सदमें में आसमान Publish Date : 19/12/2023
सदमें में आसमान
उस रात हीरोशीमा/नागासाकी का आसमान सदमें में था ।
उस रात पड़ी थीं पिघली हुई-
तीन लाख चालीस हजार लाशें !
ढका हुआ था आसमान
मानव मांस की बू से
सदमें में था आसमान ।
उस रात की तैयारी में
न जाने कितने वर्षों से लगे थे-
खोजकर्ता
उस रात प्रशिक्षण का दिन था
उस रात सदमें में था आसमान ।
उस रात पानी के टैंकों में लाशें थी,
नदी में जली लाशें थी,
मकानों के मलबे तले;
कतरे-कतरे छिटकी हुई,
हर जगह लाशें थी-
और सदमें में था आसमान ।
उस शहर के अन्धेरे कोने में
स्तब्ध आकाश को-
एक नन्हीं बच्ची ताक रही थी
ठहरी पलकों के बावजूद
उस रात सदमें में था आसमान।
सौजन्य: डॉ0 आर. एस. सेंगर
प्रस्तुति: मुकेश शर्मा