सेहत के लिए लाभकारी है फाईटोन्यूट्रीएन्ट्स      Publish Date : 29/02/2024

                     सेहत के लिए लाभकारी है फाईटोन्यूट्रीएन्ट्स

                                                                                                                                           डॉ0 आर. एस. सेंगर, डॉ0 कृषाणु सिंह एवं मुकेश शर्मा

भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने, रोगों से बचाव एवं रोगों की रोकथाम हेतु एक औषधि के रूप में कार्य करता है। दैनिक हम सब जो भोजन ग्रहण करते हैं वह हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है जो कि हमें उचित प्रकार से अपने कार्य करने में सहायता करता है। यदि हमें सही पोषक आहार न मिले, तो हमारी पाचन क्रिया और स्वास्थ्य दोनों में ही गिरावट आ सकती है।

कुछ समय पूर्व यह माना जाता था कि केवल, वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन एवं खनिज पदार्थ आदि पोषक तत्व ही शरीर के विकास और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं परन्तु इनके अतिरिक्त कुछ अन्य बायोएक्टिव खाद्य घटक हैं जो हमारे स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने व शरीर को सामान्य ढ़ंग से कार्य करते रहने में महत्वपूर्ण भूमिका का निवर्हन करते हैं, जिन्हें हम ‘फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स‘ कहते हैं। ये फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स स्वास्थ्य रक्षा प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं और रोगों एवं विभिन्न शारीरिक विकारों के उपचारऔर रोकथाम में सहायक हैं।

फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स के परिपूर्ण आहार

                                                                                   

  • लाल, नारंगी एवं पीले रंग की सब्जियाँ और फल (जैसे- टमाटर, गाजर, मिर्च, स्कवास, शकरकंद, आडू, आम, नींबू, तरबूज एवं खट्टे फल आदि) ।
  • गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ (जैसे- पालक, गोभी, फूलगोभी, सलाद-पत्ते)।
  • लहसुन, प्याज एवं हरी प्याज आदि।
  • साबुत अनाज (जैसे- ब्राउन राइस, जई, गेहूँ आदि)।
  • अखरोट, बादाम, सूरजमुखी के बीज, तिल आदि।
  • चाय, कॉफी, डार्क चॉकलेट।

खाद्य-पदार्थ, जो पेड़-पौधों एवं वनस्पतियों से प्राप्त होते हैं वे प्राकृतिक फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स या फाइटोकैमिकल्स से परिपूर्ण होते हैं। फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स न केवल पेड़ पौधों को रोगाण, फंफूद, कीट आदि से सुरक्षित रखते हैं, अपितु इनके सेवन से मनुष्य को रोग मुक्त रखनें में सहायक है। 25 हजार से भी अधिक प्रकार के फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स निम्न हैं-

1.   कैरीनोनाइट्स 2. फ्लेविनाईट्स 3. इलैजिक एसिड़ 4. रेसवेरेट्रोल 5. ग्लूकोसाइनोलेट्स 6. फाइटोएस्ट्रोजन

1.   कैरीनोनाइट्सः- यह एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पोषक तत्व है। वैसे तो 600 से भी अधिक प्रकार के कैरीनोनाईट्स होते हैं परन्तु इनमें 6 सबसे अधिक महत्वपूर्ण कैरीनोनाईट्स होते है- बीटा कैरीनोनाईट्स, एल्फा कैरीनोनाइट्स, लाइकोपिन, बीटा-क्रिप्टोजौफन, लियओटिन और जियाजैनिक मुख्य रूप से गाजर, कद्दू, टमाटर, संतरे तथा पत्तेदार सब्जियों में पाए जाते हैं।

ये प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने एवं हृदय रोग, आँखों से सम्बन्धित रोगों और कैंसर जैसे रोग होने की सम्भावनाओं को कम करने में अति सहायक होते हैं। एल्फा एवं बीटा कैरीनोनाइट्स और बीटा क्रिप्टोजैनिथन प्रो-विटामिन ए कैरीनोनाइट्स हैं। विटामिन ए सामान्य शारीरिक वृद्वि एवं विकास में, आँखों के तथा खून में सफेद रक्त कणिका निर्माण (WBC) कणिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक हैं।

2.   फ्लेविनाईट्सः- यह अधिकतर खाने को रंग प्रदान करते हैं। इनमें एण्टीऑक्सिडेन्ट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इनके सेवन से हृदय वाहिनियाँ भी स्वस्थ रहती हैं और यह कैंस उत्पन्न करने वाले मुक्त-मूलकों आदि से सुरक्षा भी प्रदान करते हैं। यह अन्य दीर्घ परिस्थितियों जैसे ओटियोपोरोसिस एवं मधुमेह जैसे रोगों की रोकथाम में भी सहायक होते हैं। प्याज, सेव, केला, टमाटर, शकरकंद, मिर्च, एवं रसभरी आदि इसके मुख्य स्रोत हैं।

3.   इलैजिक एसिडः- यह स्ट्रॉबेरी, रसभरी एवं  अखरोट आदि में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह कैंसर होने की सम्भावना को भी कम करते हैं, क्योंकि यह शरीर में अधिक समय तक अवशोषित नही हो पाते हैं और इनका शरीर से निरन्तर निष्काशन होता रहता है। अतः इनका समय-समय पर सेवन करना बहुत आवश्यक होता है।

4.   रेसवेरेट्रोलः- यह एक सम्भव पोलीफिनोल तथा कवकारोधी रसायन होता है जो अंगूर एवं रेड वाईन में एक बायोएक्टिव के रूप में पाया जाता है। यह एन्टीऐजिन्ग के मुख्य कारक के रूप में भी जाना जाता है। यह कैंसर, मोटापे, हृदय रोग एवं मधुमेह आदि की रोकथाम के लिए भी उपयोगी सिद्व होते हैं।

5.   ग्लूकोसाइनोलेट्स‘- यह क्रूसिफर ;ब्तनबपमितद्ध आदि पौधों में पाए जाते हैं, जैसे गोभी, सरसों, शलगम, एवं मूली। यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं तथा कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकओं को एपोफ्टोसिस प्रक्रिया के द्वारा मार देते हैं।

6.   फाइटोएस्ट्रोजनः- यह प्राकृतिक रूप से पौधो से प्राप्त हाने वाले पोषक तत्व हैं और यह शरीर में एस्ट्रोजन ;म्ेजतवहमदद्ध जैसी भूमिका का निर्वहन करते हैं। यह मुख्यतः सोयाबीन, साबुत अनाज, नट्स और कई प्रकार की जड़ी बूटियों से भी प्राप्त होते हैं।

फाइटोन्यूट्रीएन्ट्स के लाभः-

                                                               

  • यह पेड़-पौधों को कीटों एवं यू वी किरणों से बचाते हैं।
  • इनमें एन्टीऑक्सिडेन्ट एवं एन्टीइन्फ्लॉमेन्टरी गुण भी पाए जाते हैं।
  • ये इम्यूनिटी एवं अंतरकोशीकीय संचार को बढ़ानें में सहायता करती हैं, इसी के साथ डी0एन0ए0 को भी बचाती हैं जो विर्षले तत्वों के सर्म्पक में आने के फलस्वरूप हो जाती है।
  • इनके सेवन करने से हृदय रोग, नेत्र रोग एवं कैंसर रोग के होने की सम्भावना भी काफी कम हो जाती है।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।