
मल्टी विटामिन एवं खनिज की आपूर्ति के लिए होम्योपैथी Publish Date : 07/02/2025
मल्टी विटामिन एवं खनिज की आपूर्ति के लिए होम्योपैथी
डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा
आवश्यक पोषक तत्व संग्रह-समग्र स्वास्थ्य के लिए विटामिन और खनिज आदि की पूर्ति के लिए होम्योपैथी बहुत अच्छा काम करती है। होम्योपैथिकी के माध्यम से विटामिन और खनिज पूरकों के साथ अपने प्राकृतिक स्वास्थ्य को अनलॉक करें।
होम्योपैथी चिकित्सा पद्वति के माध्यम से विटामिन और खनिजों से प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार के उपचार प्रदान करती है, इन सबके प्रत्येक के अपने अलग-अलग लाभ होते हैं। हमारे इस लेख के अंतर्गत इसके सम्बन्ध में कुछ उल्लेखनीय होम्योपैथिक रेमिडीज की एक संक्षिप्त सूची पदान की गई है जो विटामिन और खनिजों का एक बेहतर स्रोत हैं और इसके साथ ही इनके सामान्य रूप से जुड़े कुछ स्वास्थ्य लाभों का विवरण भी दिया गया हैं:-
अल्फाल्फा
इस कॉम्बिनेशन में विटामिन ए, सी, ई और के-4 तथा खनिज पदार्थ जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस और आयरन आदि भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
- भोजन के पाचन और उसे आत्मसात करने के लिए आवश्यक एंजाइम भी इसमे उपलब्ध होते हैं।
- इसकी उच्च प्रोटीन सामग्री और आवश्यक अमीनो एसिड मांसपेशियों के विकास और उनकी मरम्मत के लिए अनुकूल होते हैं।
कैल्केरिया कार्बोनिका (कैल्शियम कार्बोनेट)
- यह हड्डियों के स्वास्थ्य और उनके विकास का समर्थन करता है।
- यह जोड़ों के दर्द और दांत संबंधी समस्याओं की समस्या को हल भी कर सकता है।
- बच्चों में अक्सर देरी से होने वाले विकास के लिए इसका प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता रहा है।
फेरम फॉस्फोरिकम (आयरन फॉस्फेट)
- इस सॉल्ट का पारंपरिक रूप से समग्र ऊर्जा में सुधार करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त एनीमिया की स्थिति में भी इसे बहुत लाभदायक माना जाता है।
- इसके अलावा यह सूजन के प्रथम चरण में राहत प्रदान करने में सहायता प्रदान करता है।
काली फॉस्फोरिकम (पोटेशियम फॉस्फेट)
- यह मानसिक थकान और घबराहट के स्तर को कम करने में काफी मददगार साबित होता है।
- यह तंत्रिकाओं के स्वास्थ्य का भी भरपूर समर्थन करता है।
- इसके अलावा तनाव-संबंधी स्थितियों के समाधान में भी यह उपयोगी माना जाता है।
मैग्नेशिया फॉस्फोरिका (मैग्नीशियम फॉस्फेट)
- यह आमतौर पर मांसपेशियों में ऐंठन और अन्य किसी भी प्रकार की ऐंठन के लिए अनुशंसित किया जाता है।
- महिलाओं को उनमें होने वाले मासिक धर्म में ऐंठन के लक्षणों से भी इससे राहत मिल सकती है।
- तंत्रिका के दर्द को कम करने के लिए इसका आमतौर पर उपयोग किया जाता है।
नेट्रम म्यूरिएटिकम (सोडियम क्लोराइड)
- इसका उपयोग शरीर में तरल पदार्थों के स्तर को संतुलित करने के लिए किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त इसका उपयोग दुःख या भावनात्मक परेशानी से उत्पन्न स्थितियों के समाधान के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
- शुष्क त्वचा और ठंडे घावों को ठीक करने में भी इसके माध्यम से अच्छी मदद मिल सकती है।
सिलिसिया (सिलिका)
- यह मानव की त्वचा और उसके संयोजी ऊतक स्वास्थ्य को बढ़ावा प्रदान करता है।
- इसके साथ ही कमजोर नाखून और बालों के लिए भी इसका उपयोग अक्सर किया जाता रहा है।
- यह त्वचा के अंदर से विदेशी निकायों को बाहर निकालने में भी सहायता कर सकता है।
कैल्केरिया फॉस्फोरिका (कैल्शियम फॉस्फेट)
- यह विकास और उपचार की दक्षता को बढ़ाने में सहायता करता है, विशेष रूप से हड्डियों के लिए।
- यह बच्चों में दांत निकलने के दौरान होने वाली समस्याओं के निदान के लिए उपयोग किया जाता है।
- इसका उपयोग करने से थकान और पाचन की समस्याओं में भी मदद मिल सकती है।
जिंकम मेटालिकम (जिंक)
- मानव के तंत्रिका तंत्र पर इसके प्रतिष्ठित प्रभाव के लिए बखूबी उपयोग किया जाता है।
- स्मृति और संज्ञानात्मक कार्य में वृद्वि के लिए भी यह लाभकारी सिद्व हो सकता है।
- एडीएचडी लक्षणों से युक्त बच्चों के लिए अक्सर इसका उपयोग किया जाता है।
लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।
डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।