शूकर पालन से स्वालम्बन की ओर      Publish Date : 18/02/2025

                        शूकर पालन से स्वालम्बन की ओर

                                                                                                                                                                      डॉ0 पूतन सिंह

श्री रामपाल, ग्राम सुतईया खुर्द, नवाबग्रज, बरेली में वाल्मिकी समुदाय से एक प्रगतिशील 37 वर्षीय उद्यमी हैं। वर्ष 2004 में 10वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और अपने परिवार के पारंपरिक शूकर पालन के व्यवसाय को अपना लिया। हालांकि, इस व्यवसाय में प्रतिवर्ष मात्र 40,000 से 42000 रूपये तक के मुनाफे से वह संतुष्ट नही थे। इसलिए, उन्होंने शूकर पालन की वैज्ञानिक विधियों को शामिल करते हुए इस व्यवसाय को दोबारा से शुरू करने का विचार बनाया।

                                                                         

इसके सम्बन्ध में वह वर्ष 2022, में किसान मेले के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली के विशेषज्ञों से मिलकर उनसे वैज्ञानिक विधि से शूकर पालन करने की अपनी इच्छा साझा की। कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली के कौशल आधारित प्रशिक्षण के द्वारा सशक्त होकर, उन्होंने अपने स्थानीय नस्ल के शूकरों के बेच दिया और शूकर प्रजनन सह चर्बी वाले फॉर्म के लिए एक बीघा जमीन में निवेश किया। वर्ष 2023 में श्री राम पाल ने अपने फॉर्म पर 45 उच्च गुणवत्ता वाले बड़े सफेद यॉर्कशायर शूकरों का उत्पादन किया।

                                                                

इन तमाम शूकरों का कुल वजन 44.5 क्विंटल था और श्री राम पाल की सकल आय और शुद्व आय क्रमशः 7,56,000 रूपये तथा 3,37,000 रूपये प्राप्त हुई और वह अब बड़े पैमाने पर शूकर पालन करने की योजना बना रहे हैं।

लेखकः डॉक्टर पूतन सिंह, प्रधान वैज्ञानिक भारतीय कृषि पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जत नगर बरेली।