Homeopathic Medicine for Diabetes Publish Date : 29/02/2024
डायबिटीज, शुगर का होम्योपैथिक इलाज - Homeopathic Medicine for Diabetes
डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा
मधुमेह (Diabetes) किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह एक ज़िन्दगी भर चलने वाली बिमारी है जिसमें आपके रक्त शर्करा (Blood Sugar) का स्तर नार्मल से ऊंचा हो जाता है। इस बिमारी को प्रबंधित करना कठिन लग सकता है मगर हज़ारो मधुमेह से प्रभावित लोगो ने एक अच्छी जीवन शैली, व्यायम, सही डाइट प्लान को पालन कर के इस बीमारी से जीत हासिल की है। उन्होने अपने रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य स्तर पर लाने के लिए कुछ दवाओं की भी आवश्यकता हो सकती है। अधिकांश मधुमेह रोगी अक्सर एलोपैथिक दवा का विकल्प चुनते हैं। हालांकि होम्योपैथी मधुमेह के इलाज में भी फायदेमंद हो सकती है।
मधुमेह का संक्षिप्त विवरणडायबिटीज मेलिटस (Diabetes Mellitus) या मधुमेह दुनिया भर में एक आम बीमारी है। यह एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर (Metabolic Disorder) है जिसमे खून मे मौजूद ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है। मधुमेह की देखभाल महत्वपूर्ण है क्योंकि रक्त शर्करा (Blood Sugar) के स्तर में वृद्वि आपके शरीर के विभिन्न अंगों के कामकाज को प्रभावित करती है। मधुमेह आपकी आंखों, हृदय, यकृत, पैरों और गुर्दे को प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही मधुमेह से अनिद्रा, तनाव, तंद्रा, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव आदि जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
हमारे शरीर मे मौजूद इन्सुलिन (Insulin) ब्लड ग्लूकोज (Blood Glucose) को शरीर के कोशिकाओं तक पहुँचता है जिससे शरीर मे ऊर्जा पैदा होती है। इन्सुलिन की कमी या इन्सुलिन रेजिस्टेंस के कारण ब्लड ग्लूकोस की मात्रा अधिक हो जाती है। अतः शरीर में इंसुलिन (Insulin) का अपर्याप्त या उत्पादन नहीं होने के कारण व्यक्ति को मधुमेह (Diabetes) हो जाता है। मधुमेह के इलाज में मदद करने वाले प्राथमिक दृष्टिकोण और जीवनशैली में बदलाव और दवा, (लोपैथिक, होम्योपैथिक, हर्बल) शामिल हैं। डायबिटीज रिवर्सल मेथड (Diabetes Reversal Method) मधुमेह के हजारों रोगियों के लिए फायदेमंद साबित हुई है। हम अपने इस लेख में डायबिटीज के नियंत्रण में काम आने वाली होम्योपैथिक की टॉप दवाओं के बारे में बात करेंगे।
मधुमेह के लक्षण
मधुमेह (Diabets) के कई मामलों में, शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि, ऐसे मधुमेह रोगी धीरे-धीरे जटिलताओं का अनुभव करने लगते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर (Blood Sugar) की जांच कराएं। मधुमेह के सामान्य लक्षणों में शामिल हैंः
- थकान
- मतली
- बार-बार पेशाब आना
- प्यास और भूख में वृद्वि होना
- वजन घटना
- धुंधली दृष्टि (निगाह कमज़ोर होना)
मधुमेह का होम्योपैथिक उपचार- Homeopathic Treatment of Diabetes
मधुमेह (Diabetes) में शरीर के विभिन्न अंगों में गंभीर जटिलताएं पैदा करने की प्रवृत्ति होती है। मधुमेह के लिए होम्योपैथिक (Homeopahtic) उपचार एक समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित (Holistic Approach) करता है। यह मधुमेह के इलाज के लिए एक गैर-पारंपरिक चिकित्सा है। आम तौर पर, रोगी का एक लंबा और गहन शारीरिक और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन उपयुक्त दवा लिखने में मदद करता है। हालांकि, मधुमेह का शायद ही कोई अन्य उपचार इन मूल्यांकनों पर विचार करता हो। होम्योपैथी का उपचार रोगी के स्वस्थ की जानकारी पर निर्भर करता है।
मधुमेह के उपचार में होम्योपैथी के कार्य
होमियोपैथी अनुसार हमारे शरीर में मौजूद ऊर्जा एक बल पैदा करती है जो हमे सास्वत रखता है। यह बल आपके शरीर की ताक़त को बनाये रखता है और जीवन को सही ढंग से जीने में मदद करता है। यह बीमार को बिमारी से लड़ने में मदद करता है। जब इस बल मे संतुलन बिगाड़ जाता है तो शरीर की बीमारी से लड़ने की क्षमता कमज़ोर होती है और इंसान बीमार पढ़ता है और मरीज़ दिन पर दिन कमज़ोर होता जाता हैं। होम्योपैथी के अनुसार, एक रोग जीवन शक्ति में व्यवधान का प्रतिबिंब (Reflection of Disruption to the Vital Force) है। होम्योपैथी पद्धति में रोगी की व्यक्तिवादी विशेषताओं को समझ कर उपचार किया जाता है।
मधुमेह (Diabetes) मे शरीर मे मौजूद इन्सुलिन की मात्रा कम हो जाती है जिसके कारण ब्लड ग्लूओंसे की मात्रा बढ़ जाती है। मधुमेह आनुवंशिक कारकों या परिवर्तित प्रतिरक्षा (Genetic Factors or Altered Immunity) जैसी समस्याओं का परिणाम है। इसे उपचार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण (Holistic Approach) की आवश्यकता है।
होम्योपैथी : मधुमेह रोगियों के लिए तुरंत का माध्यम नहीं
यदि आप तत्काल चिकित्सा की तलाश में हैं या अपने रक्त शर्करा (Blood Sugar) के स्तर को तुरंत नियंत्रित करना चाहते हैं, तो होम्योपैथी उपचार चुनना कोई अच्छा विचार नहीं है। होम्योपैथी उपचार को आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर प्रभाव दिखाने के लिए कुछ समय चाहिए। मधुमेह (Diabets) को पूरी तरह से ठीक होने में लंबा समय लग सकता है। ऐसे मामलों में होम्योपैथी उपचार मधुमेह की जटिलताओं को रोकने में मदद करता हैं। आप कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों में परिणाम देखने की उम्मीद कर सकते हैं।
यदि आप त्वरित परिणामों की अपेक्षा कर रहे हैं, तो आप पारंपरिक दवाओं के पूरक के रूप में होम्योपैथी दवाओं का उपयोग कर सकते हैं या होम्योपैथी दवाओं और मधुमेह उत्क्रमण कार्यक्रम को एक साथ जोड़ सकते हैं ताकि मधुमेह उत्क्रमण चिकित्सा में तेजी लाई जा सके।
मधुमेह के लिए होम्योपैथिक उपचारः होम्योपैथी उपचार प्राकृतिक हैं क्योंकि इस पद्धति में खनिजों, पौधों और जानवरों (Minerals, Plants and Animals) के अर्क का इस्तेमाल करके दवाये बनती हैं। होम्योपैथी सिद्धांत के अनुसार, किसी पदार्थ के तनु रूप में उसकी अधिकांश चिकित्सीय शक्ति होती है। इसलिए, डॉक्टर मधुमेह के रोगियों को अधिकांश होम्योपैथी दवाओं को को घुलने (Dilute) के बाद इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। होम्योपैथी उपचार के लिए प्राकृतिक पदार्थ घुलने (Dilute) की प्रक्रिया से गुजरता है जब तक कि इसमें मूल प्राकृतिक पदार्थ का केवल एक अंश न हो। उसके बाद, आपको विभिन्न पदार्थों के सांद्रण से निम्नलिखित प्राप्त होते हैंः-
• टैबलेट (Tablet)
• तेल (Oil)
• मलहम (Ointment)
• शुगर पैलेट (Sugar Pallets)
• बूँदें (Drops)
• क्रीम (Creams)
मधुमेह के लिए शीर्ष होम्योपैथिक दवाये
होम्योपैथी में मधुमेह के लक्षणों के उपचार के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं। इसलिए, ऐसी दवाएं लेने से आप स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और मधुमेह के कारण होने वाली जटिलताओं से छुटकारा पा सकते हैं। हालांकि, मधुमेह के रोगियों को इन दवाओं का सेवन करने से पहले अपने होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। ऐसी दवाएं सुरक्षित हैं लेकिन, आपको उन्हें सही खुराक में ही लेनी चाहिए।
होम्योपैथी दवाएं मधुमेह टाइप-1 और टाइप-2 के लिए सहायक हैं। हालांकि, होम्योपैथी में इंसुलिन (Insulin) का कोई विकल्प नहीं है। लेकिन, होम्योपैथिक उपचार मधुमेह रोगियों के चयापचय पहलू को पोषण और चिकित्सीय (Nutritional and Therapeutic Measures) दोनों उपायों के साथ प्रबंधित करने में मदद करता है। होम्योपैथी उपचार में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि किसी भी दो मधुमेह रोगियों को एक जैसी दवाई ना दी जाये क्योकि प्रत्येक रोगी की एक अलग तरह की समस्या होती है, इसलिए सभी दवाएं सभी मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं।
होम्योपैथिक इलाज कई कारण ऐसे लोग हैं जो डायबिटीज रिवर्सल मेथड को चुनने के बाद इंसुलिन का सेवन बंद कर देते हैं। बड़ी संख्या में रोगियों को अब दवा की आवश्यकता नहीं है, जबकि अन्य अपनी दवाओं को 70 प्रतिशत या अधिक तक कम करने में सक्षम थे।
वर्तमान समय में मधुमेह अर्थात शुगर एक महामारी के रूप में सामने आ रहा है, और भारत इस रोग की वैश्विक राजधानी बन चुका है आज के समय मे यह एक तथ्य है कि भारत में लगभग प्रत्येक तीसरा आदमी इस रोग से प्रभावित हैं। यह रोग एक बार लगने के बाद जीवनभर के लिए परेशानी का कारण बनता है। चिकित्सा विज्ञान इतनी प्रगति करने के उपरांत भी आज तक इस रोग की कोई दवा नही खोज पाया है।
इस रोग का केवल प्रबन्ध ही विभिन्न दवाईयों के माध्यम से किया जा सकता हैं। हालांकि एलोपैथिक दवाओं के अपने दुष्प्रभाव भी होते है इस स्थिति को देखते हुए होम्यौपथी एक दुष्प्रभाव रहित प्रबन्धन का बेहतरीन विकल्प प्र्रस्तुत करती हैं। इन दवाईयों का लम्बे समय तक सेवन करने से यह रोग पूर्ण रूप से ठीक तो नही होता है परन्तु शुगर लेवल मेंटेन करने अलावा इसके कारण उत्पन्न होने वाले अनेक अन्य रोगों से बचाव करने में सक्षम सिद्व होती है।
डायबिटीज के टेस्ट के परिणाम-
प्री-डायबिटीज या इम्पेयर्ड ग्लूकोज टालरेंस टेस्ट
नॉन डायबिटिकः 110 मिग्रा. (खाली पेट), 140 मिग्रा. खाना खाने के दो घण्टे बाद।
प्री-डायबिटिकः 110-125 मिग्रा. (खाली पेट), 140-199 मिग्रा. खाना खने के दो घण्टे बाद।
डायबिटिकः 126+ मिग्रा. खाली पेट एवं 200 मिग्रा. खाना खाने के दो घण्टे बाद।
डायबिटीज का होम्योपैथी उपचार
Medicine Symptoms
Chinchona–30 For Pre–Diabetes Stage
Arsenic–30 बार-बार प्यास लगना, बैचेनी, एन्जाईटी आदि लक्षणों में अच्छा काम करती है।
Ratahnia–30 रोगी को पेशाब कम मात्रा में होता है।
Abroma Augusta–Q मधुमेह के कारण वजन रोगी का वजन कम हो जाता है। रोगी का शरीर मात्र हड्डियों का ढाँचा ही रह जाता है।
Carbo Veg–30 पेट का खराब रहना, बेहद कमजोरी, गैस का पेट में ऊपर की ओर चढ़ना, सुबह के समय मुँह का चिपक जाता है।
Phosphorus–1M दृष्टि का कमजोर होना, शुगर के कारण मोतियाबिन्द हो जाना।
Arsenic Brom. –30 शुगर + कब्ज
Syzigium–Q शुगर के सभी प्रकारों में अच्छा काम करती है।
Taraxacum–30 हर समय पेशाब की इच्छा होना।
Acid Phos–200 बहुत अधिक मानसिक एवं शारीरिक कमजोरी का होना।
Acid Actium–30 शुगर + पेशाब में जलन का होना
Argentum Met–30 शुगर के कारण टखने की सूजन।
Lycopodium–30 शुगर के कारण भूख कम तथा गुर्दे में परेशानी।
Mosechus–30 शुगर के कारण उत्पन्न नामर्दी, अत्याधिक यौन दुर्बलता।
Acid Phos–30 + Hypericum–30 हाथ-पैरों में सुन्नपन तथा झनझनाहट।
Scale Core–30 शुगर के कारण पैरों में अल्सर।
Natrum Sulph–200 + Carlsbea–30 शुगर के कारण लगातार कब्ज बना रहता है।
Pancretinum–30 शुगर के कारण सीने में जलन।
Acid Phos–30 + Nux–30 + Sulphur–30 शुगर के कारण याददाश्त में कमीं
लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।
डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के है।