नींबू की करें बागवानी, किसान कमाएंगे अच्छा मुनाफा Publish Date : 31/08/2024
नींबू की करें बागवानी, किसान कमाएंगे अच्छा मुनाफा
नींबू की करें बागवानी पूरे वर्षभर रहती है इसकी बंपर डिमांड
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृषणु एवं आकांक्षा
बागवानी करने के लिए नींबू की बागवानी सबसे अच्छी है, इसे कम लागत में खेतों में लगाया जा सकता है। ढाई साल में यह फसल फल देने के लिए तैयार हो जाती है। साने पे सुहागा तो यह कि नींबू की डिमांड हर सीजन में रहती है, इसलिए किसानों को इसकी बिक्री की टेंशन नहीं रहती है।
ऐसे में जो भी किसान भाई कम लागत के साथ बागवानी करना चाहते हैं, तो उनके लिए नींबू की बागवानी करना सबसे अच्छा विकल्प है। सितंबर के महीने में नींबू के पौध को आसानी से लगाया जा सकता है। वहीं नींबू की कई प्रजातियां साल भर फल देती हैं, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है और उनकी आमदनी भी बढ़ती है।
खेतों में नींबू की बागवानी करने के लिए अच्छी क्वालिटी के बीज का चयन करना और उसके बाद खेतों में कम से कम 15 फीट की दूरी पर पौधों को लगाना चाहिए जिससे पौधे आसानी से ग्रोथ कर सकें। इस विधि से नींबू के पेड़ बड़े होने के बाद भरपूर मात्रा में फल देते हैं।
नींबू के पौधों की बागवानी करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सही ढंग से पौधों का रोपण करना. खेतों में नींबू की पौध लगाने के लिए कम से कम 3 फीट गहरे गड्ढे खोदने चाहिए जिससे पौधा उनमें अच्छे से स्थापित हो सके और फल आने पर फलों के भार को सहन कर सके।
किसान भाई अपने खेतों में नींबू की बागवानी फसल को कम से कम ढाई साल में तैयार कर सकते हैं। इसके लिए किसान भाइयों को रोगों को रोकने से लेकर उसके रख रखाव की भी जिम्मेदारी लेनी होती है, जिससे पौधों के अच्छी ग्रोथ करने के साथ ही साथ उसमें किसी तरह का कोई रोग ना लग सके। किसान भाइयों को इसके लिए समय-समय पर दवाई का छिड़काव भी करते रहना होगा।
नींबू की बागवानी करने वाले किसानों को इसे बिक्री करने के लिए ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ती है क्योंकि नींबू की डिमांड हर मौसम में रहती है। शादी पार्टियों से लेकर अचार रखने तक के लिए नींबू की खूब बिक्री होती है, इसके साथ ही नींबू की बागवानी करने से किसानों को अच्छी पैदावार भी मिलती है और अच्छा मुनाफा भी होता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।