
“एनजाइना पेक्टोरिस” के लिए प्रभावी होम्योपैथिक दवाएं Publish Date : 25/05/2025
“एनजाइना पेक्टोरिस” के लिए प्रभावी होम्योपैथिक दवाएं
डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा
“एनजाइना पेक्टोरिस” एक ऐसी स्थिति, जो हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह में कमी के चलते निर्मित होती है और सीने में दर्द या बेचैनी होना इसकी विशेषता होती है। आमतौर पर ऐसा कोरोनरी धमनी रोग के कारण होता है, जहां हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां संकुचित या अवरुद्ध हो जाती हैं। इस दौरान अक्सर छाती में दबाव, भारीपन, जकड़न या दर्द के रूप में वर्णित किया जाता है। यह दर्द बाहों, कंधों, गर्दन, जबड़े या पीठ तक भी फैल सकता है।
एनजाइना पेक्टोरिस के कारण
एनजाइना पेक्टोरिस का मुख्य कारण हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह कम हो जाना होता है, जो आमतौर पर कोरोनरी धमनी रोग के कारण होता है। कोरोनरी धमनियों का यह संकुचन या रुकावट किसी प्लाक के निर्माण के कारण हो सकता है, जो वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों से बना पदार्थ है। एनजाइना में योगदान देने वाले अन्य महत्वपूर्ण कारकों में शामिल होते हैं-
- उच्च रक्तचाप
- धूम्रपान
- मधुमेह
- उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर
- मोटापा
- शारीरिक गतिविधि की कमी और
- तनाव।
एनजाइना पेक्टोरिस के लक्षण
एनजाइना पेक्टोरिस के हर मरीज में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इनमें कुछ निम्न लक्षण शामिल होते हैं:-
- सीने में दर्द या बेचैनीः आमतौर पर इसे सीने में दबाव, भारीपन, जकड़न या दर्द के रूप में वर्णित किया जाता है।
- शरीर के अन्य हिस्सों में दर्दः यह दर्द बाहों (आमतौर पर बाएं हाथ, लेकिन दाएं हाथ को भी प्रभावित कर सकता है), कंधों, गर्दन, जबड़े या पीठ तक भी फैल सकता है।
- सांस लेने में कठिनाई।
- थकान।
- जी मिचलाना।
- पसीना आना।
यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इसके लक्षण हर मरीज में अलग-अलग हो सकते हैं और कुछ व्यक्तियों में असामान्य लक्षण या यहां तक कि कोई लक्षण भी नहीं हो ऐसा भी हो सकता हैं, विशेषरूप से साइलेंट इस्केमिया के मामलों में। अगर आपको लगता है कि आपको एनजाइना या दिल से संबंधित कोई लक्षण महसूस हो रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या होम्योपैथी एनजाइना पेक्टोरिस के लिए प्रभावी है?
होम्योपैथिक दवाएं एनजाइना पेक्टोरिस के लक्षणों से काफी हद तक राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं और इस प्रकार, तनाव के समय में एक प्रभावी चिकित्सा पद्वति साबित होती सिद्व हो सकती हैं।
एनजाइना पेक्टोरिस से राहत के लिए कुछ सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथिक दवाएं-
एनजाइना पेक्टोरिस के मामलों में उपयोगी होम्योपैथिक दवाओं की संख्या बहुत बड़ी है। हालाँकि, अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए तो निम्नलिखित कुछ दवाओं ने असाधारण परिणाम दिखाए हैं।
एनजाइना पेक्टोरिस के लिए होम्योपैथिक दवा
कैक्टस ग्रैंडिफ्लोरसः हृदय में कसाव की अनुभूति, धड़कन तेज होना, घुटन, ठंडा पसीना आना और हृदय के चारों ओर लोहे की पट्टी जैसा महसूस होना।
यह लक्षण खुली हवा, सुबह 11:00 बजे और रात 11:00 बजे, बाईं करवट लेटने से, मासिक धर्म आने के समय अधिक बदतर होते हैं।
Crataegus: मरीज के बाएं स्तन में अचानक भयानक दर्द, जो हृदय से होते हुए उसकी बांह तक फैलता है। बाएं कंधे की हड्डी और बाएं हंसली के नीचे दर्द।
यह लक्षण ताज़ी हवा, आराम के समय, परिश्रम या उत्तेजना और गर्म कमरे में अधिक बदतर हो जाते हैं।
काल्मिया लैटिफोलियाः धूम्रपान की आदत वाले रोगियों में एनजाइना पेक्टोरिस। घबराहट, नसों में दर्द के साथ बहुत कमज़ोरी पीठ के बल लेटें।
आगे की ओर झुकने तथा नीचे की ओर देखने से यह लक्षण गम्भीर हो जाते हैं।
लौरोसेरससः दिल जोर से धड़कना है, थोड़ी दूर चलने, चढ़ने, चलने से पूरी तरह साँस फूल जाता है।
लिलियम टिग्रीनमः एनजाइना पेक्टोरिस के साथ दाहिने हाथ में दर्द, पूरे शरीर में धड़कन, रगड़ना और दबाव होना।
झुककर दाहिनी ओर लेटने से यह लक्षण बिगड़ जाते हैं।
नाजा त्रिपुडियन्सः एन्जाइना संबंधी दर्द गर्दन की जड़ से बाएं कंधे और बांह तक फैल जाता है, साथ ही चिंता और भय भी होता है।
खुली हवा में टहलने और गाड़ी में सवारी करने के दौरान यह लक्षण बढ़ जाते हैं।
नक्स मस्काटाः नाड़ी का लंबे अंतराल पर रुक-रुककर चलना, जिससे मृत्यु का भय उत्पन्न होता है। टहलना, गर्म पानी पीनसे राहत मिलती है, परन्तु ठंडा भोजन करने और ठंड़े नम मौसम में लक्ष्ण बिगड़ते हैं।
स्पिगेलियाः तेज धड़कन के साथ गर्म पानी की लालसा, जो राहत प्रदान करती है। श्वास कष्ट। राहत पाने के लिए सिर ऊंचा करके दाहिनी ओर लेटें।
गहरी प्रेरणा और हल्की सी हलचल से लक्षण बिगड़ जाते हैं।
टैबोकमः एनजाइना पेक्टोरिस, मतली, ठंडा पसीना और बेहोशी के साथ।
कपड़ा खोलने, उघाड़ना, खुली हवा और आँखें खोलने से लक्षण बदतर हो जाते हैं।
लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।
डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।