अमरूद की खेती, कमाई की ऊंचाइयों पर पहुंचें Publish Date : 09/11/2024
अमरूद की खेती, कमाई की ऊंचाइयों पर पहुंचें
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं अन्य
मेरठ के किसान दिनेश कुमार ने इजरायली तकनीक से कम लागत में अमरूद की खेती शुरू की है, जिससे वे लाखों की कमाई की उम्मीद कर रहे हैं। दिनेश ने ढाई बीघा जमीन पर अमरूद के 300 पौधे लगाए गए हैं, जिनसे 4 लाख रुपये की पैदावार की संभावना है और वह प्राकृतिक तरीकों से अमरूद की खेती कर रहे हैं।
आजकल के किसान कम लागत में अधिक उत्पादन और मुनाफा कमाने वाली फसलों की खेती कर रहे हैं। वहीं कुछ किसान बागवानी की ओर भी बढ़ रहे हैं, क्योंकि इसके माध्यम से लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं। बागवानी फसलों में किसान अमरूद, चीकू, अनार, अंजीर और सीताफल जैसे फलों की खेती कर सकते हैं। सर्दियों के मौसम में अमरूद से अच्छी आमदनी होती है।
मेरठ के एक किसान ने अपनी लगभग ढाई बीघा जमीन में अमरूद की खेती करना शुरू की है, जिससे वह लाखों रूपयों की कमाई की उम्मीद कर रहे हैं। अब तक 20,000 रुपये के अमरूद वह बेच चुके हैं, और उन्हें अनुमान यह है कि 4 लाख रुपये की पैदावार होगी।
पिछले 20 साल से खेती में हैं सक्रिय
दिनेश कुमार (उम्र 53) गांव भवीं कलां के प्रगतिशील किसान हैं, जिन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और पिछले 20 साल से खेती में सक्रिय हैं। उन्होंने अपनी तीन बीघा जमीन पर इजरायली तकनीक से अमरूद की खेती की है। करीब ढाई बीघा जमीन में उन्होंने 300 अमरूद के पौधे लगाए हैं। दिनेश कुमार ने बताया, मैंने 10×10 फीट की दूरी पर अमरूद के पौधे लगाए हैं। करीब ढाई बीघा जमीन पर यह फसल तैयार हो रही है, जिससे 4 लाख रुपये की पैदावार की उम्मीद है। अब तक 20,000 से अधिक के अमरूद बेचे भी जा चुके हैं। अगर सारे अमरूद नहीं बिके तो वह उनसे गूदा बनाकर बेचेंगे।
कम लागत और प्राकृतिक खेती का फॉर्मूला
दिनेश कुमार ने बताया, अमरूद की देखभाल में अधिक खर्च नहीं आता है. इसे नियमित पानी दिया जाता है और फंगीसाइड का छिड़काव भी समय-समय पर किया जाता है। वह पूरी तरह से प्राकृतिक तरीकों से अमरूद उगाते हैं। उन्होंने इजरायली तकनीक का उपयोग कर अमरूद के पौधे लगाए हैं, जिस पर अब तक कुल 30-40 हज़ार रुपये खर्च हुए हैं। इस प्रकार उन्हें उम्मीद है कि इससे वह इससे लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।