मासिक धर्म संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक उपचार      Publish Date : 06/03/2025

मासिक धर्म संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक उपचार

                                                                                                                  डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

‘‘जब हम महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में बात करते हैं, तो हमारा मतलब अक्सर हॉर्मोनल और मासिक धर्म स्वास्थ्य के समबन्ध में ही होता है। होम्योपैथिक उपचार अनियमित, भारी या दर्दनाक मासिक धर्म के लिए एक प्रभावी, प्राकृतिक समाधान प्रस्तुत कर सकता है।

                                             

मासिक धर्म लगभग 12 से 50 वर्ष की आयु से महिलाओं के जीवन का एक प्राकृतिक, महत्वपूर्ण और उत्तम स्वस्थ का एक जरूरी हिस्सा है। एक नियमित मासिक धर्म चक्र लगभग प्रत्येक 28 दिनों में होता है, हालांकि, वास्तव में यह 25 से 32 दिनों तक भिन्न भी हो सकता है, और लगभग 5 दिनों तक चलता है। यह आमतौर पर एक चमकदार लाल रक्तस्राव, न्यूनतम थक्कों और मासिक धर्म ऐंठन के साथ शुरू होता है।

लेकिन कभी-कभी लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन समस्याओं में लंबे या छोटे समय के लिए आने वाले मासिक धर्म या ऐसी अवधि शामिल हो सकती है जिसकी आवृत्ति अप्रत्याशित हो। कुछ महीनों तक मासिक धर्म नहीं हो सकता है या सिर्फ़ थोड़े-बहुत धब्बे हो सकते हैं। लड़कियों और महिलाओं को त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे कि मुंहासे, सूजन, थकान और यहां तक कि प्रजनन संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

तनाव या चिंता, एक गतिहीन जीवनशैली, वजन कम होना या बहुत अधिक व्यायाम करने से भी पीरियड्स की समस्याएँ बढ़ सकती हैं। खराब खान-पान, एनीमिया और खाने-पीने की गड़बड़ी से भी अनियमित पीरियड्स की समस्याएँ हो सकती हैं, जैसा कि IBS से भी हो सकता है।

                                                

होम्योपैथिक उपचार अंतर्निहित कारण को संबोधित करके मासिक धर्म की समस्याओं से निपटने में मदद करने का एक प्रभावी लेकिन प्राकृतिक तरीका हो सकता है। यह हॉर्मोन्स को संतुलित करने, प्रवाह की समस्याओं से निपटने और ऐंठन और दर्द से निपटने में भी मदद कर सकता है।

मासिक धर्म की समस्याओं के लिए शीर्ष होम्योपैथिक दवाएं इस प्रकार से हैं:-

                                                

पल्सेटिला

पल्सेटिला होम्योपैथिक दवा है, जब मासिक धर्म में देरी होती है, इसके स्राव रंग गहरा, गाढ़ा या थक्केदार होता है। यह कम हो सकता है और ऐंठन के भी साथ हो सकता है। रोगी को रोना आ सकता है, या उसका मूड बदल सकता है।

सीपिया

जब मासिक धर्म में देरी हो और वह प्रवाह में भी कम हो या समय से पहले हो और तेज दर्द के साथ बहुत अधिक मात्रा में हो तो सीपिया का उपयोग किया जा सकता है। आपको थकावट, चिड़चिड़ापन और उदास मनोदशा का अनुभव होगा, विशेषरूप से अपने प्रियजनों के प्रति। आप गतिविधि और व्यायाम के माध्यम से भी बेहतर महसूस कर सकते हैं।

लैकेसिस

अगर आपके पीरियड्स कम, कमज़ोर या फिर न के बराबर हैं, तो लैकेसिस नाम की यह दवा आपकी मदद कर सकती है। पीरियड्स से पहले पेट में दर्द होने पर (इतना कि आप अधिक आरामदायक महसूस करने के लिए टाइट कपड़े पहनने से बचती हैं), इसके समाधान के लिए लैकेसिस सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।

नैट म्यूर

जब अनियमित भारी मासिक धर्म के साथ नीचे की ओर दर्द हो, जो सुबह के समय और भी बदतर हो सकता है और यह प्रसव पीड़ा जैसा महसूस हो सकता है, तो नेट म्यूर एक बेहतरीन होम्योपैथिक दवाई है। आप स्वयं को उदास भी महसूस कर सकते हैं और सिरदर्द से भी पीड़ित हो सकते हैं।

काली कार्ब

कई महीनों से मासिक धर्म नहीं आया है? तो काली कार्ब एक बेहतरीन होम्योपैथिक दवा हो सकती है जो मासिक धर्म को सामान्य करने और नियमित मासिक धर्म प्रवाह को फिर से जारी करने में आपकी मदद कर सकती है।

जीवन शैली में परिवर्तन

होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करने के साथ-साथ आपको अपनी जीवनशैली पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। आप नियमित व्यायाम करके, रोज़ाना ताज़ी हवा में घूमकर, पौष्टिक आहार खाकर और शीघ्रको अच्छी नींद लेकर अपने तनाव के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं।

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।