
500 एकड़ में फैली प्राकृतिक खेती की मुहिम Publish Date : 26/05/2025
500 एकड़ में फैली प्राकृतिक खेती की मुहिम
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
हरियाणा के यशपाल खोला ने अपने पिता को कैंसर से जूझते देखा, तो उन्होंने अपने अच्छे खासे चलते बिजनेस को छोड़कर प्राकृतिक खेती शुरू की। आज 60 एकड़ में उनका एक करोड़ का टर्नओवर है। इसके साथ ही वह 500 एकड़ क्षेत्र में अन्य किसानों को अपनी इस मुहीम से जोड़ चुके हैं
कभी खेती को घाटे का सौदा मानने वाले हरियाणा के यशपाल खोला को कैंसर से पिता की मौत से ऐसी दिशा मिली कि उन्होंने अपना कपड़े का बिजनेस छोड़कर पुश्तैनी जमीन पर रसायन-मुक्त प्राकृतिक खेती शुरू कर दी। रेवाड़ी जिले के धारुहेड़ा में उन्होंने 60 एकड़ जमीन कॉन्ट्रैक्ट पर लेकर उसे प्राकृतिक खेती में बदल दिया। आज अपनी इस में अन्य किसानों को भी उन्होंने जोड़कर 500 एकड़ से अधिक क्षेत्र को प्राकृतिकै खेती में कन्वर्ट कर दिया है।
अपनाया बी 2 सी कॉन्सेप्ट
यशपाल खोला बताते हैं, हमने B-2-C कॉन्सेप्ट अपनाया है। पॉश सोसाइटियों के उपभोक्ताओं तक नेचुरल उत्पाद सीधे पहुंचाते हैं। आइसबर्ग लेट्यूस, तरबूज, खरबूजा, बीन्स, काली गाजर सहित 70-80 फसलों की एक पूरी लिस्ट है। वह गेहूं, सरसों और मिलेट्स भी उगाते हैं। गेह से आटा बनाकर और सरसों से तेल निकालकर वह बेचते हैं तो बाजरा जैसे मिलेट्स की कुकीज बनाकर भी बेचते हैं। उनके उत्पादों के उपभोक्ता भी अलग-अलग वर्ग के हैं। एनसीआर में रहने वाले जापानी उपभोक्ताओं को सलाद आइटम भी डिलीवर करते हैं।
किसानों को देते हैं ट्रेनिंग
यशपाल बताते है, हमने कई सरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों से एमओयू भी किया है। विश्वविद्यालयों के बच्चे प्राकृतिक खेती का हमारा मॉडल देखने आते हैं। इसके अतिरिक्त आसपास के किसान भाई भी यहां आकर प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग लेते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।