लीडरशिप के गुणों का विकास Publish Date : 10/03/2024
लीडरशिप के गुणों का विकास
डॉ0 आर. एस. सेंगर
आपको यदि उच्च पद तक पहुंचना है तो लीडरशिप के गुण विकसित करें-
जब आप खुद में नेतृत्व क्षमता के गुण विकसित कर लेते हैं तो आपको उच्च पदों तक पहुंचने में भी देर नहीं लगती है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी वर्तमान भूमिका पर ध्यान देना ही बंद कर दें। दरअसल अपनी वर्तमान भूमिका में अच्छा कार्य और अच्छा प्रदर्शन लीडरशिप और आपके नेतृत्व करने की नींव रखता है। ऐसे में हम आपको ऐसे ही कुछ और गुण जो विकसित करना आपको आगे के पदों पर ले जाएगा-
छोटी अवधि का लक्ष्य बनाएं
यह तो आपको पता होगा ही कि आपका अगला लक्ष्य क्या है, तो आप अपने संसाधनों कौशलों और क्षमताओं का बेहतर उपयोग करके उसे और बढ़ने की इस प्रक्रिया में आपके नाम कई उपलब्धियां भी होगी जैसे आप कोई नई स्किल सीख सकते हैं अथवा किसी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनकर अनुभव बटोर सकते हैं।
एक सक्रिय श्रोता बने
यह स्किल आपका वर्तमान साथियों के साथ आपके संवाद को स्पष्ट और उनके साथ आपके अच्छे तालमेल को स्थापित करता है। इसलिए आपको एक अच्छे श्रोता की भूमिका में ही बने रहना है और अपनी रिएक्शन कम देनी है।
दूसरों के लिए प्रेरणा बने
जब आप स्वयं कुछ नए स्किल्स और जानकारियों से लैस होंगे तो आप अपनी टीम को प्रेरित करने में भी समर्थ होंगे। इस तरह न सिर्फ आप उनके लिए अगुवा बने रहेंगे बल्कि एक सक्षम टीम के साथ आप बेहतर कार्य प्रदर्शन का रिकॉर्ड बनाते हैं। सर्वे में देखा गया है कि 92 प्रतिशम उच्च कार्य प्रदर्शन करने वाले टीम लीडर्स में पहल करने का गुण भी पाया गया है। जिससे वह अपने जीवन में नौकरियों में काफी आगे बढ़ जाते हैं।
नए प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बने और फीडबैक ले
ऑफिस में आने वाले नए प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनने पर आपके कार्य अनुभव का दायरा भी बढ़ता है और यह आपको बढ़त देता है। साथ ही आप अधिकारियों की निगाह में भी आते हैं। जो भी काम आप ऑफिस में करते हैं उसके बारे में अपने मैनेजर और साथियों से समय-समय पर फीडबैक लेना आपको काम और सॉफ्ट स्किल सुधारने में भी मदद मिलेगी। अपने जीवन में अपनी फीडबैक लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसकी मदद से आपको अपने अंदर की कमियों को सुधारने की गुंजाइश मिल जाती है।
अपने मेंटर की मदद लेते रहें
कोच या मैटर से आपको नई स्किल, आपके स्किल्स को देखते हुए बेहतर जॉब रोल आदि की सलाह मिल सकती हैं। लक्ष्य की ओर बढ़ने में अपना रिव्यू खुद करना बेहद जरूरी है ताकि समय रहते उनमें सुधार कर सके।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।