सफलता के लिए निर्णय लेना सीखना होगा      Publish Date : 21/10/2023

                                                        सफलता के लिए निर्णय लेना सीखना होगा

                                                                                                                                                प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

                                                             

छात्र अपने जीवन में जब भी नौकरी और पढ़ाई की दौड़ के बीच में उलझन में रहते हैं तो वह अपने करियर को उचित दिशा देने की यात्रा दौरान अनेक बार वह निर्णय लेनेे के सम्बन्ध में किसी न किसी दोराहे पर खड़े होते हैं। ऐसे मैं निर्णय लेने के सही तरीकों को जानना, किसी फ्रेशर्स और लीडरशिप के पदों पर पहली बार आए लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होता है। पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए निर्णय लेने के लिए अपनी स्किल को अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपने अपनी स्नातक शिक्षा चाहे विज्ञान से या फिर कला वर्ग से ग्रहण की हो।

क्या हो ग्रेजुएशन में कौन से विषय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए 1 साल का गैप या नहीं कोचिंग या सेल्फ स्टडी नौकरी के लिए मल्टीनेशनल कंपनी या स्टार्टअप इंटर्नशिप या एंटी लेवल जॉब नौकरी हो या पढ़ाई का दौर करियर बनाने की यात्रा में अनेक बार निर्णय लेने में दिक्कत होती है। यहां पर कुछ विशेष बातें बताई जा रही है इनका ध्यान में रखकर आपको आगे बढ़ना चाहिए-

अपनी वर्तमान स्थिति का आकलन करें

                                                             

किन हालातो मैं फैसला लिया जा रहा है यह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। अतः उस पर विचार करें और अपने दिलो दिमाग को सशक्त और अपने आत्मविश्वास को दृढ़ बनाएं। इससे नौकरी के दौरान क्योंकि फ्रेशर्स के पास कार्य का अनुभव कम होता है, ऐसे में घबराहट में निर्णय लेने का मौका आते ही स्वयं को अलग निकाल लेना या किसी और को आगे कर देने के स्थान पर सोच समझकर अपने सीनियर्स से बात करके निर्णय प्रक्रिया को समझें और इससे अपने आत्मविश्वास को बढ़ाएं, इसके बाद आपको अवश्य ही सफलता मिलेगी।

दिमाग में कई विकल्प हो तो ऐसे चुने

                                                            

किसी भी समाधान के जितने अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे तो यह तय है कि उलझने भी उतनी ही ज्यादा होगी। अतः अपने निर्णय को उसके उद्देश्य, क्रियान्वयन और जोखिम आदि के मानकों पर इन विकल्पों को परखें और सबसे अधिक लाभदायक दिखाने वाले विकल्प सूची में बना रहने दें और अन्य विकल्पों में से एक-एक करके हटाते हुए आगे बढ़ें। फिर बाकी बचे विकल्पों में से प्रत्येक के प्रभाव पर गम्भीरता से विचार करें और इस प्रकार से विकल्पों को छाँटते हुए उनमें से सर्वश्रेष्ठ विकल्प को चुनें। इस प्रक्रिया से आपको गंभीरता से सोचने और बेहतर निर्णय लेने में अपेक्षित सहायता प्राप्त होगी।

फैसले के उद्देश्य को पहले समझे

कोई भी निर्णय लेने से पहले उसे काम के उद्देश्यों को पहचाने उसे फैसले से किस पर क्या असर होगा कार्य का उद्देश्य क्या है इस पर विचार से आपको सही निर्णय लेने में आसानी होगी

निर्णय लेने को टाले नहीं

                                                         

निर्णय आपको ही करना है तो देर ना करें चाहे वह अपने अधिकारी को जवाब देना हो या फिर किसी प्रोजेक्ट को पास करना हो निर्णय जितना भी जोखिम भरा क्यों ना हो आप जितना अधिक विलंब करेंगे विकल्प उतने ही काम होते जाएंगे। इसलिए समय पर निर्णय लेने की आदत डालें।

फैसलों का रिकॉर्ड रखना भी है जरूरी

ऑफिस में जब भी अपने काम से संबंधित या प्रोजेक्ट से संबंधित कोई निर्णय लेते हैं तो उसका रिकॉर्ड भी अपने पास रखें। हालांकि इस बारे में आप अपने अधिकारी को ईमेल से सूचित कर सकते हैं। अपने फैसले पर वरिष्टों की सहमति जरूर लें तभी उसे क्रियान्वित करने के लिए टीम के सभी सदस्यों को सूचित करें।

नौकरी के दौरान बड़े निर्णय जिनके गलत परिणाम गंभीर हो सकते हैं, ऐसे निर्णय कभी भी अकेले नहीं लिए जाने चाहिए। ऐसी स्थिति में पारदर्शिता यानी सबको जानकारी सहमति टीम को सही निर्देश आदि इसके अहम हिस्से होते हैं।

परिणाम के लिए तैयार रहे

कोई भी निर्णय सही या गलत नहीं होता, उनके बस परिणाम ही आते हैं। इसलिए उपयुक्त परिणाम के नही मिलने पर, उससे सीखें और आगे बढ़े।

निर्णय पर कभी अडे नहीं

                                                              

नई जानकारी मिलने की स्थिति में अपने निर्णय को ना बदलना और उस पर अड़ना नहीं चाहिए। आप एक अच्छा निर्णय तभी ले पाएंगे जब सोच और समझ कर और नजरिए मैं लचीलापन और खुलापन रखेंगे तभी आप सफल हो पाएंगे।

क्या है जरूरी स्किल्स

शोधपरक शैली

किसी भी समस्या में क्या, क्यों और कब आदि पर विचार करना की आदत डालें क्योंकि जब आप समस्या को सही तरीके से समझेंगे तभी तो आप सही निर्णय ले पाएंगे।

अच्छा संवाद और टीम स्किल से करें काम

साथियों की राय और वरिष्ठों का अनुभव आपकी मदद करेंगे लेकिन अपनी झिझक चिताओं आदि पर खुलकर और स्पष्टता से उनके साथ बात करें।

विवेकशीलता का प्रयोग करें

पेशेवर जिंदगी हो या निजी फिर कोई भी फैसला निजी भावनाओं से प्रेरित नहीं होना चाहिए। क्योंकि सफल निर्णय वही है जो सही गलत के आदर्श पर परखा गया हो। पेशेवर जिंदगी के निर्णय में कंपनी के प्रति ईमानदारी, मेहनत, टीम भावना और सभी के हित जैसे आदर्श शामिल होने चाहिए।

रचनात्मकता पर ध्यान दें

                                                         

नौकरी में समस्या समाधान में कुछ हटकर सोच का स्केल आपको भीड़ से अलग दिखाएगा। 83 फ़ीसदी नियोक्ता डिसीजन मेकिंग स्किल को उम्मीदवारों में एक अति महत्वपूर्ण स्केल के तौर पर देखते हैं। इंङोङ के 2022 के एक सर्वे के अनुसार यह डाटा प्राप्त हुआ है।

मैकेजी के एक सर्वे में कहा गया है कि 79 प्रतिशत सीईओ ने माना कि डिसीजन मेकिंग स्किल उनके एग्जीक्यूटिव्स के लिए एक अहम स्किल है।

एक सर्वे के अनुसार 95 प्रतिशत का संबंध होता है कि किसी कंपनी में प्रभावी डिसीजन मेकिंग और वित्तीय परिणामों के बीच उचित संबंध बनाए रखना।

इंटरव्यू में ऐसे ले भाग

फ्रेशर्स इस स्किल को अपने रिज्यूम्स में सॉफ्ट स्किल के रूप में लिखे उसके बारे में अच्छी तरह तैयारी करें।

इंटरव्यू में इस पर प्रश्न किए जाने पर निर्णय लेने की अपनी प्रक्रिया बताएं और निर्णय लेने के लिए अपने लोकप्रिय मैथर्ड का उल्लेख करें।

अपने कॉलेज प्रोजेक्ट या इंटर्नशिप के अनुभवों के उदाहरण से इसकी योग्यता को स्पष्ट करें।

यह बातें आएंगी काम

पांच बार क्यों

अगर समस्या के संबंध में निर्णय लेना है तो क्रमवार पांच बार क्यों, क्यों, क्यों, क्यों और क्यों लगातार प्रश्न करना आपको आपकी समस्या के मूल तक पहुंचा देगा। यह किसी भी समस्या समाधान में सबसे लोकप्रिय विधि है।

स्वाट तकनीक को अपनाये

                                                                 

यह स्ट्रैंथ, वीकनेस, अपॉर्चुनिटी और थ्रेट अर्थात एस. डब्ल्यू, ओ, टी, यानी क्रमशः मजबूत पक्ष, कमजोरी, मौकों और थोट में को मिलाकर दिया गया नाम है। इससे आपको किसी निर्णय के सही गलत पक्षों के बारे में आसानी से पता चलता है। इसके लिए आपको एक वर्ग या गोला बनाना है और उसे पहले बताए गए चार मानकों के आधार पर चार भागों में बांटना है। इन चारों की हेडिंग के अनुसार उनमें संबंधित पॉइंट लिखें और तुलना करें लगातार जोखिम देने वाले या ज्यादा कमियो वाले विकल्पों को सूचि से बाहर करें।

ऑनलाइन कोर्स भी कर सकते हैं

निर्णय लेने का स्किल सॉफ्ट स्किल्स के अन्तर्गत आता है और ऑनलाइन उद्यमी लिंकडइन लर्निंग को कोर्स निर्माण, करियर इसके कई कोर्स निशुल्क उपलब्ध हैं, जिनको आप कर सकते हैं।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।