मानसिक रूप से मन्द बच्चों का होम्योपैथी उपचार      Publish Date : 09/02/2024

                      मानसिक रूप से मन्द बच्चों का होम्योपैथी उपचार

                                                                                                                                                       डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

                                                                                   

मानसिक मंदता विकास सम्बंधित विकार है. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमे बच्चे की बौद्धिक क्षमता साथ के अन्य बच्चों के मुकाबले कम विकास करती है।

मानसिक मन्दता की स्थिति में ऐसे बच्चे की आईक्यू का स्तर सामान्य से कम होता है, ऐसे बच्चों का आईक्यू स्तर 70 या उससे कम होता है।

मानसिक मन्दता आमतौर पर एक विकास सम्बन्धी विकलांगता होती है, जिसके अन्तर्गत बच्चे के विकास में देरी या फिर देर से सीखने का कारण बनती है।

मानसिक मन्दता के लक्षण

                                                                       

1.   यदि आपका बच्चा बच्चा बैठना, रेंगना या अन्य बच्चों की तुलना में चलने के जैसी गतिविधियां देर से सीखता है।

2.   बच्चे को बोलने और शब्दों को बनाने, चीजों को याद रखने और सामाजिक नियमों को समझने में उसे परेशानी का अनुभव होता है।

3.   मानसिक रूप से मन्द बच्चे को समस्याओं को सुलझाने में भी समस्या होती है।

4.   ऐसे बच्चों को तर्कसंगत सोचने में भी परेशानी आती है।

बच्चों में इस प्रकार के लक्षणों को देखने के बाद माता-पिता को सतर्क हो जाना चाहिए, और उन्हें शीघ्र ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

इस प्रकार यहां यह भी स्पष्ट करना होगा कि खराब शैक्षिणिक प्रदर्शन किसी प्रकार से भी मानसिक मन्दता से सम्बन्धित लक्षण नही होता है। हालांकि इससे सम्बन्धित अनेक कारण हो सकते है जैसे बच्चों में उत्पन्न व्यवहारिक समस्याएं और इसी प्रकार की अन्य समस्याएं।

मानसिक मन्दता के कारण

                                                                   

1.   डाउन सिन्ड्रोम एवं फ्रैंगिल एक्स सिन्ड्रोम आदि मानसिक मन्दता के सम्बन्ध में सबसे आम आनुवांशिक कारणों के रूप में जाने जाते हैं।

2.   गर्भावस्था और जन्म के दौरान उत्पन्न होने वाली कुछ विशेष समस्याएं।

3.   गर्भावस्था के दौरान मां में होने वाला रूबेला का संक्रमण।

4.   माताओं में होने वाली आयोडीन की कमी।

5.   कुपोषण को बच्चों की मानसिक मन्दता का एक अहम कारण माना जाता है। 

हमारे प्रस्तुत लेख में मानसिक मंदता के उपचार के लिए कुछ होम्योपैथिक उपचार दिए गए हैं। इसके अन्तर्गत आपको केवल यह ध्यान रखना होगा कि इस आलेख को एक गाइड के रूप में मानें और केवल प्रमाणित और प्रशिक्षित होम्योपैथ के मार्गदर्शन में ही दवाएं लें।

1.   बार्यटा कार्बोनिकमः- यह होम्योपैथी दवाई क्रेटिनिज्म के उपचार के लिए बहुत प्रभावी होती है, जैसे बौने दिखने, मानसिक मंदता, सूजन पेट, फुफ्फुस चेहरे, बढ़ी हुई ग्रंथियों, मोटे होंठ और छोटे कद के साथ निर्धारित किया जाता है। ऐसे बच्चे चलने और बोलने के लिए भी बहुत वक्त लेते हैं।

2.   एब्रोटेनमः- होम्योपैथी की यह दवाई तब काम करती है, जब आपके बच्चे को पैरों में कमज़ोरी दिखाई देती है, उम्र बढ़ने, झुकाव और ढीली त्वचा होती है, और वह अपने सिर को स्थिर नहीं रख पता है।

3.   मेडोराइनमः- यह दवाई होम्योपैथ के द्वारा उस समय निर्धारित की जाती है जब आपका बच्चा सुस्त और मंद, भूलने की बीमारी, अयोग्यता, अधीरता, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी के जैसे लक्षण प्रदर्शित करता है। होम्योपैथी की यह दवाई ग़लतफहमी, भेदभाव और भ्रम के उपचार के लिए भी बहुत कारगर सिद्व होती है।

4.   कैल्केरिया कार्बोनिकमः- जब आपका बच्चा मोटापा जैसे लक्षण से परेशान रहता है। बच्चे का लाल चेहरा, बड़ा पेट, बड़ा सिर, पीली त्वचा, मुलायम हड्डियां, पसीने में वृद्धि, मानसिक मंदता, कम कौशल और चलने में विलम्ब इत्यादि, इस दवाई के साथ एक चौकी लुक की तरह के लक्षण दिखाई देते है।

होम्योपैथी में इस समस्या के उपचार के लिए अन्य बहुत सी दवाईयाँ उपलब्ध हैं, परन्तु यहाँ केवल कुछ चयनित और अनुभूत होम्योपैथिक दवाईयों के बारे में बताया गया है जो कि मेरे अनुभव के अनुसार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। हालांकि कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें आप एक माता-पिता के रूप में बौद्धिक अक्षमता के बारे में सीख सकते है, इस जानकारी का उपयोग आप बौद्धिक रूप से अक्षम बच्चे की मदद करने के लिए कर सकते हैं।

                                                                          

इस तरह आप अपने बच्चे को सामान्य जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं। आप बच्चे को आर्ट क्लास, ड्राइंग इत्यादि जैसी सामूहिक गतिविधियों में भी शामिल होने के लिए प्रेरित करे। इससे उन्हें सामाजिक कौशल सीखने और अधिक स्वतंत्र बनने में मदद मिलेगी। परन्तु यदि आप बच्चे की किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं।

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं।