सामान्य सर्दी के लिए कुछ चयनित होम्योपैथिक दवाएं      Publish Date : 02/11/2023

                                                                      सामान्य सर्दी के लिए कुछ चयनित होम्योपैथिक दवाएं

                                                                                                                                                                      डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

                                                                     

सामान्य रूप से देखा जाए तो सर्दी नाक और गले का एक वायरल संक्रमण होता है जो विभिन्न प्रकार के वायरस और अधिकाँशतः राइनोवायरस के कारण होता है। औसतन, वयस्कों में साल में तीन से चार बार सर्दी हो सकती है, जबकि छोटे बच्चों को इससे अधिक बार भी सर्दी हो सकती है।

सामान्य सर्दी के लिए होम्योपैथिक दवाओं का महत्व

                                                                           

एक बार जब किसी व्यक्ति को सर्दी लग जाती है, तो इंसान की तत्काल प्रतिक्रिया किसी भी प्रकार से जल्द से जल्द इससे छुटकारा पाने की होती है। मेडिकल स्टोर के काउंटर पर मिलने वाली एलोपैथिक दवाएं पीड़ित व्यक्ति को थोड़ी देर के लिए बहती या बंद नाक, छींकने, सिरदर्द और शरीर में दर्द से कुछ राहत प्रदान कर सकती हैं, परन्तु इन दवाओं के प्रभाव से वायरल संक्रमण पीड़ित के शरीर को नहीं छोड़ता है। सर्दी, या ऊपरी श्वसन पथ का वायरल संक्रमण दोबारा से हो जाता है और यह पीड़ित व्यक्ति के लिए और भी अधिक निराशाजनक हो सकता है।

बस यहीं से होम्योपैथिक दवाओं का काम शुरू होता जो कि बहुत मददगार साबित हो सकती हैं। सर्दी के लिए होम्योपैथिक उपचार उस समस्या की जड़ तक जाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि वायरल संक्रमण शरीर से जड़ से खत्म हो जाए। वे इसे बिना किसी दुष्प्रभाव के प्रभावी ढंग से ठीक कर सकते हैं क्योंकि ये प्राकृतिक पदार्थों से बने होते हैं और इसलिए ही यह पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। इसके अलावा, सर्दी से बचाव के लिए होम्योपैथिक उपचार यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि सर्दी दोबारा न हो।

सामान्य सर्दी के लिए कुछ शीर्ष होम्योपैथिक दवाएं

                                                                       

सामान्य सर्दी के इलाज के लिए प्रमुख शीर्ष होम्योपैथिक दवाएं आर्सेनिक एल्बम, एकोनाइट, नैट्रम म्यूर, हेपर सल्फ, बेलाडोना और पल्सेटिला आदि का नाम लिया जा सकता हैं।

1. आर्सेनिक एल्बम - नाक से पतले पानी वाले स्राव के साथ सामान्य सर्दी के लिए-

                                                               

आर्सेनिक एल्बम सामान्य सर्दी को दूर करने के लिए फायदेमंद है, विशेष रूप से जब नाक से पतला पानी निकलता हो। स्राव के बावजूद नाक भरी हुई महसूस हो सकती है जिससे नाक में जलन होती है। अधिकांश समय, यह छींक के साथ होता है । जिन लोगों को इसकी ज़रूरत होती है उन्हें ठंडी हवा में बुरा लगता है। गर्म कमरे में रहने से कुछ राहत मिल सकती है। उपरोक्त शिकायतों के साथ शारीरिक कमजोरी को भी चिन्हित किया जा सकता है।

आर्सेनिक एल्बम का उपयोग कब और कैसे करें?

यह आमतौर पर सर्दी के शुरुआती चरणों के लिए एक अनुशंसित एक उत्तम होम्योपैथिक दवा है, जब नाक से पतला, पानी जैसा स्राव होता है। हालांकि इसमें भरी हुई नाक भी शामिल हो सकती है। हालाँकि इसका उपयोग विभिन्न शक्तियों में किया जा सकता है, और सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली शक्ति 30सी दिन में दो बार मरीज को देनी होती है।

2. एकोनाइट - ठंडी हवा के संपर्क में आने से होने वाली सर्दी के लिए

                                                                                 

एकोनाइट एक प्राकृतिक औषधि है जो पौधे ‘मॉन्क्सहुड’ से प्राप्त की जाती है। सर्दी के लिए यह निस्संदेह सबसे अच्छी और सबसे प्रभावी दवा है, जब किसी को अचानक ठंडी हवा के संपर्क में आने से सर्दी हो जाती है, जैसे एयर कंडीशनर से या ठंडे मौसम में। एकोनाइट का उपयोग करने के लक्षण बंद नाक के साथ कम नाक स्राव हैं। छींकने का भी अनुभव हो सकता है। इसके साथ आने वाले अन्य लक्षण नाक की जड़ में दर्द, सिरदर्द और बुखार भी हो सकता हैं।

एकोनाइट का उपयोग कब और कैसे करें?

यह दवा उन लोगों के लिए पहली प्राथमिकता में होनी चाहिए जिन्हें अचानक ठंडी हवा के संपर्क में आने से सर्दी लग जाती है। इस दवा की अनुशंसित खुराक आमतौर पर लक्षणों की तीव्रता के अनुसार दिन में दो या तीन बार देनी चाहिए जबकि इसकी पोटेंसी एकोनाइट 30सी है।

3 नैट्रम म्यूर - जब सामान्य सर्दी जो छींक के साथ शुरू होती है-

छींकने के साथ शुरू होने वाले सामान्य सर्दी-जुकाम का इस दवा से अद्भुत उपचार किया जा सकता है। छींक आने के साथ-साथ नाक से पतला पानी जैसा स्राव होता है। इसके बाद नाक बंद हो सकती है और जिससे किसी भी प्रकार की गंध की हानि भी हो सकती है।

नैट्रम म्यूर का उपयोग कब और कैसे करें?

जब सर्दी की शुरूआत पहले लक्षण के तौर पर छींक के साथ होती है तो होम्योपैथी की इस दवा का प्रयोग उपचार की पहली पंक्ति के रूप में किया जाना चाहिए। इस दवा की सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली शक्ति 6ग् है, जिसे कम से कम तीन घंटे के अंतर पर दिन में तीन से चार बार सेवन किया जा सकता है।

4. हीपर सल्फ - ठसी और भरी हुई नाक के लिए-

बंद नाक के मामलों में मदद करने के लिए यह दवा सबसे अधिक प्रभावशाली है। ऐसे मामलों में जहां नाक भरी हुई और यह बिलकुल अवरुद्ध महसूस होती है, यह दवा स्राव को बढ़ावा देने और शिकायत को कम करने के लिए उपयोग की जाती है। अधिक विशिष्ट होने के लिए, यह ठंडी हवा के संपर्क में आने से बंद नाक के लिए संकेत दिया जाता है जो छींकने का कारण बनता है। एक बहुत ही विशेष लक्षण जो उपस्थित हो सकता है वह है साँस लेने वाली हवा को ठंडा महसूस करना होता है।

हीपर सल्फ का उपयोग कब और कैसे करें?

यदि सर्दी के कारण पीड़ित की नाक बंद हो गई है तो यह दवा इसके लिए प्रभावी है। इसका उपयोग करने से बन्द नाक से स्राव शुरू हो जाएगा और पीड़ित को राहत मिलेगी। अच्छे परिणाम पाने के लिए इस दवा को दिन में एक या दो बार 30सी पोटेंसी में लेने की सलाह दी जाती है।

5. बेलाडोना - जब गले में खराश नाक के लक्षणों के साथ हो-

                                                          

जब मरीज के गले में दर्द, नाक के लक्षणों के साथ होता है तो यह सबसे अधिक बार दी जाने वाली एक विशेष दवा है । इसका उपयोग तब किया जाता है जब नाक से पानी का स्राव होता है, विशेष रूप से एक तरफ, छींकने और नाक में गुदगुदी होने के साथ। इसके साथ ही गले में खराश, खाद्य पदार्थों के निगलने से कण्ठ में दर्द, गले में लालिमा और कुछ सूजन भी महसूस होती है। खांसी और सिरदर्द की शिकायत भी उपस्थित हो सकती है।

बेलाडोना का उपयोग कब और कैसे करें?

यह दवा सर्दी के लिए सबसे अच्छी दवाओं में से एक है जो नाक संबंधी लक्षणों (जैसे नाक से स्राव, छींक आना आदि) और गले में खराश के साथ गले में दर्द के साथ होती है। इसके अतिरिक्त, यह सर्दी में सिरदर्द को प्रबंधित करने के लिए भी होम्योपैथी का एक शीर्ष विकल्प है। सर्दी से राहत के लिए इस दवा का प्रयोग 30सी पोटेंसी में दिन में दो से तीन बार सेवन करनें से लाभ मिलता है।

6. पल्सेटिला - नाक के गाढ़े पीले और हरे स्राव के लिए संस्तुत दवा-

                                                                         

‘विंड फ्लावर’ पौधे से प्राप्त इस प्राकृतिक औषधि में सामान्य सर्दी के इलाज में शानदार उपचार गुण उपलब्ध होते हैं। यदि कोई मरीज सामान्य सर्दी के अंतिम चरण में हैं, जब नाक से स्राव का रंग पीला-हरा और पतला से गाढ़ा होने लगता है, तो इसके लिए यह दवा सबसे उपयुक्त साबित होती है। इसके साथ ही नाक में रुकावट और सूंघने की शक्ति भी खत्म हो सकती है।

पल्सेटिला का उपयोग कब और कैसे करें?

जब भी गाढ़ा पीला या हरा नाक स्राव मौजूद हो तो पल्सेटिला का उपयोग किया जा सकता है। पल्सेटिला 30सी को दिन में एक या दो बार लिया जा सकता है।

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं।