लम्बाई बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उनका रोल      Publish Date : 07/09/2023

                                                     लम्बाई बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उनका रोल

                                                                                                                                              डॉ0 आर. एस. सेगर एवं मुकेश शर्मा

                                                     

किसी व्यक्ति में लम्बाई का बढ़ना उन लोगों के लिए एक बड़ा मुद्दा हो सकता है जिनकी बढ़ती हुई लम्बाई विभिन्न कारणों से रुक जाती है, और किसी भी अन्य चिकित्सा प्रणाली के अन्तर्गत कोई भी औषधीय उपचार लम्बाई को बढ़ाने में पूरी तरह सफल नहीं होता है। इसके अलावा इनके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, होम्योपैथी चिकित्सा शास्त्र की वह शाखा है जिसका लम्बाई को बढ़ानें में कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है, और यह लम्बाई को बढ़ाने में बेहतर परिणाम भी देती है।

वैसे छोटा कद कोई असामान्य चिकित्सीय स्थिति या बीमारी नहीं होती है, बल्कि छोटे कद वाले लोग आमतौर पर अपने आपको समाज से अलग-थलग महसूस करते हैं और उनमें आत्म-सम्मान की कमी आ जाती है। वहीं जिन लोागें की लम्बाई पर्याप्त होती है, वे लोग अपनें आपको अधिक फिट अनुभव करते हैं और वह अपने कार्यों को अधिक आसानी और उच्च दक्षता के साथ प्रतिपादित करने में सक्षम होते हैं। हम अपनी इस ब्लॉग पोस्ट में यह जानने का प्रयास करेंगे कि होम्योपैथिक उपचार कैसे बिना किसी दुष्प्रभाव के प्राकृतिक रूप से लम्बाई को बढ़ाने में हमारी सहायता कर सकते हैं।

आपकी लम्बाई क्या निर्धारित करती है?

                                                       

यह एक आवश्यक एवं महतवपूर्ण घटक है जो किसी व्यक्तिं की लम्बाई और उसकी वृद्धि में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्रोथ Hormone बच्चों की लम्बाई बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह एक विशेष अवधि के लिए स्रावित होते हैं। इसलिए, शरीर में इन Hormones का सही संतुलन बनाए रखना भी अपने आप में काफी महत्वपूर्ण होता है और इसके लिए आपको स्वस्थ और संतुलित आहार लेने की आवश्यकता होती है जिससे कि आपकी उपास्थि को पूर्ण समर्थन प्राप्त हो सके।

होम्योपैथिक उपचारों का उपयोग कर अपनी लम्बाई को किस प्रकार बढ़ाएं?

चूँकि होम्योपैथी के माध्यम से न केवल विकार के शारीरिक लक्षणों का उचित उपचार करने के लिए, अपितु किसी भी बीमारी को समूल समाप्त करने के लिए भी जाना जाता है। होम्योपैथिक दवाओं में स्थायित्व बढ़ाने और उपास्थि की उचित संरचना को बनाए रखने के लिए उसे एक आधार प्रदान करने की अपार क्षमता होती है।

अतः होम्योपैथिक औषधियों के प्रयोग से लम्बाई को बढ़ाने में रीढ़ की हड्डी भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसी व्यक्ति के लिए जीवन के शुरुआती वर्षों में अपनी उचित लम्बाई प्राप्त करना अपेक्षाकृत आसान होता है।

लम्बाई और इसकी वृद्धि रीढ़ की हड्डी में उपस्थित डिस्क की चौड़ाई पर भी काफी निर्भर करती है जो हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी की लम्बाई को निर्धारित करने में हमारी मदद करती है। यदि इसे इस प्रकार से कहा जाए कि डिस्क की चौड़ाई जितनी अधिक होगी, व्यक्ति की लम्बाई उतनी ही अधिक होगी तो यह गलत नही होगा।

लम्बाई बढ़ाने के लिए  कारगर है होम्योपैथिक दवाएं

                                                        

होम्योपैथी उपचार के दौरान, मरीज को ऐसी दवाएं दी जाती हैं ताकि वे प्रतिरक्षा प्रणाली के अनुरूप हो जाएं और इस तरह अपना प्रभाव उत्पन्न करें, जबकि एलोपैथी दवाएं इन दवाओं के विकल्पों के विपरीत जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज को दबा देती हैं। इसके साथ ही कुछ ऐसे तथ्य भी होते हैं जिन पर लम्बाई बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक उपचार चुनते समय आवश्यक रूप से विचार किया जाना चाहिए जो कि इस प्रकार हैं-

1. अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए इन होम्योपैथिक दवाओं का सेवन सही मात्रा में करना होता है।

2. होम्योपैथी चिकित्सा पद्वति के अन्तर्गत प्रत्येक व्यक्ति के शरीर को अद्वितीय माना जाता है और इसलिए विकास भिन्नताएं अलग-अलग व्यक्तियों में भी भिन्न ही होती हैं। ऐसे कई कारक होते हैं जो इस भिन्नता को निर्धारित करते हैं जैसे लक्षण, शारीरिक स्थिति और व्यक्ति की क्षमता तथा मरीज की मानसिक स्थिति आदि। इसलिए, यदि आप नियमित रूप से होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते हैं, तो निश्चित रूप से आपकी लम्बाई में भी पर्याप्त वृद्धि होगी।

3. होम्योपैथी की दवाएँ वयस्कों को भी दी जा सकती हैं।

4. लम्बाई बढ़ाने के लिए दी जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं बिल्कुल भी नशे की लत वाली नहीं होती हैं। एक बार सुधार दिखने पर व्यक्ति दवा बंद भी कर सकता है।

5. होम्योपैथी दवाएं प्राकृतिक पदार्थों से बनी हुई होती हैं और यह सेवन करने के लिए सुरक्षित हैं। अतः शिशु और गर्भवती महिलाएं भी इसका सेवन कर सकते हैं।

6. होम्योपैथी समग्र उपचार के दृष्टिकोण को अपनाकर काम करती है।

अपनी चयापचय (Metabolism) गतिविधियों को सही ट्रैक पर रखें। ये आवश्यक विटामिन ऊर्जा प्रदान करते हैं, हड्डियों के स्वास्थ्य को मजबूती प्रदान करते हैं और क्षतिग्रस्त सेलुलर में क्षति की मरम्मत करते हैं।

यह बेहद अहम है कि 18 साल की उम्र के बाद लम्बाई कैसे बढ़ाएं?

                                                                      

18 वर्ष की आयु बचपन और व्यस्कता के बीच की एक संक्रामक अवस्था होती है। यह तो हम सभी जानते ही हैं कि किशोरावस्था के दौरान मानव शरीर में कई Hormonal परिवर्तन होते हैं। यह वास्तव में अच्छी खबर है कि एक व्यक्ति 18 वर्ष की आयु का होने के बाद भी 2 से 6 इंच लंबा हो सकता है।

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि मानव शरीर आगे बढ़ने और विकसित होने में सक्षम है। इसलिए, कुछ बाहरी प्रयासों की मदद से 18 साल के बाद लम्बाई को बढ़ाने की संभावनाएं मौजूद होती है ।

18 साल की आयु के बाद लम्बाई कैसे बढ़ाएं?                        

                                                                   

यद्यपि 18 वर्ष की आयु के बाद भी लम्बाई को बढ़ाना संभव होता है, लेकिन सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए कुछ अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता भी होती है, क्योंकि इस आयु में शरीर का विकास मंद हो जाता है।

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि आगे की वृद्धि और विकास के लिए पोषण अनिवार्य है, सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक और उचित लम्बाई को हासिल करना है। इसके अलावा, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद लम्बाई बढ़ने के लिए कई अन्य कारकों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

1. स्वस्थ नाश्ता: हमेशा स्वस्थ नाश्ता करने की सलाह दी जाती है। नाश्ता छोड़ना आपके विकास और विशेषतः आपकी लम्बाई के लिए बिल्कुल भी स्वस्थ विकल्प नहीं हो सकता है। सही नाश्ता करने से आपका मेटाबोलिज्म बढ़ता है और इससे आपकी लम्बाई पर स्वतः ही बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

2. उचित पोषण: एक स्वस्थ शरीर के लिए उचित पोषण अत्यंत आवश्यक है। अपर्याप्त पोषण के चलते अधिकांश लोग 18 वर्ष की आयु तक अपनी अधिकतम लम्बाई तक पहुंचने में असफल हो जाते हैं। उचित पोषण पाने के लिए कुछ संतुलित आहार के नियम का पालन करना आवश्यक होता है ।

आवश्यक पोषक तत्वों का सेवन  प्राकृतिक और चिकित्सकीय रूप से शरीर की लम्बाई बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करता है। इन बिंदुओं के अलावा, जिंक, मैंगनीज और फास्फोरस से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी प्रतिदिन की खुराक में शामिल करना भी आपकी लम्बाई को बढ़ाने में सकारात्मक योगदान देता है।

3. पर्याप्त नींद और आराम करें:  उचित नींद और आराम समग्र वृद्धि और विकास के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किशोरों को हर रात कम से कम 8.5 से 11 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नींद के दौरान हमारा शरीर बढ़ता है और इसके ऊतकों को पुनर्जीवित करता है।

                                          

इसके अलावा, मानव विकास Hormone, जो कि लम्बाई बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है, वह भी सोते समय ही स्रावित होता है। इसलिए, लम्बाई बढ़ाने के लिए उचित नींद और आराम करना भी अनिवार्य होता है।

4. थोड़ा-थोड़ा भोजन दिन में कई बार: अपने चयापचय को बढ़ावा देने के लिए एक दिन में तीन समय के भोजन के बजाय छह बार में छोटे-छोटे भोजन करें। 18 वर्ष की आयु के बाद भी आपकी लम्बाई बढ़ने का परिणाम और उत्पादित मानव विकास Hormone की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि आप क्या खाते हैं।

इसलिए, यह सुनिश्चित करना भी काफी महत्वपूर्ण है कि आपको प्राकृतिक रूप से पूर्ण लम्बाई को प्राप्त करने के लिए आवश्यक विटामिन, खनिज और प्रोटीन प्राप्त हो रहे हैं अथवा नही।

5. व्यायाम और योग व्यवस्था: 18 साल की उम्र के बाद आपकी लम्बाई बढ़ाने के लिए व्यायाम एक महत्वपूर्ण कारक है। स्किपिंग, ओवरहेड बार से लटकना और अपने पैर की उंगलियों पर खड़े होकर शरीर को स्ट्रेच करना जैसे कई सरल व्यायाम आपके दैनिक वर्कआउट रूटीन का हिस्सा होने ही चाहिए।

इसके अतिरिक्त, बास्केटबॉल, फ़ुटबॉल और तैराकी के जैसी खेल गतिविधियाँ भी लम्बाई बढ़ाने के लिए फायदेमंद होती हैं और इसके लिए योग भी बहुत कारगर माध्यम है।

6. अपने शारीरिक वजन को आदर्श बनाए रखें: मोटापा आपकी लम्बाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। मोटापा कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए, संतुलित आहार और उचित व्यायाम वाली व्यवस्था का पालन करके अपने शरीर के वजन को आदर्श स्थिति में बनाए रखना भी एक महत्वपूर्ण कारक है।

                                                             

7. पर्याप्त मात्रा में करें पानी का सेवन: पानी आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और पाचन क्रिया को सुचारू बनाने में सहायता करता है। इसलिए, बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रति दिन कम से कम 8 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है।

8. वृद्वि अवरोधकों से बचाव: अधिकतर किशोर, अक्सर उनकी वृद्वि एवं विकास पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को जाने बिना ही धूम्रपान और शराब पीने की आदत को अपना लेते हैं। एंटीबायोटिक्स दवाएं, सिगरेट और शराब किशोरवय में विकास एवं वृद्वि अवरोधक के रूप में कार्य करते हैं; इसलिए, 18 साल की उम्र के बाद भी प्राकृतिक रूप से लम्बाई को बढ़ाने के लिए इस प्रकार के पदार्थों का सेवन करने से बचें।

9. अच्छी मुद्रा का करें अभ्यास: 18 वर्ष की आयु के बाद भी लम्बाई को बढ़ाने के लिए एक अच्छी मुद्रा विकास और लम्बाई बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अपने सिर और गर्दन को हमेशा सीधी मुद्रा में रखने की कोशिश करें। झुकने और झुककर कार्य करने से आपकी रीढ़ की हड्डी की सामान्य लम्बाई भी दब जाती है।

10. धूम्रपान और शराब आदि नशीली वस्तुओं का सेवन करने से बचें: धूम्रपान और शराब आदि का सेवन करने से आपका प्राथमिक विकास रुक जाता है। यह आपके द्वितीयक विकास की शुरुआत करता है जो आपकी लम्बाई पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसलिए अनैतिक कार्यों से दूर रहने में ही आपकी भलाई है।

हमारी इस ब्लॉग पोस्ट में, पुरुषों और महिलाओं में 18 वर्ष की आयु के बाद लम्बाई बढ़ाने के सभी आवश्यक सुझाव दिए गए हैं। सौभाग्य से, उपरोक्त चरणों का पालन करके आप अपनी आयु के 18 साल पूरा करने के बाद भी आपकी लम्बाई को बढ़ाना संभव है।

इसके बावजूद, यदि आपकी लम्बाई युवावस्था से पहले और उसके बाद के समय के बीच ज्यादा नहीं बढ़ी है, तो आपको इस समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी जाती है।

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवा, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

इसमें ऐसा भी हो सकता है कि आपकी दवा कोई और भी हो सकती है और कोई दवा आपको फायदा देने के स्थान पर नुकसान भी कर सकती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करें। इसके लिए आप फोन न0- 9897702775 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकगण के अपने हैं।