परीक्षा के लिए जरूरी टिप्स: Publish Date : 08/02/2024
फोकस पढ़ाई पर होना चाहिए दोस्तों पर नहीं
डॉ0 आर. एस. सेंगर
परीक्षा की तैयारी के दौरान आपका फोकस पढ़ाई पर ही बनाए रखें ना कि अपने दोस्तों पर। दोस्तों के साथ चैटिंग करने पर बच्चे यदि वीडियो पर चैटिंग करने पर ज्यादा समय देंगे तो निश्चित रूप से आपका समय निकलता जाएगा और आप अपनी परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाएंगे। इंटरनेट मीडिया पर व्याप्त सामग्री लोगों को रोकने जोड़ने और बंद कर रखने के लिए ही तैयार की जाती है। अतः इसके माया जाल में न फंसे।
मोबाइल की लत में इन दिनों केवल बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े बुजुर्ग भी अपना बहुमूल्य समय गवा रहे हैं। अभिभावक भी परिक्षार्थियों के आसपास अधिक मोबाइल इस्तेमाल न करें। यह देखा गया है कि माता-पिता भी अब बच्चों से इतनी बात नहीं कर पा रहे हैं और वह भी समय निकालकर अधिक से अधिक समय मोबाइल फोन को ही दे रहे हैं। इसलिए अब आपको को भी चाहिए कि वह बच्चों के सामने ज्यादा से ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल न करें और बच्चों को भी इस बात की नसीहत दें कि वह अपने नोट्स और जो किताबें आदि से जो कि परीक्षा के लिए ही तैयार किए गए हैं, उनका रिवीजन करें और कापी पर लिखकर देखें।
अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को 3 घंटे तक कुछ इमेज पर एग्जाम की तैयारी के लिए प्रैक्टिस करें। इसके लिए घर पर पेपर बनाकर या उनकी किताबों से पेपर को देखकर उनका सॉल्व करने के लिए दे। वह 3 घंटे में बैठकर उसको सॉल्व करें और उसके बाद आप देखें कि उन्होंने कितना लिखा है। यदि उनका 3 घंटे बैठकर लिखने की प्रैक्टिस हो जाएगी तो वह एग्जाम में अच्छा कर सकेंगे और अच्छे नंबर से पास हो सकेंगे। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी उन पर ध्यान दें।
फोकस पढ़ाई पर होना चाहिए दोस्तों पर नहीं
परीक्षा की तैयारी के दौरान आपका फोकस पढ़ाई पर ही बनाए रखें ना कि अपने दोस्तों पर। दोस्तों के साथ चैटिंग करने पर बच्चे यदि वीडियो पर चैटिंग करने पर ज्यादा समय देंगे तो निश्चित रूप से आपका समय निकलता जाएगा और आप अपनी परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाएंगे। इंटरनेट मीडिया पर व्याप्त सामग्री लोगों को रोकने जोड़ने और बंद कर रखने के लिए ही तैयार की जाती है। अतः इसके माया जाल में न फंसे। मोबाइल की लत में इन दिनों केवल बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े बुजुर्ग भी अपना बहुमूल्य समय गवा रहे हैं।
अभिभावक भी परिक्षार्थियों के आसपास अधिक मोबाइल इस्तेमाल न करें। यह देखा गया है कि माता-पिता भी अब बच्चों से इतनी बात नहीं कर पा रहे हैं और वह भी समय निकालकर अधिक से अधिक समय मोबाइल फोन को ही दे रहे हैं। इसलिए अब आपको को भी चाहिए कि वह बच्चों के सामने ज्यादा से ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल न करें और बच्चों को भी इस बात की नसीहत दें कि वह अपने नोट्स और जो किताबें आदि से जो कि परीक्षा के लिए ही तैयार किए गए हैं, उनका रिवीजन करें और कापी पर लिखकर देखें।
अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को 3 घंटे तक कुछ इमेज पर एग्जाम की तैयारी के लिए प्रैक्टिसकरें। इसके लिए घर पर पेपर बनाकर या उनकी किताबों से पेपर को देखकर उनका सॉल्व करने के लिए दे।ं वह 3 घंटे में बैठकर उसको सॉल्व करें और उसके बाद आप देखें कि उन्होंने कितना लिखा है। यदि उनका 3 घंटे बैठकर लिखने की प्रैक्टिस हो जाएगी तो वह एग्जाम में अच्छा कर सकेंगे और अच्छे नंबर से पास हो सकेंगे। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी उन पर ध्यान दें।
निर्धारित करें समय सीमा मोबाइल फोन की
परीक्षार्थी अपनी तैयारी के टाइम टेबल के बीच में मोबाइल इंटरनेट, मीडिया और यूट्यूब आदि के प्रयोग का समय निर्धारित करें। सबसे पहले पढ़ाई रिजल्ट और आगे के कैरियर संबंधी लक्ष्य निर्धारित करें। इससे अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखने में आसानी होती है। इस सत्य को स्वीकार करें की जरूरत से अधिक स्क्रीन टाइम से आपकी पढ़ाई का समय कम हो जाता है। परीक्षा इतने पास आने पर दिन भर में अधिक से अधिक समय पढ़ाई में देना अति आवश्यक है।
अपनी दिनचर्या में पढ़ाई आराम और रिलैक्स करने वाली गतिविधियों का समय निर्धारित करें। एक टाइम टेबल बनाकर परीक्षा की तैयारी प्रारंभ कर दें और कोशिश करें कि अपने मोबाइल से ऑनलाइन वीडियो देखने से दूर रहे तथा अपने नोट्स पर ही भरोसा रखें।
अपने माता-पिता को दीजिए मोबाइल
मोबाइल फोन पर हर नोटिफिकेशन साउंड के साथ बार-बार स्क्रीन देखने नोटिफिकेशन या संदेश देखने से बचे। यदि खुद पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो मोबाइल फोन अभिभावकों के पास रख दें। जो समय मोबाइल के लिए निर्धारित किया है इस समय उनसे मांगे और फिर पढ़ाई में जुड़ जाए। यूट्यूब पर पढ़ाई से संबंधित वीडियो भी जरूरत के अनुरूप ही देखे। केवल मोबाइल पर वीडियो देखकर ही अच्छी अंक नहीं आएंगे। अतः अपनी पाठ्यपुस्तक के नोट्स आदि का गहन अध्ययन जरूरी है।
इंटरनेट मीडिया के अधिक इस्तेमाल से बढ़ सकता है मानसिक विकार
एक शोध में सामने आया है कि इंटरनेट मीडिया के अधिक इस्तेमाल से समय के साथ इन्फ्लेमेशन बढ़ सकता है, जिससे आगे चलकर मानसिक स्वास्थ्य की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यह शोध जनरल आफ मेडिकल इंटरनेट में प्रकाशित की गई है।
बफेलो कॉलेज आफ आर्ट्स एंड साइंसेज में सहायक प्रोफेसर डेविड ली ने कहा कि इस शोध के परिणामों से पता चला है कि इंटरनेट मीडिया का अधिक समय तक उपयोग का न केवल एक समय बिंदु पर उच्च सूजन से संबंध दिखा। जबकि पांच सप्ताह बाद सूजन के स्तर में वृद्धि भी देखी गई। कितने समय तक इंटरनेट मीडिया पर समय बिताया गया, इसका पता लगाने के लिए स्क्रीन टाइम अप की मदद ली गई थी।
यह अध्ययन इंटरनेट मीडिया और प्रभावित होने वाले डोमेन पर बहुत अधिक समय बिताने के जो परेशानियों की ओर इशारा करता है। इसमें तनाव, अकेलापन, आहार, व्यायाम की कमी और नींद की कमी जैसे सामान्य अनुभवों की प्रतिक्रिया पर भी प्रभाव देखा गया।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।