सांप डसने के बाद इलाज का रामबाण उपाय      Publish Date : 13/07/2024

                      सांप डसने के बाद इलाज का रामबाण उपाय

                                                                                                                                                                     डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

बरसात होने के कारण सांप बाहर आते हैं क्योंकि उनके बिल में पानी भर जाता है ।

                                                                 

यह तो आपको मालूम होगा कि सांप के डसने पर शरीर पर उसके दो दांतों के निशान दिखाई देते हैं। इन दो दांतों की सहायता से सांप अपना विष यानी जहर मनुष्य के शरीर में छोड़ता है। वह विष रक्त के माध्यम से व्यक्ति के हृदय तक जाता है। उसके बाद पूरे शरीर में फैलना शुरू हो जाता है।

सांप के द्वारा शरीर के किसी भी हिस्से डसने के बाद सांप का विष सबसे पहले व्यक्ति के हृदय तक जाता है। उसके बाद पूरे शरीर में फैलता है। इस प्रकार विष को पूरे शरीर में पहुंचने के लिए कम से कम तीन घंटे का समय लगता है। इसका अर्थ यह है कि जिस व्यक्ति को सर्प दंश हुआ है वह व्यक्ति तीन घंटे तक नहीं मरेगा। जब मस्तिष्क के साथ साथ पूरा शरीर में विष पहुंचेगा तब ही वह व्यक्ति मरेगा।

सर्प दंश से ग्रस्त व्यक्ति को व्यक्ति को बचाने के लिए आपके पास तीन घंटे का समय होता है और इन तीन घंटे में आप बहुत कुछ कर सकते हैं। यह बहुत अच्छा और कीमती समय होता है।

आप क्या कर सकते हैं,,,?

                                                                    

होम्योपैथिक की एक दवाई आप अपने घर पर हमेशा रख सकते हैं।

यह औषधि होम्योपैथिक है तथा सस्ती है।

इस दवा का का नाम है - Naja – २०० 

किसी भी होम्योपैथिक दवाई की दुकान पर आसानी से मिल जाती है। इस दवाई की एक शीशी से आप कम से कम सौ लोगों की जान बचा सकते हैं तथा इसकी कीमत सिर्फ 50 रूपये है।

क्या है यह दवाई

                                              

Naja नाजा:- यह दवाई विश्व का सबसे ख़तरनाक और जहरीले सांप के जहर से ही बनाई जाती है।

उस सांप का नाम है - कोबरा

                                                              

इस सांप का विष सबसे घातक माना गया है और यही विष दूसरे सांपों का विष उतारने के लिए काम आता है।

इस दवाई की एक बूंद जीभ में रखें, और दस मिनट के बाद फिर दूसरी बूंद रखें। फिर तीसरी बार एक बूंद फिर दस मिनट के बाद रखें। ऐंसा तीन बार करके छोड़ दें।

 

बस इतना करके उस व्यक्ति, प्राणी,जीव, जन्तु, पशु, पक्षी, जानवरों आदि के प्राण बचा सकते हैं।

’दवा किसी भी होम्योपेथी की दुकान से आसानी से मिल जाती है। 

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के है।