
ओबसेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर का होम्योपैथिक उपचार Publish Date : 27/03/2025
ओबसेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर का होम्योपैथिक उपचार
डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) एक चिंता का विकार है, जिससे प्रभावित व्यक्ति को अवांछित विचार लगातार आते रहते हैं। उसके मन में अवांछित विचारों के प्रति यह जुनून तनाव और कुछ बार-बार होने वाले व्यवहार या कार्यों की ओर ले जाता है, जिसमें उस तनाव को नियंत्रित करने की मजबूरी होती है। यह विकार आनुवांशिक होता है या परिवारों में चलता है।
होम्योपैथी एक व्यापक रूप से प्रशंसित प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान है जो ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर सहित कई अन्य मनोवैज्ञानिक शिकायतों का उपचार करने में सहायता प्रदान सकती है। यह OCD के लिए एक बहुत ही सुरक्षित, प्राकृतिक और प्रभावी उपचार प्रदान करती है। होम्योपैथिक उपचार OCD की समस्या के मूल पर प्रहार करते हैं और हल्के से मध्यम तीव्रता वाले अधिकांश मामलों में लक्षणात्मक राहत के बाद पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। OCD के उपचार के लिए पारंपरिक तरीके से उपयोग की जाने वाली यह दवाएँ आदत बनाने वाली प्रकृति की होती हैं और उनके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं; कई मामलों में इन्हें जीवन भर के लिए सुझाया जाता है।
वहीं दूसरी ओर OCD के उपचार के लिए होम्योपैथिक उपचार पूरी तरह से सुरक्षित हैं और यह आपकी केवल मदद ही कर सकते हैं, कभी नुकसान नहीं पहुँचाते हैं। इनके प्राकृतिक मूल के होने के कारण इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं और निर्भरता का कोई भी कोई जोखिम नहीं होता है। किसी भी तरीज को जीवन भर इन्हें लेने की आवश्यकता नहीं होती है। जब रोग के लक्षण काफी हद तक ठीक हो जाते हैं, तो इन्हें धीरे-धीरे पूरी तरह से बंद किया जा सकता है और यह लक्षण दोबार से नहीं आते हैं।
होम्योपैथी ओसीडी के मूल को लक्ष्य करके बेहतर उपचार प्रदान करती है
ओसीडी सहित अन्य किसी मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य स्थितियों की उत्पत्ति मन के कामकाज में कुछ महत्वपूर्ण गड़बड़ी के कारण के चलते उत्पन्न होती है। इस तरह की चिकित्सा स्थितियाँ बहुत गहरी होती हैं, इसलिए ऐसे उपचार की आवश्यकता होती है जो समस्या के मूल तक पहुँचकर मन की आंतरिक गड़बड़ी को ठीक करे और उसमें व्यापक सुधार लाए। होम्योपैथी इस तरह का उपचार प्रदान करती है जो मूल समस्या को लक्षित करती है और मन के अशांत आंतरिक तंत्र में सामंजस्य लाती है जिससे स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होता है।
संवैधानिक उपचार
होम्योपैथी में, ओसीडी का इलाज व्यक्ति की शारीरिक संरचना के अनुसार किया जाता है। इसका मतलब है कि होम्योपैथिक दवा किसी व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक लक्षणों के अलावा आनुवंशिक रूप से विरासत में मिले गुणों के आधार पर ही दवाएं निर्धारित की जाती है। इसलिए, होम्योपैथिक दवाएं प्रत्येक मामले में अलग-अलग होती हैं। संवैधानिक उपचार शरीर को बहुत ही सौम्य और हानिरहित तरीके से स्वयं को ठीक करने के लिए बढ़ावा देकर बहुत अच्छी रिकवरी प्रदान करते हैं।
होम्योपैथी केवल लक्षणों से राहत प्रदान करने से कहीं अधिक है
हालांकि होम्योपैथिक दवाइयां उपचार की शुरुआत में लक्षणों से राहत देने वाली पहली चीज है। इनकी कार्रवाई अस्थायी राहत प्रदान करने तक ही सीमित नहीं होती है। इनका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य की पूर्ण बहाली और ओसीडी का पूर्ण उपचार करना होता है। यदि निर्धारित होम्योपैथिक कोर्स का नियमित रूप से पालन किया जाता है, तो हल्के से मध्यम तीव्रता के कई मामलों का सफल उचपार किया जा सकता है। हालांकि, यह गंभीर मामलों में इलाज लाने में सक्षम नहीं हो सकता है जो होम्योपैथिक उपचार के दायरे से बाहर की स्थिति में पहुंच गए हैं। लेकिन यहां कोई व्यक्ति पारंपरिक उपचार के साथ-साथ होम्योपैथिक उपचार का उपयोग करने का विकल्प चुन सकता है ताकि इन दोनों उपचार विधियों से जो भी सर्वोत्तम मिल सके, उसे प्राप्त किया जा सके।
ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर के लक्षण
ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर (OCD) के लक्षणों में लगातार यह विचार आना कि बार-बार हाथ धोने से वस्तुओं को छूने पर हाथ दूषित या गंदे हो जाएंगे; बार-बार दरवाजा चेक करने से दरवाजा बंद है या नहीं, इस बारे में संदेह होना; अत्यधिक प्रार्थना के साथ लगातार धार्मिक विचार आना; आवेगपूर्ण और आक्रामक विचारों की उपस्थिति; हर समय चीजों को उचित क्रम में रखने का जुनून और चुपचाप शब्दों को गिनना या दोहराना शामिल हो सकते हैं
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) के लिए शीर्ष होम्योपैथिक दवाएं
ओसीडी के उपचार के लिए शीर्ष होम्योपैथिक दवाओं में आर्सेनिकम एल्बम, सिफिलिनम, कार्सिनोसिन, नैट्रम म्यूरिएटिकम, अर्जेंटम नाइट्रिकम, कैल्केरिया कार्ब और स्ट्रैमोनियम आदि शामिल हैं।
1. आर्सेनिकम एल्बम - कीटाणुओं और संक्रमण के डर से ओसीडी के उपचार के लिए
आर्सेनिकम एल्बम ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के उन मामलों के लिए सबसे अच्छी प्राकृतिक दवा है, जिसमें कीटाणुओं और संक्रमण होने का डर होता है। जिन लोगों को इस दवा की ज़रूरत होती है, वे इस विचार से परेशान रहते हैं कि उन्हें ज़रूर कोई संक्रमण हो जाएगा, जैसे कि हर चीज़ कीटाणुओं से दूषित हो। इसके अलावा, यह उन मामलों के लिए भी संकेतित की जाती है, जिनमें लगातार डर और मौत के विचार होते हैं। इसके साथ ही, अत्यधिक बेचैनी भी होती है, जिसमें मरीज़ बिस्तर से उछलकर इधर-उधर बेचैनी से घूमने लगता है।
आर्सेनिकम एल्बम उन लोगों के लिए भी अनुशंसित की जा सकती है, जो चीज़ों के क्रम के बारे में बहुत अधिक सजग और सचेत रहते हैं और अगर चीज़ें अपनी सही जगह पर न हों, तो उन्हें चैन नहीं मिलता। मरीज की यह मजबूरी इस हद तक बढ़ सकती है कि अगर दीवार पर टंगी पेंटिंग को थोड़ा सा झुका दिया जाए, तो भी उनका दिमाग़ तब तक चैन नहीं पाता, जब तक कि उसे ठीक तरीके से न रखा जाए और मरीज़ इसके लिए अपने हर काम को छोड़ देता है।
आर्सेनिक एल्बम का उपयोग कब करें?
यह ओसीडी को नियंत्रित करने के लिए सबसे अच्छी दवा है, जो कि कीटाणुओं, के संक्रमण के लगातार डर से पीड़ित लोगों में होती है। यह चिंता और बेचैनी के साथ मौत के डर से पीड़ित लोगों के लिए भी एक बेहतरीन दवा है और साथ ही उन लोगों के लिए भी जो हर चीज को व्यवस्थित करने के लिए जुनून और मजबूरी से ग्रस्त होते हैं।
आर्सेनिक एल्बम का उपयोग कैसे करें?
इसका प्रयोग प्रायः 30C शक्ति में किया जाता है तथा प्रारम्भ में इसे दिन में एक बार लिया जा सकता है।
2. सिफिलिनम - जहां मरीज को हाथ धोना जरूरी लगता हो
सिफिलिनम ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के ऐसे मरीजों के लिए बहुत ही लाभकारी दवा है, जो किसी भी वस्तु को छूने से अपने हाथों को दूषित या गंदा करने के लगातार विचार के कारण बार-बार हाथ धोने की मजबूरी महसूस करते रहते हैं। ऐसे मरीजों को लगता है कि हर वस्तु पर कीटाणु मौजूद हैं और वे अपने जीवन के अन्य महत्वपूर्ण कामों पर ध्यान दिए बिना बहुत कम अंतराल पर हाथ धोने की आदत को विकसित कर लेते हैं।
सिफिलिनम का उपयोग कब करें?
इस दवा का उपयोग करने का मुख्य संकेत यह है कि आपको बहुत कम अंतराल पर हाथ धोने की आवश्यकता का अनुभव होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि उन्हें डर होता है कि जिस भी वस्तु को उन्होंने छुआ है वह भी दूषित हो गई है।
सिफिलिनम का उपयोग कैसे करें?
होम्योपैथी की इस दवा का उपयोग मुख्य रूप से 200C, 1M जैसी उच्च शक्तियों में किया जाता है, लेकिन ऐसा कभी-कभार ही किया जाता है। शुरुआत में सिफिलिनम 200C की एक खुराक का उपयोग सप्ताह में एक बार या लक्षणों की तीव्रता के अनुसार पखवाड़े में एक बार किया जा सकता है। होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श किए बिना किसी के द्वारा भी बताई गई खुराक से अधिक इस दवा का उपयोग नहीं करना चाहिए।
3. कार्सिनोसिन - ओसीडी के लिए व्यवस्था और सफाई के प्रति सावधानी के साथ
कार्सिनोसिन ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक है जो बेहद नकचढ़े रोगियों को उपचार प्रदान करता है। सबसे पहले, उन्हें हर चीज़ को व्यवस्थित रखने की तीव्र इच्छा होती है। वे न केवल चीज़ों को सही से रखने में, बल्कि अपने पहनावे के तरीके में भी एक खास पैटर्न का ही पालन करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, वे हमेशा कपड़े पहनते समय और कमरे को सजाते समय रंगों का मिलान करना पसंद करते हैं। वे हर काम में इस हद तक पूर्णता की मांग करते हैं कि वह सामान्य न लगे या न दिखे। दूसरे, उन्हें हर चीज़ की गहन सफाई की इच्छा भी होती है।
कार्सिनोसिन का उपयोग कब करें?
यह दवा ओ.सी.डी. के ऐसे मामलों के लिए सुझाई जाती है, जिसमें हर चीज में व्यवस्था बनाए रखने और साफ-सफाई के प्रति विशेष सावधानी बरती जाती है।
कार्सिनोसिन का उपयोग कैसे करें?
इसके उपयोग की सलाह 200C, 1M जैसी उच्च शक्तियों में भी दी जाती है। शुरुआत में इसकी एक खुराक 200C शक्ति में हर 15 दिन में एक बार या एक महीने के अंतराल पर ही उपयोग की जा सकती है। यह सख्त सलाह दी जाती है कि इसे ऊपर बताई गई खुराक से अधिक मात्रा में इसका उपयोग कदापि भी न करें। खुराक या शक्ति में कोई भी बदलाव करने के लिए होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श करना आवशक है।
4. नैट्रम म्यूरिएटिकम - चोरों के डर से बार-बार बंद दरवाज़े की जाँच करने की तीव्र इच्छा के लिए
नैट्रम म्यूरिएटिकम ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के उन रोगियों के लिए सबसे अच्छी प्राकृतिक दवा है जो इस विचार से ग्रस्त हैं कि चोर उनके घर में घुस सकते हैं और इस डर से वह बार-बार दरवाजों के ताले चेक भी कर सकते हैं। यह जुनून इतना लगातार बना रहता है कि रोगी को घर में चोरों के सपने भी आते हैं और वह बार-बार दरवाजे चेक करने के लिए जाग जाता है।
नैट्रम म्यूरिएटिकम का उपयोग कब करें?
यह दवा ओ.सी.डी. के ऐसे मामलों में बहुत उपयोगी रहती है, जिसमें रोगी को अपने घर में चोरों के घुसने के विचार लगातार आते रहते हैं, जिसके कारण बार-बार अपने दरवाजों के ताले जांचने की मजबूरी हो जाती है।
नैट्रम म्यूरिएटिकम का उपयोग कैसे करें?
यह कम और उच्च दोनों ही तरह की शक्ति में अच्छा काम करती है। शुरुआत में 30C शक्ति को प्राथमिकता दी जाती है और इसे दिन में एक या दो बार लिया जा सकता है।
5. अर्जेंटम नाइट्रिकम: आवेगपूर्ण विचारों के लिए ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के रोगियों के इलाज के लिए
अर्जेंटम नाइट्रिकम सबसे अच्छी प्राकृतिक दवा है, जिनके मन में लगातार आवेगपूर्ण विचार आते रहते हैं। इन आवेगपूर्ण विचारों के अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं जैसे ट्रेन में यात्रा करते समय, लगातार आवेगपूर्ण विचार खिड़की से बाहर कूदने का होता है; नदी का पुल पार करते समय, लगातार नदी में कूदने का विचार आता है या ऊंची इमारतों पर खड़े होने पर, नीचे कूदने का भयानक विचार आता है।
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के रोगियों के लिए प्राकृतिक होम्योपैथिक दवा अर्जेंटम नाइट्रिकम की सिफारिश करने की एक और खास विशेषता यह भी होती है कि आवेगपूर्ण विचार रोगी को बहुत चिंतित और बेचैन कर देते हैं। इसके परिणामस्वरूप ऐसे आवेगपूर्ण विचारों से छुटकारा पाने के लिए अत्यधिक और लगातार चलना पड़ता है और व्यक्ति तब तक चलता रहता है जब तक कि उसके शरीर की सारी ताकत खत्म नहीं हो जाती।
अर्जेन्टम नाइट्रिकम का उपयोग कब करें?
यह दवा चिंता और बेचैनी के साथ-साथ मन में लगातार आने वाले आवेगपूर्ण विचारों को नियंत्रित करने के लिए निर्धारित की जा सकती है।
अर्जेंटम नाइट्रिकम का उपयोग कैसे करें?
इस दवा की 30C शक्ति को दिन में एक या दो बार लिया जा सकता है।
6. कैल्केरिया कार्बोनिका - पागल या विक्षिप्त हो जाने के लगातार विचार के लिए
कैल्केरिया कार्बोनिका एक प्राकृतिक औषधि है जो ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के ऐसे रोगियों के लिए बहुत मददगार रहती है जो कि मानसिक रूप से थके हुए होते हैं और लगातार पागल या विक्षिप्त होने के बारे में सोचते रहते हैं। पागल होने का यह विचार रोगी के दिमाग में दिन-रात बना रहता है और वह सोते समय भी इसे दूर नहीं कर पाता है। पागल होने का यह डर उसे बहुत परेशान करता है और इससे उबरने के लिए रोगी अपने सभी लंबित कामों को एक तरफ रख देता है और खुद को किसी दूसरे काम में व्यस्त रखता है, जैसे कि लकड़ियाँ तोड़ना या पिन मोड़ना आदि।
कैल्केरिया कार्बोनिका का उपयोग कब करें?
यह पागल हो जाने के भय से ग्रस्त ओ.सी.डी. रोगियों के लिए एक उत्कृष्ट औषधि है।
कैल्केरिया कार्बोनिका का उपयोग कैसे करें?
इसका प्रयोग दिन में एक बार 30 सी पोटेंसी में किया जा सकता है।
7. स्ट्रैमोनियम - लगातार धार्मिक विचारों के साथ
स्ट्रैमोनियम ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर के रोगियों में लगातार धार्मिक विचारों से निपटने में अच्छी दवा है, जहां रोगी लगातार धर्म के बारे में सोचता है, हर समय पवित्र पुस्तकें पढ़ता है, और लगभग हमेशा प्रार्थना करता रहता है।
स्ट्रैमोनियम का उपयोग कब करें?
यह दवा मुख्य रूप से ओसीडी के मामलों में दी जाती है जहां मन लगातार धार्मिक विचारों पर टिका रहता है।
स्ट्रैमोनियम का उपयोग कैसे करें?
यह दवाई 30C शक्ति में उल्लेखनीय परिणाम देती है जिसे दिन में एक बार दिया जा सकता है।
लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।
डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।