किसान समृद्व बनने के लिए करें केले की खेती Publish Date : 24/09/2024
किसान समृद्व बनने के लिए करें केले की खेती
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
वर्तमान समय में किसान अब परंपरागत खेती छोड़ प्राकृतिक और उन्नत खेती की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, क्योंकि प्राकृतिक खेती से होने वाली उपज की आजकल भारी मांग है और इसमें फायदा भी बहुत है। प्राकृतिक खेती से प्राप्त होने वाले लाभों से प्रभावित होकर ग्राम अमानुल्लापुर के किसान रणवीर सिंह ने अपने खेत में प्राकृतिक पद्धति से केले की खेती करना प्रारंभ कर दिया और उन्होंने टिश्यू कल्चर विधि से तैयार केले की कैडिला किस्म का केला अपने खेत में लगाया है। बड़ी मात्रा में केलों का उत्पादन कर रणवीर सिंह आज लाखों रुपए मुनाफा प्रति वर्ष कमा रहे हैं।
केले की खेती से हो रही है बढ़िया कमाई
प्रगतिशील किसान रणवीर सिंह केले की खेती कर अपनी लागत के अनुरूप अच्छी आमदनी कमा रहे हैं. वह कई सालों ऐसा ही कर रहे हैं.जनपद बाराबंकी के मानपुर गांव निवासी किसान रणवीर सिंह तीन बीघे जमीन पर केले की खेती कर एक फसल पर दो से तीन लाख का मुनाफा कमा रहे हैं।
इस कंपनी का उगा रहे हैं केला
केले की खेती कर रहे किसान रणवीर सिंह ने बातचीत के दौरान बताया, ‘‘वैसे तो मैं करीब 5 सालों से फल, फूल और सब्जियों की खेती कर रहा हूं. क्योंकि इन फसलों में जो मुनाफा होता है वह पारंपरिक तौर पर बोई जाने वाली फसलों से नहीं मिल पाता है। इस समय हमारे पास तीन बीघे के खेत में कैंडिला कंपनी का केला लगा हुआ है, जिसमें हम अच्छा लाभ प्राप्त कर रहे है। इस खेती में जो लागत है, करीब एक बीघे में 25 हजार रुपए आती है और मुनाफा करीब 2 से 3 लाख रुपये तक हो जाता है।
क्यों खास है इस किस्म का केला
कैंडिला कंपनी के केले की खास बात यह है कि अन्य केले के मुकाबले इसकी पैदावार काफी अच्छी होती है और इसकी जो घार होती है छोटी या बड़ी नहीं बल्कि एक ही साइज की होती है, जबकि यह खाने में भी काफी मीठा और स्वादिष्ट होता है। इसके साथ ही इसका जो पौधा होता है उसे हम हैदराबाद से मंगवाते हैं औ यह हमें लगभग 18 रुपए का एक पौधा पड़ता है और इसके पौधे को एक बार लगाने के बाद 3 साल तक इससे फसल ली जा सकती है।
किस प्रकार से की जाती है केले की खेती?
केले की खेती करना काफी आसान होता है। इसके लिए सबसे पहले खेत की जुताई की जाती है औैर इसके बाद 5 बाई 5 की दूरी पर केले के गड्ढे खोद दिए जाते हैं। इसके बाद इन गड्ढों में केले पौधे लगा दिए जाते हैं। इसके बाद जब पेड़ थोड़ा बड़ा हो जाए तो फिर इसकी सिंचाई की जाती है और उर्वरकों के साथ कीटनाशकों का छिड़काव भी किया जाता है, जिससे पेड़ जल्दी तैयार हो जाता है। एक बार केले का पेड़ लगाने के बाद लगभग 14 से 15 महीने में यह फल देना शुरू कर देता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।