अच्छी आय, केले की ऑर्गेनिक खेती से बदली किसान आनंद की जिंदगी      Publish Date : 08/09/2024

अच्छी आय, केले की ऑर्गेनिक खेती से बदली किसान आनंद की जिंदगी

                                                                                                                                           प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

बाराबंकी जिले के किसान अब ऑर्गेनिक तरीके से फल व सब्जियों की खेती करने लगे हैं. क्योंकि आज के समय में फसल को जल्दी तैयार करने के लिए किसान रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह फसल सेहत के लिए भी फायदेमंद नहीं होती है। वहीं जिले के एक किसान बागवानी के साथ ऑर्गेनिक केले की खेती कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं। उनके द्वारा तैयार फसल किसी की सेहत से खिलवाड़ भी नहीं कर रही है।

                                                        

वर्तमान समय में बाजार में ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग काफी तेजी से बढ़ी है. क्योंकि, ऑर्गेनिक तरीके से उत्पादित होने वाले फल व सब्जियां काफी ज्यादा पौष्टिक होती हैं। इसी कारण से यह महंगे रेट में भी बिक जाते हैं और किसानों को खासा मुनाफा भी होता है। बाराबंकी जिले के पलहरी गांव के रहने वाले युवा किसान आनंद मौर्य आजकल ऑर्गेनिक तरीके से केले की खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। इस किसान को प्रतिवर्ष 4 से 5 लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है।

आर्गेनिक केले की खेती कर रहे किसान आनंद मौर्य ने बताया कि केले की खेती वह करीब सात-आठ सालों से कर रहे हैं। केले की आर्गेनिक खेती करने का आईडिया उन्हें यहां के प्रगतिशील किसान रामशरण वर्मा जी से बात करने के बाद मिला। इसके बाद उन्होंने आर्गेनिक केले की खेती शुरू कर दी। इस समय उनके पास करीब डेढ़ एकड़ केला लगा है, जिसे वह जैविक विधि से तैयार कर रहे हैं।

                                                                     

इसमें लागत करीब एक बीघे में 15 से 16 हजार रुपये तक की आती है, तो वहीं, मुनाफा करीब हमें 4 से 5 लाख रुपये तक हो जाता है। जैविक विधि द्वारा तैयार केला अन्य केले के मुकाबले काफी मीठा और काफी स्वादिष्ट होता है और उन्हें इसका रेट भी मिल जाता है।

जैविक विधि से केले की खेती कर किसान काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं, क्योंकि ऑर्गेनिक फल, सब्जी या अनाज यूं ही महंगे दामों पर नही बिकते हैं। ऑर्गेनिक खेती में इस्तेमाल होने वाली खाद और कीटनाशक केमिकल की तुलना में महंगे आते हैं और यही वजह है कि इनका इस्तेमाल करने से ऑर्गेनिक खेती भी महंगी ही पड़ती है। केमिकल की तुलना में ऑर्गेनिक खेती में उत्पादन भी थोड़ा कम रहता है. क्योंकि, इसमें सब्जियों-फलों के आकार को केमिकल के माध्यम से नही बढ़ाया जाता है।

                                                            

ऐसे में अपना मुनाफा निकालने के लिए इसे किसान थोड़े से महंगे दामों पर ही बेचते हैं और फिर जब यह मार्केट में आते है तो और ज्यादा महंगे हो जाते है। यही वजह है कि आपको हर जगह ऑर्गेनिक प्रोडक्ट सामान्य प्रोडक्ट की तुलना में कुछ महंगे ही मिलते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।