अनिद्रा रोग के लिए उपकारी होम्योपैथिक उपचार Publish Date : 03/09/2023
अनिद्रा रोग के लिए उपकारी होम्योपैथिक उपचार
डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा
अनिद्रा, जो कि एक नींद नही आने की बीमारी है, जिसके अन्तर्गत कोई प्रभावित व्यक्ति नींद के नही आने से पीड़ित होता है और वह अपनी नींद को पूरी कर पाने में असमर्थ रहता है। यह लंबे समय तक रोगी सो नही पाता है, जिसके स्वास्थ रहने के लिए अत्यन्त ही आवश्यकता होती है। अनिद्रा प्रभावित व्यक्ति की शारीरिक कामकाज को प्रभावित करती है और शरीर की दर्द प्रति संवेदनशीलता को भी बढ़ाती है।
हालांकि, अनिद्रा के विभिन्न उपचार एवं विकल्प उपलब्ध हैं। होम्योपैथी की दवा को अनिंद्रा के उपचार में एक महत्वपूर्ण और बहुत ही कुशल रूप माना जाता है, जो अनिद्रा और संबंधित नींद संबंधित विकारों का उपचार सफलतापूर्वक करता है, क्योंकि होम्योपैथी अनिद्रा के कारण को समूल समाप्त करने में सक्षम है और इसकी सहायता से यह दोनों विकार और लक्षण पुरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
अनिद्रा के कारण लक्षण व इसका होम्योपैथिक उपचार
हमारी दैनिक गतिविधियों में कुछ ऐसी चीजें शामिल हैं जिनको हमें पूरा करना बहुत जरूरी होता है अगर हम इन गतिविधियों को पूरा नहीं कर पाते हैं तब हमें काफी सारी अलग-अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसी के कारण हमारे शरीर में कई बीमारियां भी उत्पन्न हो जाती है। इन छोटी बड़ी गतिविधियों में नींद भी एक ऐसी ही चीज है जिसको पूरा करना बहुत जरूरी होता है।
लेकिन काफी सारे लोगों को नींद न आने की समस्या होती है, जिसके कारण उनको अपने पूरे जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है कई बार उनको इसी वजह से कई बीमारियां भी लग जाती है तो आज इस ब्लॉग में हम आपको नींद न आने के कारण, लक्षण व इसके होम्योपैथिक उपचार के बारे में बताने वाले हैं-
जिस तरह से ही एक इंसान के लिए खाना और पीना आवश्यक होता है उसी तरह से नींद लेना भी उतना ही आवश्यक होता है क्योंकि अगर कोई इंसान लंबे समय तक अपने शरीर की नींद पूरी नहीं कर पाता तो इससे उसके शरीर में काफी सारी खतरनाक समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
जब कोई इंसान अपनी नींद को पूरा नहीं कर पाता तो इस स्थिति को अनिद्रा कहा जाता है यह एक ऐसा विकार होता है जो कि किसी भी इंसान में उत्पन्न हो सकता है और यह विकार हमारे शरीर के लिए काफी खतरनाक होता है। नींद हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में तो मदद करती ही है।
इसके साथ ही यह हमारे दैनिक कामों के साथ भी जुड़ी हुई है अगर हम पूरी तरह से सो नहीं पाते तो हम अपने किसी भी प्रकार के काम को ठीक तरह से नहीं कर पाएंगे इसलिए जब भी किसी इंसान को अनिद्रा का विकार उत्पन्न होता है, तब उसको तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाना चाहिए और इस समस्या को हल्के में बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए क्योंकि लंबे समय तक यह समस्या रहने पर आपको कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है जिसमें तनाव, चिंता, मानसिक रोग जैसी बीमारियां शामिल है।
वैसे तो अनिद्रा स्थिति के उत्पन्न होने की सटीक कारणों के बारे में अभी तक पता नहीं लगाया गया है लेकिन यह एक ऐसा विकार है जो कि किसी भी इंसान के शरीर में उत्पन्न हो सकता है और इसके कुछ साधारण से कारण भी हो सकते हैं जैसेः-
- अपनी दैनिक गतिविधियों के ऊपर ज्यादा ध्यान देना।
- अपने सोने उठने का टाइम फिक्स ने होना।
- ज्यादा शराब, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू जैसी चीजों की लत लगना जाना।
- ज्यादा तले भुने हुए वे मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन करना।
- लंबे समय तक कठोर कार्य करते रहना।
- अपने शरीर को सभी पोस्टिक आहार उपलब्ध न करवाना।
- गरीबी में जीवन व्यतीत करना।
- किसी बात को लेकर ज्यादा चिंता करना।
- किसी प्रकार के डर के वातावरण में जीना।
- अलग-अलग प्रकार के भ्रम पैदा होना।
- ज्यादा स्मार्ट फोन इंटरनेट और दूसरी चीजों का इस्तेमाल करना।
- अपनी जीवन शैली में टाइम का पाबंद न होना।
- रोगी के शरीर में किसी प्रकार की बड़ी बीमारी का होना।
इसके अलावा भी किसी भी इंसान के शरीर में अनिद्रा का विकार उत्पन्न होने के पीछे काफी सारे और अलग-अलग कारण हो सकते हैं-
जब भी हमारे शरीर में अनिद्रा की समस्या उत्पन्न होती है तब हमें इस समस्या के शुरुआती समय में ही कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं जिनको हम आसानी से पहचान सकते हैं और इस समस्या की शुरुआत में ही इसका इलाज शुरू कर सकते हैं जैसे-
- रोगी को बार-बार किसी चीज को लेकर बेचौनी घबराहट वह चिंता होना।
- रोगी का मन भ्रम की चीजों में ज्यादा पडना।
- रोगी को ज्यादा नींद न आना।
- रोगी लंबे समय तक एक साथ न सो पाना।
- रोगी को तनाव, डिप्रेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न होना।
- रोगी को सांस से संबंधित बीमारी उत्पन्न होना।
- रोगी को अलग-अलग प्रकार के मानसिक रोग होना।
- रोगी को थकान आलस जैसी समस्याएं उत्पन्न होना।
- रोगी को सिर दर्द की समस्याएं।
- रोगी को लंबे समय तक सिरदर्द की समस्या उत्पन्न होना।
- रोगी का मन किसी भी प्रकार के काम में न लगना।
- रोगी की भूख प्यास कम हो जाना।
इसके अलावा भी जब भी किसी इंसान के शरीर में अनिद्रा की स्थिति उत्पन्न होती है तो उसमें काफी सारे और लक्षण दिखाई देने लगते हैं इससे कई अलग-अलग प्रकार की बीमारियां भी लगने लगती है।
दोस्तों, हमारी इस ब्लॉग पोस्ट के अन्तर्गत कुछ सामान्य होम्योपैथिक दवाएं दी गई हैं, जिनका उपयोग अनिद्रा के उपचार के लिए किया जाता है. होम्योपैथी की दवाओं के लक्षणों के साथ जब इनका उपयोग जाता हैं तो यह निश्चित रूप से कारगर सिद्व होते हैं-
1. आर्निका: जब अनिंद्रा से प्रभावित व्यक्ति, जो कि शारीरिक रूप से अधिक काम करता है, तो रोग के लक्षणों को कम करने के लिए इस होम्योपैथी की दवा का उपयोग किया जाता है और यह उस समय भी उपयोगी है कि जब जेट अंतराल अनिद्रा का कारण बनता है।
2. एकोनाइटः एकोनाइट, अनिद्रा के गंभीर मामलों का उपचार करने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप रोगी को भय, सदमे, परावर्तक, दुःख या कुछ बुरी खबरों के कारण अनिंद्रा का रोग हो सकता है। चिंता, तनाव और बेचैनी भी अनिद्रा का कारण बनती है, जो एकोनाइट नामक होम्योपैथी की दवा के सेवन करने से ठीक हो जाती है।
3. आर्सेनिकम एल्बमः यह होम्योपैथिक उपचार अनिद्रा का इलाज करता है, जब एक रोगी दिन के दौरान तो नींद महसूस करता है, लेकिन वह रात में सो नहीं सकता है। इस दवा का रोगी बेचैनी और बुरे सपनों को भी देखा करता है।
4. कैल्केरिया फॉस्फोरिकमः यह दवा अनिद्रा के ऐसे रोगियों के उपचार में काम करती है, जो सुबह उठने में कठिनाई का अनुभव करते हैं। इस दवा में रोगी चिंतित, बेचैन हो जाता है और वह आसानी से परेशान हो जाता है और इसके अलावा रोगी अपने दैनिक दिनचर्या के कार्यों से बचने का प्रयास करता है।
5. कॉस्टिकमः कॉस्टिकम का उपयोग अनिद्रा के ऐसे मामलों में किया जाता है जहां रोगी द्वारा बिस्तर गीलेपन की संभावना होती है और वह भी खासकर रात के पहले चरण के दौरान, इसके रोगी में अंधेरे के प्रति डर और न्याय की एक मजबूत भावना विकसित हो सकती है।
6. कैमोमिलाः होम्योपैथी की इस दवाई को बच्चों की कम नींद के मामलों में प्रमुखता से होता है, जहां नींद, क्रोध या रंगशास्त्र नींद में व्यवधान पैदा करते हैं। इसे रोगी की आंखें नींद के दौरान पूरी तरह से बंद नहीं होती हैं और रोगी रोने लगता है। इस दवा का उपयोग कम सोने वाले लोगों में भी किया जाता है जो चिड़चिड़ाहट और चतुर हैं और भयभीत सपनों का अनुभव करते हैं।
7. कोकुलसः कोकुलस अनिद्रा के इलाज के लिए किया जाने वाला एक प्रमुख उपचार है, जो थकावट और तनाव के कारण से अधिक होता है। इसके साथ ही यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो रात के बदलाव के दौरान काम करते हैं और काम के कारण नींद की रातें जागृत अवस्था में बिताने की ज़रूरत होती है।
8. कॉफिया क्रूडाः यह होम्योपैथिक उपचार कॉफी सेम से लिया गया है और यह लोगों को अनिद्रा की स्थिति प्रदान करता है। जब कोई व्यक्ति उत्साहित हो जाता है और लगातार चलने वाले विचारों की श्रंखला के कारण जागता रहता है, तो कॉफिया क्रूडा उस व्यक्ति के विचारों को शांत कर सकती है।
9. इक्विसेटमः यह होम्योपैथिक दवा अनिद्रा का बेहतर उपचार उस दशा में करती है, जहां सपने देखते समय रोगी बिस्तर पर गीला होना, जो अपरिपक्व तंत्रिका कार्य करने के कारण होता है।
10. इग्नाटियाः इग्नाटिया के रोगी को अत्यधिक शॉक, दुःख या भावनात्मक तनाव से होने वाली अनिद्रा का इलाज करता है। इसका रोगी बहुत मूडी हो जाता है, नींद के दौरान अपने अंग झटके और सपने आदि से परेशानी का अनुभव करता है।
होम्योपैथी अनिद्रा या नींद के लिए एक आदर्श उपचार है, प्राकृतिक होने के चलते, यह किसी भी दुष्प्रभाव के बिना बहुत ही कुशलतापूर्वक काम करता है।
लेखकः मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।
इसमें ऐसा भी हो सकता है कि आपकी दवा कोई और भी हो सकती है और कोई दवा आपको फायदा देने के स्थान पर नुकसान भी कर सकती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करें। इसके लिए आप फोन न0. 9897702775 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।
डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकगण के अपने हैं।