जिज्ञासु बन, चिंतन कर अपना लक्ष्य निर्धारित करें      Publish Date : 27/12/2023

                       जिज्ञासु बन, चिंतन कर अपना लक्ष्य निर्धारित करें

                                                                                                                                                                     डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

ज्ञान अर्जन के लिए सीखते रहिए

                                                                   

अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए सदैव प्रयास करते रहना चाहिए तथा सीखने की आदत डालनी चाहिए, क्योंकि ज्ञान कभी भी बेकार नहीं जाता है। किसी भी छात्र-छात्रा के लिए ज्ञान जीवन में अच्छी रोशनी दिलाता है लगातार ज्ञान के लिए सीखने और हुनर को बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। कभी-कभी कुछ ज्ञान ऐसे होते हैं जो स्कूल विश्वविद्यालय या कॉर्पाेरेट प्रशिक्षण से अलग होते हैं, इसलिए अपने ज्ञान को बढ़ाने की प्रवृत्ति सभी छात्र-छात्राओं में होनी चाहिए। ज्ञान केवल डिग्री से ही प्राप्त नहीं होता बल्कि यह तो सीखने से ही आता है।

ज्ञान से लोगों की व्यवसायिक तथा व्यक्तिगत दोनों प्रकार से समृद्धि दिलाने में सहायक होता है। छात्र-छात्राओं को अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि वह चाहे किसी भी विषय का अध्ययन करें, वोकेशनल कोर्स कर सकते हैं तथा नई भाषा को भी सीख सकते हैं। इससे उनके ज्ञान में वृद्धि होगी और वह अपने करियर को हासिल करने में आगे बढ़ सकेंगे।

व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए सीखने का प्रयास करें

                                                                                      

छात्र-छात्राओं हमेशा प्रयास करते करते रहना चाहिए कि वह कुछ ना कुछ नई चीजों के बारे में सीखें जिससे उनका विकास होगा। इसके लिए सबसे पहले जानना सीखे, करना सीखें, बनाना सीखें, और साथ रहकर सीखने की कोशिश करें तो इससे केवल छात्र-छात्राओं का ही नहीं अपितु सभी लोगों का चौमुखी विकास हो सकेगा। इसका मतलब यह है कि सभी को जीवन भर कोई ना कोई नई चीज़ सीखने की आदत डालनी चाहिए। इसे अपने ज्ञान की वृद्धि के साथ ही कौशल विकास होगा और आपके दृष्टिकोण में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन आएगा।

आजकल दुनिया भर में बहुत तेजी के साथ विकास हो रहा है और प्रत्येक दिन पूरे विश्व में नए-नए उद्योगों और कार्य करने के नए-नए तरीके विकसित हो रहे हैं और जो इसके अनुरूप खुद को नहीं डाल पा रहे हैं वह पीछे रह जा रहे हैं। इसलिए निरंतर सीखना से आप में वर्तमान टेक्नोलॉजी के विकास से कुछ करने का हुनर विकसित हो सकेगा और इसके साथ ही अधिक रचनात्मक बने जीवन में उद्देश्य और कुछ बनने कि आपकी अभिलाषा की पूर्ति हो सकेगी।

लगातार ज्ञान और सीखने के क्या हो सकते हैं तरीके

                                                                                  

आपको यह विचार करना चाहिए कि आप जिस चीज को पाने के लिए उत्साहित हैं और जिस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं, उसको प्राप्त करने के लिए आपको चिंतन मनन करने के साथ ही भविष्य में किए जाने वाले कार्य की कल्पना भी करनी होगी। इसके लिए लक्ष्य को निर्धारित करना होगा और नई अवसरों की तलाश करनी होगी। इसके लिए आप पढ़े और प्रक्रिया में मांग के अनुसार लगातार चिंतन भी करते रहें और इसके साथ ही जीवन भर सीखने में स्वयं को संलग्न भी कर ले। इससे आपका व्यक्तिगत व व्यवसायिक विकास होगा और आपको अपने जीवन में सफलता अवश्य ही मिल जाएगी।

ज्ञान बढ़ाने से क्या है लाभ

                                                                      

यदि आप में ज्ञान को बढ़ाने की आदत है, साथ ही सीखने की आदत भी है तो इससे आपके अंदर मजबूत विश्लेषणात्मक और समस्या समाधान जैसे कौशल को विकसित करने में सहायता मिलती है। यह आपके सामने आ रहे जटिल मुद्दों को कई तरह से देखकर उसका निवारण कर सकते हैं। साथ ही उसके लिए नए समधन को भी तैयार कर सकते हैं। आपको अपने कौशल और ज्ञान को प्राप्त करते ही आपका आत्मविश्वास स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है। ऐसे में आप विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को डटकर खड़े रहने के लिए तैयार करते हैं।

आज के इस प्रतिस्पर्धी युग में आपको लगातार अपने सीखने की इस आदत को बनाए रखना चाहिए। क्योंकि तभी आप इस प्रतिस्पर्धी युग में नौकरी को प्राप्त कर पाएंगे। आजीवन ज्ञान अर्जित करने या सीखने का मतलब केवल अपनी नौकरी को बनाए रखने से ही नहीं है। यह नई भूमिकाओं या नए करियर का द्वार भी खोल सकते हैं। यह आपको समान विचारधारा वाले प्रोफेशनल से जुड़ने और अपना व्यक्तिगत नेटवर्क बढ़ाने में भी आपकी सहायता करता है। इसलिए सीखने की आदत डालें ज्ञान को बढ़ाने के साथ ही अपने हुनर को मजबूती प्रदान करें।

सफल होने के लिए इन चार बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें और उनका पालन करें-

पहली बात:- कभी भी निकम्मा बनकर नहीं रहना चाहिए और कोई ना कोई काम करते रहिए ज्ञान अर्जन करने के लिए, जिससे सभी लोग आपके उपयोगिता को समझेंगे।

दूसरी बात:- कम से कम बोलने का प्रयत्न करें क्योंकि ज्यादा बोलने से शक्ति और बुद्धि दोनों ही क्षीण हो जाती हैं।

तीसरी बात:- बिना मांगे किसी को कोई सलाह मत दीजिए और

चौथी बात:- जिस पर आपको अमल करना है, वह है आपको अपने जीवन में सहने करने की आदत डालनी होगी क्योंकि यदि आप में सहन करने की आदत होगी तो आप लोगों के प्रिय बन जाएंगे। इसलिए आपको अपने जीवन में इन चारों बातों का पालन करने का संकल्प आज ही लेना चाहिए।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।