकर औद्योगिक उत्पादों तक में किया जाता है। आयुर्वेद में इसके अनेकों स्वास्थ्य लाभ बताए गए हैं।
वहीं, इसके फल के साथ-साथ इस पेड़ की लकड़ी भी बहुत मूल्यवान होती है और जैसे-जैसे इसका पेड़ बूढ़ा होता है, उसकी लकड़ी का मूल्य भी उसकी आयु के अनुरूप ही बढ़ जाता है। आंवले की लकड़ी का उपयोग घर के दरवाजों, फर्नीचर और लकड़ी के अन्य निर्माण कार्यों में बहुतायत से किया जाता है। इसलिए लकड़ी की मांग भी बाजार में अच्छी बनी रहती है और इससे किसानों को अतिरिक्त आय का एक माध्यम मिल जाता है।
आंवले की लकड़ी की भी रहती है डिमांड
आंवले की बागवानी किसानों के लिए एक दीर्घकालिक निवेश साबित हो सकती है, जो एक तरफ तो उन्हें फल देने के रूप में सालाना आय का स्रोत देती है, तो वहीं दूसरी तरफ पेड़ के बुढ़ापे में इसकी लकड़ी की बिक्री से अतिरिक्त आय भी मिलती है। यदि किसान सही तरीके से आंवले की देखभाल करे और इसका उचित प्रबंधन करें, तो यह बागवानी न केवल किसान की आजीविका को सुदृढ़ कर सकती है, बल्कि लंबे समय तक मुनाफा भी दे सकती है।
इसके अलावा, आंवला की बागवानी के द्वारा पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया जा सकता है, क्योंकि यह वृक्ष हमारे पर्यावरण को भी शुद्ध करता है। आंवला की खेती अपनाकर किसान अपनी जीवनशैली को अधिक बेहतर बना सकते हैं और इस तरह के प्राकृतिक संसाधनों के माध्यम से भरपूर मुनाफा भी कमा सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।