क्रोध को नियंत्रित करने के लिए होम्योपैथिक दवाइईयाँ- Publish Date : 16/05/2023
क्रोध को नियंत्रित करने के लिए होम्योपैथिक दवाइईयाँ-
क्र0सं0 दवा प्रमुख लक्षण
- Nux Vomica–30: छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना, नक्स वोमिका का मरीज बहुत छोटी बातों पर गुस्सा करता है, उलझता है, जैसे कि उसके चलने के रास्ते में कोई स्टूल आ गया तो वह उसी बात पर गुस्सा करेगा कि यह स्टूल उसके रास्ते में क्यों आ गया। वह बहुत संवेदनशील होता है और उसका पेट भी अक्सर खराब ही रहता है।
2. Kali Iod–30: बदजुबानी, गाली-गलौच, गुस्सें के दौरान मरीज को न तो अपनी बातों और भाषा पर कोई नियंन्त्रण नही रहता है गुस्से के कारण बहुत अधिक उत्तजित मरीज बातचीत के दौरान वह गाली-गलौच पर उतारू हो जाता है।
3. Merk Sol–30: गुस्सा बहुत अधिक आता है और मन करता है कि कुछ कर डालें मर्कसोल के मरीज का गुस्सा उसे कुछ गलत करने के लिए प्रेरित करता है।
4. Staphishgeria–30: गुस्सा उन लोगों को बहुत आता है जिनके बहुत अधिक दबाया गया हो उन्हें कुछ जीजें बुरी भी लगती है परन्तु वह अपनी प्रतिक्रिया उन चीजों के प्रति नही दे पाते हैं उसके बाद कुछ परिस्थितियों के कारण उसका गुस्सा बाहर आ जाता है।
5. Iodum–1M: इतना अधिक गुस्सा कि मरीज सामने वाले को जान से मार देना चाहता है, आयोडम का मरीज बहुत दुबला-पतला होता है और वह अेले में तो मस्त रहता है परन्तु यदि उसके सामने कोई दूसरा व्यक्ति है तो वह उसको मार देना चाहता है।
6. Oram Met.–30: मरीज की बात सुनी न जाए या मानी न जाए तो उसे बहुत अधिक गुस्सा आता है। वह चार-पाँच लोगों के बीच बैठकर अपनी बात रखता है उनमें से दो-तीन लोग उसकी बात को खारिज कर देते हैं।
7. Nux Moss–30: गर्भावस्था के दौरान आने वाला गुस्सा।
8. Terrentula–30: गुस्से के कारण तोड़-फोड़ करना, गुस्सा आने पर मरीज के हाथ में जो भी सामान आ जाता है वह उसे फैंक देता हे, तोड़ देता है। टेरेण्टुला का मरीज बैचेन रहता, उसमें धैर्य की कमी होती है।
9. Bufo–200: मरीज की बात का समझा नही जाना और उसके कारण उसको बहुत अधिक गुस्सा आ जाता है।
10. Chamomila–200: बच्चों में गुस्सा, बच्चा किसी की बात नही सुनता है, बहुत चिड़चिडा़ रहता है।
11. Tuberculinum–30: मरीज का हमेशा गुस्से में ही रहना और वह कभी मुस्कुराता या हँसता भी नही है।
11. Antim Crured–30: यदि कोई मरीज को किसी के देखने या छूने पर भी बहुत अधिक गुस्सा आता है तो यह दवा उसके व्यवहार में परिवर्तन कर देती है।
12. Phytolucca D.: रोगी को मालिश से आराम पड़ता है।
13. Kalimia–3 0: जब रोगी के शरीर पर सूजन बहुत अधिक हो।
13. Apis Mel–3 0: जब रोगी को प्यास कम लगती हो।
14. Arnica–1M: कसाव वाला दर्द।
15. Iritica–3 + Aretea–30: पूरे शरीर में अकडन का महसूस करना।
विशेषः मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है।
इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।
इसमें ऐसा भी हो सकता है कि आपकी दवा कोई और भी हो सकती है और कोई दवा आपको फायदा देने के स्थान पर नुकसान भी कर सकती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करें। इसके लिए आप फोन न0. 9897702775 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।
डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं।