ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया (फेशियल न्यूराल्जिया) के लिए सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथिक उपचार Publish Date : 13/09/2024
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया (फेशियल न्यूराल्जिया) के लिए सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथिक उपचार
डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक बहुत पेनफुल कंडीशन होती है जिसको यह परेशानी होती है यह वही जानता है कि वह किस स्थिति से गुजर रहा है। मुँह धोने में परेशानी, ब्रश करने में परेशानी, मुँह खोलने में परेशानी यहाँ तक कि मरीज को बात करने तक में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह टोह से लेकर मुँह की ओर जाती है और यह समस्या किस समय शुरू हो जाए इसका कुछ पता नही चलता है। इस समस्या से राहत पाने और इसको ठीक करने की कुछ होम्योपैथिक दवाएं इस पोस्ट में दी जा रही है-
क्या होता है ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया?
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिय हमारे मुँह से लेकर खोपड़ी तक जाने वाली सबसे लम्बी नस होती है जिसका काम मुँह को चलाने के लिए सिग्नल दिमाग तक पहुँचाने का होता है और जब इसमें कोई दुविधा आ जाती है तो इसी कंडीशन को ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया कहते हैं। इस समस्या के चलते से पूरे चेहरे में बिजली के झटके जैसा तेज दर्द महसूस होता है।
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के लक्षण
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण होता है कि इसका मरीज जब भी मुँह खोलता है, ब्रश करता या मुँह के साथ कुछ अन्य क्रिया करता है तो एक इलेक्ट्रिक शॉक यानी बिजली के झटके जैसा संदेश दिमाग में जाता है। जब ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया नर्व में सूजन आ जाती है तो यह मुँह के एक तरफ यानी बायीं ओर अथवा दायीं ओर होता है और बहुत ही कम मामलों में मुँह के दोनो ओर भी होता है।
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का दर्द बहुत तेज दर्द होता है और यह समय के साथ बढ़ता जाता है। यह हवा के चलने के कारण भी हो सकता है और मरीज चेहरे को छूने पर भी परेशानी महसूस कर सकता है।
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के कारण
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के कारण रक्त की धमनी में सूजन आदि के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है।
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया से राहत पाने के लिए होम्योपैथिक की कुछ विशेष दवाएं-
1. एकोनाईटम नेपलसः जब किसी ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के मरीज को बायीं ओर (लेफ्ट साइडेड पेन) हो तो इसके लिए एकोनाईट एक बहुत अच्छी होम्योपैथिक दवा है। एकोनाईट के मरीज को डर और एंजाईटी (बेचैनी) होती है यदि मरीज की यह कंडीशन है तो एकोनाईट बहुत अच्छा काम करती है।
2. मैगनीशियम फॉस्फोरिकम 6 ऐक्सः यदि ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का पेन चेहरे के दायीं ओर यानी राईट साइडेड पेन हो और मरीज को गर्म सिकाई के बाद आराम महसूस हो रहा है तो इस कंडीशन में होम्योपैथी की यह दवाई बहुत अच्छा काम करती है।
3. कैमोमिला-200: यदि ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के मरीज के चेहरे पर सुन्नपन आ गया हो तो उसको ठीक करने के लिए यह बहुत अच्छी दवा है।
4. कोलोसिन्थस-30: जब मरीज को ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का पेन हो और मरीज को दबाने से आराम मिलता है और रत को 10 बजे मरीज की परेशानी बढ़ती है तो उस स्थिति में ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को ठीक करने की होम्योपैथी में यह बहुत अच्छी दवा है।
5. बेलाडोना 200- ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया में एक स्थिति ऐसी आती है कि जब मरीज को महसूस होता है कि उसका खून दिमाग में जम जाएगा, तो ऐसी स्थिति में बेलाडोना-200 दिन में तीन बार लेने से यह समस्या ठीक होती है।
6. स्पाईगीमिलया-30: ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के मरीज में एक स्थिति ऐसी आती है कि मरीज के सिर में बायीं ओर बहुत तेज दर्द हो रहा हो और वह दर्द मरीज की आँखों तक जा रहा हो और मरीज की आईब्रो में बहुत दर्द हो रहा हो तो इस स्थिति को ठीक करने के लिए स्पाईगीलिया को दिन में तीन बार ले सकते हैं। यह दवा मरीज के ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को मैनेज और क्योर कर देगी।
7. ब्रायोनिया-30: ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के मरीज को जरा से मूवमेंट/गतिविधि करने से पेन हो रहा है तो ऐसे मरीज के लिए ब्रायोनिया एल्बा सबसे अच्छी ड्रग ऑफ द च्वाइस होती है। इस दवा का दिन में तीन बार सेवन करने से मरीज को आराम मिलता है।
8. पल्सेटिला-30: ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के मरीज को जब कुछ चबाने से सिर अथवा मुँह में दर्द होता है तो इस दशा में आप अपने मरीज को पल्सेटिला नाइग्रा नामक होम्योपैथी की दवाई का उपयोग कर सकते हैं। पल्सेटिला के मरीज को प्यास कम लगती है, ताजी हवा में आराम मिलना और बन्द कमरे में परेशानी बढ़ना, पल्सेटिला का मरीज मृदुभाषी होता है और सांत्वना देने से मरीज को आराम मिलता है।
9. आर्निका मोन्टाना-200: किसी कारणवश सर में चोट लगने के कारण ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया की सिथति उत्पन्न हुई हो तो इसके लिए होम्योपैथिकी की सबसे अच्छी दवा आर्निका मोन्टाना है।
इसके साथ ही इसी क्रम की दूसरी दवा है हाईपेरिकम-200 जब शरीर की किसी भी नस में कोई परेशानी हो तो तो उसके उपचार के लिए यह सबसे अच्छी दवा है।
10. डल्कामारा-200: ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के मरीज के साथ एक स्थिति ऐसी आती है कि उसको ठण्ड़ी और नम हवा हवा लगी और ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का पंेन शुरू हो गया। यदि किसी मरीज की यह स्थिति है तो इसके लिए आप अपने मरीज को डल्कामारा-200 पावर में दे सकते हैं।
11. वर्बसिकम-30: यदि ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के मरीज को खाना खाते समय ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का पेन हो जाता है तो इस स्थिति को ठीक करने के लिए होम्योपैथी की यह दवा वर्बसिकम-30 आप अपने मरीज को दे सकते हैं।
12. आर्सेनिक एल्बम 30: जब ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के मरीज की परेशानियां रात में 12.00 बजे से 2.00 बजे के बीच चुभन और जलन वाला दर्द बढ़ जात हैं तो इसको ठीक करने के लिए आप आर्सनिक एल्बम के साथ इलाज शुरू कर सकते हैं। आर्सनिक एल्बम का मरीज बेचैन होता है और यदि आपका मरीज डायबिटिक है तो उस केस में भी आप मरीज का इलाज आर्सेनिक एल्बम से शुरू कर सकते हैं।
लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।
डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।