
हिंदी साहित्य के प्रति जनरेशन जेड की बढ़ती रुचि Publish Date : 05/04/2025
हिंदी साहित्य के प्रति जनरेशन जेड की बढ़ती रुचि
प्रोफेसर आर. एस सेंगर
“कविताओं से अधिक उपन्यास आ रहे पसंद ‘गुनाहों का देवता’ ने किया प्रेरित।“
हिंदी साहित्य ने बीते तीन से चार महीनों में जनरेशन जेड के बीच एक नई पहचान बनाई है। एक समय था जब हिंदी किताबों की दुनिया केवल कुछ विशिष्ट स्तर के पाठकों तक ही सीमित हुआ करती थी। वहीं, अब युवा वर्ग के बीच भी हिंदी की यह किताबें अपना विशेष स्थान बना रही है। इस प्रकार अब यह ट्रेंड केवल साहित्य प्रेमियों तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अब प्रत्येक आयु वर्ग के लोग इसे पसंद कर रहे हैं। विशेष रूप से नॉन-फिक्शन किताबें, जो आजकल सबसे अधिक पसंद की जा रही है।
राजधानी के चौड़ा रास्ता, टोंक रोड, एमडी रोड और एमआइ रोड आदि स्थानों पर स्थित बुक स्टोर्स पर युवा हिंदी की किताबों की मांग के साथ पहुंच रहे है। अमेजन पर भी वर्ष 2025 में अब तक सबसे अधिक खरीदी गई हिंदी किताबों में गुनाहों का देवता, भगवद् गीता, गोदान और अक्टूबर जंक्शन आदि के समेत कई अन्य हिंदी की किताबों ने भी जगह बनाई है, जो दर्शाती है कि लोग अब न केवल अपने मनोरंजन के लिए, बल्कि ज्ञान और समाज की अच्छी समझ प्राप्त करने के लिए भी किताबों का अध्ययन कर रहे है।
एक पाठक मिताली सिन्हा ने बताया कि पहले वह हिंदी में लिखी हुए किताबें बहुत कम पढ़ती थी। बीते दिनों उन्होंने कॉलेज की लाइब्रेरी में गुनाहों का देवता किताब पढ़ी, वह किताब उन्हें इतनी अधिक पसंद आई कि इसके बाद हिंदी साहित्य को ही पढ़ना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होने मन्नू भंडारी, मंटो, धर्मवीर भारती और प्रेमचंद आदि लेखकों की किताबें भी पढ़ी। कविताओं से अधिक उन्हें उपन्यास व नाटक पसंद आए है। उन्होंने बताया कि उनके फ्रेंड सर्कल में भी बहुत कम फ्रेंड्स हिंदी किताबें पढ़ते हैं। हालांकि, अब स्थिति अलग है और उनके कई फ्रेंड्स हिंदी की किताबें पढ़ने लगे हैं।
पढ़ना बहुत जरूरी
आलोक ने बताया कि उन्हें हिंदी लेखन और पढ़ना बेहद पसंद है। वे दर्शनशास्त्र और शास्त्रीय साहित्य सहित हर उस विषय की किताब को पढ़ते हैं, जो मानवीय भावना के समीप होती है। उन्होंने बताया कि बेहतरीन लिखने के लिए साहित्य पढ़ना बहुत जरूरी है। इसके लिए वह प्रेमचंद, भगवतीचरण शर्मा, रामधारी सिंह दिनकर सहित कई अन्य लेखकों की किताबों को भी पढ़ते हैं।
अब दिल्ली से मंगवा रहे किताबें
एमडी रोड स्थित बुक स्टोर के संचालक नरेश ने बताया कि पहले हिंदी नॉवेल कुछ चुनिंदा लोग ही पढ़ते थे, लेकिन बीते कुछ महीनों से हिंदी की किताबों में इनकी मांग बढ़ रही है। इन दिनों जेनरेशन जेड के युवा खासतौर पर हिंदी की किताबें पढ़ रहे हैं। वे मानव कौल, सत्य व्यास, मंटो और मन्नू भंडारी जैसे लेखकों की किताबें खरीदकर पढ़ रहे हैं। हिंदी किताबों की इस बढ़ती मांग को देखते हुए वह अब दिल्ली से किताबें मंगवा रहे हैं। पिछले तीन महीनों में हिंदी की किताबों की मांग में दो गुना तक वृद्धि हुई है।
प्रति वर्ष 3.19 प्रतिशत तक की वृद्धि
भारत में पुस्तक बाजार का राजस्व 2025 में लगभग 48.439 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। इसमें 2025 से 2029 तक हर साल 3.19 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। इससे 2029 तक इसका कुल राजस्व 54.923 करोड़ रुपए हो सकता है। वहीं, भारतीय पुस्तक बाजार में 2029 तक करीब 501 मिलियन पाठक होने का अनुमान है।
शहर के युवाओं में इन किताबों और लेखकों की बढ़ी मांग
- रश्मिरथी
- राग दरबारी
- चित्रलेखा
- आपका बंटी
- मैला आंचल
- कपस
- काशी का अस्सी
- तमस
- जूठन
- गुनाहों का देवता आदि।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।