कृषि सम्बन्धी जानकारी      Publish Date : 26/01/2024

                    समस्त आदरणीय किसान बन्धुओ।

        जैसा कि आप सभी जानते है कि बसन्त कालीन गन्ना बुवाई का समय अब बहुत ही निकट आ रहा है,ऐसे मे हमे कम लागत मे अधिक पैदावार कैसे प्राप्त करे के लिए बिचार करना अति आवश्यक हो गया है।

           अतः आप सभी यदि निम्न बातो पर ध्यान केंद्रित करें तो निश्चित ही आप कम लागत मे ही गन्ने से अधिक पैदावार पाकर लाभ प्राप्त कर सकते है।

1- अपने क्षेत्र के अनुरूप गन्ना प्रजाति का चुनाव।

2- गहरी जुताई एंवम ट्राइकोडरमा द्वारा भूमि शोधन।

3- उन्नतिशील अगेती अधिक पैदावार देने वाली गन्ना प्राजाति का चुनाव करें- जैसे कि ब्व-0118 ब्व 15023 ब्वसा 14201 आदि की बुवाई करे।

4- दो आंख के टुकड़े तथा बीज शोधन अवश्य करें।

5- अधिक पैदावार लेने के लिए लाइन से लाइन की दूरी 3 या 3.5 फिट से कम नही रखना चाहिए।

6- बुवाई के पहले नालियो मे कम्पोस्ट खाद को रसायनिक उर्वरको के साथ मिलाकर डाले फिर गन्ने की बुवाई करें।

7- समय-समय पर खरपतवार नियंत्रण अवाश्य करे, और फसल को कम से कम 120 दिन तक खरपतवार मुक्त रखे।

8-प्रत्येक सिंचाई पर यूरिया खाद का प्रयोग करें, जून माह के प्रथम सप्ताह के बाद यूरिया का प्रयोग न करें।

9- गन्ने की आयु 50 से 60 दिन होने पर कोराजन का प्रयोग उपयुक्त मात्रा मे जडों के पास ड्रेचिंग करें।

10- अगस्त माह मे गन्ने की प्रथम बंधाई एवं मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें, तत्पश्चात सितंबर माह मे गन्ने की दूसरी बंधाई करें।

’’वक्त के साथ कदम बढायें’’ और कम खर्च मे अधिक पैदावार पावें।

खनिजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्बनिक पदार्थों में मौजूद रसायनों को पौधों के लिए आसानी से उपलब्ध रूपों में विघटित या ऑक्सीकृत किया जाता है।  मिट्टी में कार्बनिक अणुओं का परिवर्तन मुख्य रूप से केंचुओं के साथ-साथ इसके माइक्रोबायोटा जैसे कवक और बैक्टीरिया द्वारा संचालित होता है। तो सूक्ष्म जीव मात्र उपलब्ध सामग्री का खनिजीकरण ही करते हैं। सामग्री उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी किसान की ही है। चूँकि खेती में सूक्ष्म जीव ही सबकुछ नहीं हैं। 

यदि हम तत्व रहित कार्बन देते जाएंगे तो, तो एक दिन वह भी आएगा जब सूक्ष्म जीवों के लिए भूमि में तोड़ने फोड़ने के लिए कुछ शेष नहीं रह जायेगा और फिर वही उर्वरकों का प्रयोग करना पड़ सकता है।