स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए हाम्योपैथिक उपचारः      Publish Date : 15/09/2023

                                                        स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए हाम्योपैथिक उपचारः

                                                        मनसिक स्वास्थ्य हेतु होम्योपैथिक के कारगर नुस्खें-

                                                                                                                                          डा0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                    

 वर्तमान की आपधापी वाली जिन्दगी में जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क कमजोर हो जाते हैं, उनकी स्मरण शक्ति भी कमजोर हो जाती है, उन्हें कुछ भी याद नही रहता और वे भुल्लकड़ हो जाते हैं। उनको पढ़ा हुआ भी पूरी तरह से याद नही रहता और जो कुछ याद भी रहता है उसे वह कुछ समय के बाद भूल जाते हैं। वर्तमान समय में दिमाग का तीव्र होना बहुत ही आवश्यक है और एक अच्छे भविष्य के लिए तीव्र मेधा का होना भी उतना ही आवश्यक है।

तीव्र दिमाग के नियमित खान-पान और नियमित दिनचर्या की आवश्यकता होती है। दैनिक कार्यों से उत्पन्न होने वाले तनाव के चलते छोटी छोटी बातों को याद रखना भी कठिन हो जाता है। कमजोर याददाश्त एक ऐसी बीमारी है जिसके अन्तर्गत प्रभावित व्यक्ति कही गई बात या फिर याद की गई बात को तुरन्त ही भूल जाता है।

मस्तिष्कीय कोहरा क्या होता है-

    जब किसी व्यक्ति का दिमाग याद करने, स्पष्ट सोचने अथवा अपने सामान्य कार्य करने की क्षमता को खो देता है, तो इस स्थिति हो मस्तिष्कीय कोरा यानि ब्रेन फाग कहते हैं, और यह कोई चिकित्सीय स्थिति नही है। ब्रेन फाग कुछ लक्षणों के सन्दर्भ में उपयोग किया जाने वाला एक शब्द है जो किसी व्यक्ति की सोचने की क्षमता और स्मृति में कमी जैसे लक्षण प्रकट हो सकते हैं। प्रभावित व्यक्ति स्वयं को भ्रमित या अव्यस्थित अनुभव कर सकता है या फिर अपने ध्यान को केन्द्रित करने अथवा अपने विचारों को शब्दों में व्यक्त में परेशानी का अनुभव भी कर सकता है। इसे अक्सर मानसिक थकान के रूप में भी सन्दर्भित किया जाता है।

                                                 

याददाश्त में कमी होने के लक्षण

    व्यक्ति की स्मृति में हानि अर्थात भूलने की बीमारी एक असामान्य विस्मृति होती है। इसके अन्तर्गत व्यक्ति नई घटनाओं को याद करने में सक्षम नही होता है, जबकि वह पुरानी एक या एक से अधिक अथवा दोनों को ही याद कर सकता है। स्मृति की हानि कम समय के लिए भी हो सकती है और इसके बाद अपने आप ही ठीक भी हो सकती है जो समय के साथ अधिक बिगड़ भी सकती है।

    स्मृति की हानि प्रभावित व्यक्ति दैनिक जीवन को भी कुप्रभावित करती है। वह अपनी समस्याओं के प्रति योजनाओं के बनाने या फिर उन्हे हल करने में चुनौतियों का समाना करता है। प्रभावित व्यक्ति स्कूल, घर, काम पर अथवा समय या स्थान के सम्बन्ध में भ्रम अपने रोजमर्रा के कार्यो को पुर्ण करने में भी परेशानी का अनुभव करता है। 

तनाव भी देता स्मृति हानि की समस्या को जन्म

                                                               

    तनाव, चिन्ता या अवसाद के चलते भूलने की बीमारी, भ्रम, ध्यान को केन्द्रित करने में कठिनाई के सहित अन्य प्रकार की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं जो व्यक्ति की दैनिक गमिविधियों को भी बाधित करती हैं।

 स्मृति में सुधार कैसे करें-

    चीजों को भूलने की दिक्कत एवं कमजोर याददाश्त अक्स बुढ़ापे के साथ सम्बद्व होती हैं, परन्तु कई बार बच्चे भी इससे प्रभावित होते हैं। होम्योपैथिक दवाएं कमजोर याददाशत और भूलने की बीमारी को दूर करने में प्राकृतिक पदार्थों से बनी होने के कारण यह दवाएं बिना किसी दुष्प्रभाव के चलते बहुत मददगार साबित होती हैं। भूलने की बीमारी तथा कमजोर याददाशत को ठीक करने के होम्योपैथिक में बहुत सी दवाईयाँ होती है।

वर्तमान में व्यक्ति जो भी है, जैसा भी है और जहाँ भी है, उसके पीछे उसकी स्मृति का बेहद खास रोल होता है। जबकि यह भी एक सत्य है कि उम्र के साथ ही हमारी याद्दाश भी कम होने लगती है। हमारे बुजुर्गों के लिए यह एक सामान्य बात है। हालांकि जब यही बात बच्चों एवं युवाओं के सम्बध में हमारे सामने आती है तो यह एक गम्भीर मुद्दा बन जाती है। विशेष रूप से जब छात्र अपनी पढ़ाई की बाते भी भूलने लगते हैं। कुछ दवाईयों का विवरण इस प्रकार से है-

   बैरायटा कार्बः बच्चों की पढ़ाई के दौरान कमजोर याददाश्त की दुरस्त करने के लिए यह सवश्रेष्ठ होम्योपैथिक दवाओं में से एक हैं।

   लैक-कैनिनमः लिखते समय शब्दों को भूल जाने और कमजोर याददाश्त को ठीक करने के लिए एक प्रभावी दवा।

   काली फासः अत्याधिक मानसिक परिश्रम के बाद उत्पन्न हुई बीमारी को ठीक करने के लिए होम्योपैथिक की प्राकृतिक दवाओं में से यह एक उत्तम दवा है।

   कैनाबिस इण्ड़िकाः रोगी बात करते समय बात ही भूल जाता है, ऐसी स्थिति के लिए एक बहुत अच्छी दवा है।

   काली ब्रोमैटमः बहुत ही कमजोर याददाश्त जिसके अन्तर्गत स्मृति पूरी तरह से गायब हो जाती है तो उसके उपचार के लिए शीर्ष होम्योपैथिक उपचार।

   एनाकार्डियमः यह दवाई मस्तिष्कीय कोहरे एवं विस्मृति के उपचार के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मानी जाती है।

   जेल्सीमियमः दिमागी सुस्ती एवं स्पष्ट रूप से सोच पाने में असमर्थ होने के साथ ही एकाग्रता सम्बन्धि परेशानियो के लिए होम्योपैथिक का वरदान।

   जिन्को बिलोबा 1 एक्सः मस्तिष्क में अपर्याप्त रक्त परिसंरण तथा अन्य लक्षण जैसे कान में किसी आवाज का बजना या गूंजना और चक्कर आने, आदि के उपचार में प्रभावी काम करने वाली टेबलेट्स।

   रेक्वेग का आर-54: प्रमस्तिष्कीय कार्यकलापों में गड़बड़ी और स्मरण शक्ति की अत्याधिक दुर्बलता, स्कूली बच्चों का त्रुटिपूर्ण आध्यात्मिक विकास एवं एकाग्रता का अभाव, विरक्ति, आलस्य तथा थकान आदि के उपचार के लिए निर्दिष्ट दवा।

   बृहमी-क्यूः बच्चों का पढ़ा हुआ याद नही रहता है।

   क्लोरमः सम्बन्धित व्यक्ति की याददाश्त का सम्पूर्ण रूप से लोप हो जाना, वह अपना नाम ही भूल जाता है।

   थायरोडिनमः याददाश्त को धीरे धीरे बढ़ाना।

   एनाकार्डियम ओरि.: प्रभावित व्यक्ति को कुछ भी याद नही रहता है। उसे अभी अभी कुछ बोल दो, कुछ पलों के बाद ही वह भूल जायेगा। किसी कमजोर कर देने वाली बीमारी के बाद और युवाओं की याददाश्त में कमी आना।  

विशेषः मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवा, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

इसमें ऐसा भी हो सकता है कि आपकी दवा कोई और भी हो सकती है और कोई दवा आपको फायदा देने के स्थान पर नुकसान भी कर सकती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकगण के अपने हैं।