विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर पर विशेष      Publish Date : 09/10/2023

                                                   विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर पर विशेष

सेहत भरे जीवन का रहस्य

‘‘सबके साथ रहकर भी अलग-थलग महसूस करने का एहसास यदि लंबे समय तक बना रहे तो यह सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) पर आज हम जानतें, इसके लक्षण एवं समाधान के बारे में-

अकेलापन है बड़ी बीमारी का कारण-

                                                        

    मैं अकेला हूँ, मेरा कोई नहीं, मुझे अकेला छोड़ दो। इस प्रकार के निराशाजनक बोल अमूमन सुनने को मिल ही जाते हैं, हालांकि इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं। संभव है, ऐसा महसूस करने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी में किसी बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा हो। ऐसे लोग, जो कभी उसके बहुत निकट हुआ करते थे, अब उसके साथ नहीं है या फिर वह किसी गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा हो।

ऐसी ही कई स्थितियां हो सकती हैं, जो यदि लंबे समय तक बनी रहें तो व्यक्ति अकेलेपन का शिकार हो जाता है, और इसी अकेलेपन को मानसिक सेहत बिगड़ने का एक अहम कारण माना जाता है। जब यह तीव्र हो जाता है तो व्यक्ति गंभीर मानसिक बीमारी की चपेट में आ सकता है। इससे उपजे अवसाद के कारण वह अपने जीवन को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

मन व शरीर का गहन संबंधः मनोविज्ञान में जिस मन के बारे में बात की जाती है, वह व्यक्ति दिमाग होता है। पांचों इंद्रियों के माध्यम से जो कुछ हम ग्रहण करते हैं, वह दिमाग के साथ जुड़कर ही उसके बारे में उचित एवं सही प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकता है। अतः इसके लिए अच्छी सेहत व जीवन के लिए दिमाग का स्वस्थ होना बहुत आवश्यक है। यदि आप कुछ भी अच्छा खाते हैं तो आप अच्छा महसूस भी करते हैं यानी पेट का सीधा संबंध दिमाग से है और लगातार तनाव में रहने से हमारी नींद भी प्रभावित होती है।

                                                       

यह पाँच पेय हेाते हैं बहुत असरदार

खाने के बाद यदि पेट में गैस, अपच, एसिडिटी आदि की समस्या रहती है तो दवा के बजाय कुछ पेय पदार्थ हो सकते हैं कारगर, डाइटिशियन से जानें इनके बारे में.

1. सेब का सिरका: सेब के सिरके में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पेट को स्वस्थ रखने के साथ एसिडिटी की समस्या को कम करते हैं।

2. पुदीने की चाय: यह चाय खाना पचाने के साथ खट्टी डकार से राहत देती है। इससे तनाव कम होने के साथ सिरदर्द में भी आराम मिलता है।

3. अदरक की चाय: यह चाय पीने से सलाइवा का अधिक निर्माण होता है, इससे खाना पचाने में मदद मिलती है। ज्यादा खा लिया है तो इस चाय को पीने से आराम मिलेगा।

4. अजवाइन की चाय: गैस और अपच से परेशान हैं, तो एक गिलास पानी को गर्म कर उसमें चौथाई चम्मच अजवाइन डालकर उबालें और पीएं।

5. नींबू पानी: नींबू पानी पीने से इम्युनिटी मजबूत होने के साथ शरीर को भरपूर ऊर्जा भी मिलती है।

अकेलेपन के लक्षण

                                                       

उदासी, रोने का मन होना, सामाजिक मेलजोल से बचना, मनोदशा बदलते रहना जल्दी क्रोध आना, ऊर्जा मैं कमी, भूख नहीं या कम लगना, जल्दी हताश हो जाना, शरीर में दर्द रहना आदि। हमने अपने दिमाग को अब इस तरह प्रशिक्षित कर लिया है कि यहां एक काल्पनिक दुनिया बनी होती है। एक दायरा है, जिसमें व्यक्ति दखल सहन नहीं कर पाता। केवल यही ही नहीं, बच्चों में भी यही चीज आप महसूस कर सकते हैं। दिमाग के लचीलेपन की कमी से अब कौन-सी

लांसेट पत्रिका के एक अध्ययन के अनुसार, अकेलापन और अवसाद का गहरा संबंध है। अकेलापन आपको अवसाद की ओर धकेल सकता है।

नींद खराब होते ही कई समस्याएं एक साथ सिर उठानें लगती हैं। आप निरंतर निष्क्रिय होते चले जाते हैं। मोटापा, पेट से जुड़ी समस्या, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारी हो या डिमेंशिया, लोग ऐसी तमाम गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।

                                                                 

न्यूरोप्लास्टिसिटी को समझे इसे दिमाग का लचीलापन कहते हैं। हमारा दिमाग परिस्थितियों के अनुसार बदल सकता है। उचित संवेदनाओं की मदद से यह कठिनाइयों पर विजय पाने में सहायता करता है, पर पिछले दो तीन दशकों से व्यक्ति के दिमाग का लचीलापन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। एकल परिवार का चलन बढ़ने और समाज से कटते चले जाने का प्रभाव यह है कि अब हम छोटी-छोटी चीजें चीजों के लिए भी दूसरों पर ही आश्रित रहते हैं।