गर्भाश्य की सूजन या बढ़ा हुआ गर्भाश्य का होम्योपैथिक उपचार      Publish Date : 27/09/2024

      गर्भाश्य की सूजन या बढ़ा हुआ गर्भाश्य का होम्योपैथिक उपचार

                                                                                                                                                  डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

ब्ढ़ा हुआ गर्भाश्यः- गर्भाश्य की सूजन, बढ़ा हुआ गर्भाश्य अथवा बलकी यूटरस एक आम समस्या है जिससे लगभग प्रत्येक चौथी महिला पीड़ित होती है। इस समस्या को लेकर पीड़ित महिला अक्सर घबरा जाती हैं। आज के अपने इस लेख में हम इस समस्या से निजात पाने के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाएं बताने जा जा रहे हैं। यह होम्योपैथिकी की दवाएं आपके बलकी यूटरस को कंट्रोल, मैनेज एवं क्योर करने में आपकी सहायता करेंगी। दवाएं निश्चित रूप से कारगर हैं परन्तु आप से अनुरोध है कि आप अपने मन से किसी भी दवा का सेवन न करें।

                                                              

बलकी यूटरस क्या होता हैः- बलकी यूटरस का अर्थ यह है कि पीड़ित महिला का गर्भाश्य हार्मोनल अंसतुलन के कारण आकार में बढ़ जाता है, यूटरस में भारीपन आ जाता है। इसी स्थिति को बलकी यूटरस अथवा एनजार्ज यूटरस कहते हैं।  

बलकी यूटरस के लक्षणः- एनलार्ज यूटरस के तमाम कारण होते हैं जैसे कि अत्याधिक पीरियड्स का होना, पीरियड्स के अधिक समय तक चलना और इसमें अधिक रक्त स्राव होना, र्क्रैप्स होना, कब्ज होना, उलझन होना, घुटन या बेचेनी होना, घबराहट होना, डिप्रेशन होना, पेट में दर्द होना, नाभी के आस पास पेन होना, कपड़े पहनने से नाभी में टाईटनेस और असुविधाजनक लगना आदि लक्षण सामने आते हैं।

एनर्लाज यूटरस के कारणः- एनर्लाज यूटरस का सबसे प्रमुख कारण महिला के यूटरस में फाइब्राइड का होना होता है, बच्चेदानी में एडीनोमायसिस, ओवेरियन सिस्ट और एन्डोमाइट्राइसिस कैंसर आदि बहुत से कारण हो सकते हैं। लेकिन साथियो समस्या है तो उसका समाधान भी होता है। अतः आज हम आपको बताएंगे एनर्लाज यूटरस को कंट्रोल, मैनेजह और क्योर करने की होम्योपैथी की कुछ प्रमुख होम्योपैथिक दवाएं।

                                                          

क्योंकि होम्योपैथी का सिद्वांत व्यक्तिगत उपचार तकनीक अर्थात लॉ ऑफ इन्व्युलाइजेशन पर काम करती है। अतः कोई भी दवा बिना किसी कुशल होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श किए ना लें।

एनर्लाज यूटरस को कंट्रोल, मैनेज और क्योर करने वाली होम्योपैथिकी की सम्भावित दवाएं-

                                                            

ओरम म्यूर नैटः- जब किसी महिला के गर्भाश्य में फाइब्राइड्स हो जाते हैं तो उस स्थिति में गर्भाश्य का साईज बढ़ जाता है। अगर किसी महिला के यूटरा में फाइब्राइड होने के कारण उसे एनर्लाज यूटरस की समस्या है तो उसे ठीक करने के लिए ओरम म्यूर नैट्रोसम 3 एक्स की गोली दिन में तीन बार लेने से उसका फाइब्राइड भी ठीक होता है और उसकी एनर्लाज यूटरस की समस्या का समाधान भी हो जाता है।

फ्रेक्सीनस अमेरिकाना:- यदि किसी महिला में एनर्लाज यूटरस हो और उसके पैर में क्रैम्प्स आते हों और यूटरस के बाहर निकलने की अनुभूति होती है। इस इस स्थिति को ठीक करने के लिए फ्रेक्सीनस अमेरिकाना 30 नामक होम्योपैथिक दवा को दिन में तीन बार सेवन करने से लाभ प्राप्त होता है।

पल्सेटिलाः- जब किसी महिला को एनर्लाज यूटरस हो जाए और उसका फन्डस रीजन भी एनलार्ज हो जाए तो उसे पल्सेटिला-30 की दिन में तीन खुराक देने से उसके एनर्लाज यूटरस में भी आरम मिलता है और फनडस रीजन भी ठीक हो जाता है।

सीपियाः- यदि किसी महिला को बलकी यूटरस की समस्या हो और पेसेंट के लोवर एब्डोमिन में पेन रहता हो और उसे बच्चेदानी के बाहर आने का अनुभव होता है तो इस समस्या को ठीक करने के लिए सीपिया:- होम्योपैथिक दवाई बहुत अच्छा काम करती है। मरीज को इस दवा की दिन में तीन खुराक देने से लाभ मिलता है।  

मर्कसोलः- जब किसी महिला को एनर्लाज यूटरस हो और उसको बहुत अधिक मात्रा में वैजाइनल डिस्चार्ज आ रहा हो। यदि किसी महिला को बलकी यूटरस के साथ उसकी वैजाइना से डिस्चार्ज अधिक मात्रा में स्रावित हो रहा हो तो उस स्थिति को ठीक करने की होम्योपैथी में बहुत अच्छी दवा है मर्कसोल-30 दिन में तीन बार देने से मरीज को इन दोनों ही स्थितियों में लाभ प्राप्त होता है। 

फॉस्फोरसः- यदि किसी महिला को एनर्लाज यूटरस के चलते उसे बार-बार पीरियड्स आ रहे हों यानी कि महिला को महीने में दो बार पीरियड्स आते हों तो इस स्थिति को ठीक करने के लिए मरीज को होम्योपैथिक की दवा फॉस्फोरस-1 एम नामक दवा की पंद्रह-पंद्रह मिनट के अन्तर से साप्ताह में तीन खुराक देने से महिला को लाभ मिलता है।    

सबाइनाः- यदि किसी महिला को एनर्लाज यूटरस हो और उसे बहुत अधिक मात्रा में ब्लड फ्लो हो रहा हो तो इस स्थिति को ठीक करने के लिए होम्योपैथिक की दवा सबाइना-1एम दवा की 15-15 मिनट के अंतर से तीन खुराक एक सप्ताह में देने से महिला को एनर्लाज यूटरस और हैवी मेन्श्युरेशन डिस्चार्ज दोनों स्थितियों में ही बहुत अच्छा लाभ मिलता है।

क्रियोजोटः- एनर्लाज यूटरस में किसी महिला को एक सिम्पटम आता है कि उनको एनर्लाज यूटरस की समस्या हो और उन्हें सम्भोग/इंटरकोर्स करने में बहुत पेन होता है तो इस स्थिति को ठीक करने में होम्योपैथी में बहुत कारगर दवा है क्रियोजोटम-30। ऐसे मरीज को क्रियोजोटम-30 की तीन खुराक प्रतिदिन देने से महिला को इंटरकोर्स के दौरान होने वाले दर्द और एनर्लाज यूटरस दोनों में ही बहुत फायदा होता है।

अस्टिलागो मेडिस:- अगर किसी महिला में एनर्लाज यूटरस की समस्या हो और उसका रक्त प्रवाह डार्क हो अथार्त मासिक स्राव बिल्कुल गहरा काला/बैलेक हो तो इस स्थिति को ठीक रने के लिए होम्योपैथिक दवा अस्टिलागो मेडिस-30 का उपयोग किया जा सकता है। इस दवा को दिन में तीन बार देने से मरीज के ब्लेक ब्लड फ्लो और एनर्लाज यूटरस दोनों को ठीक करने में मदद मिलती है।

ट्राअलम पेन्डुलम:- एक स्थिति आती है कि किसी महिला को एनर्लाज यूटरस की समस्या हो, बच्चेदानी में सूजन हो और उनको लगातार बैक पेन अर्थात कमर दर्द बना रहता हो तो इस स्थिति को ठीक करने के लिए होम्योपैथिक दवाई ट्राअलम पेन्डुलम-30 दिन में तीन बार ऐसे मरीज को दी जा सकती है। यह दवा मरीज को लाभ प्रदान करती है।

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।