
कृषि के सम्बन्ध में प्रयोग किए जाने वाले कुछ शब्द और उनके अर्थ Publish Date : 02/03/2025
कृषि के सम्बन्ध में प्रयोग किए जाने वाले कुछ शब्द और उनके अर्थ
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु
फसल की सघनता:
निवल फसल क्षेत्रफल से सकल फसल क्षेत्रफल का अनुपात निवल बोया गया क्षेत्रफल:
निवल फसल क्षेत्रफल के भांति इसे निम्न समीकरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। निवल बोया गया क्षेत्रफल बराबर सकल बोया गया क्षेत्रफल (परती भूमि + खेती योग्य बंजर भूमि) + K गुना (एक से अधिक बार फसल का क्षेत्रफल); जहाँ K वह संख्या है जितनी बार खेती के लिए भूमि का टुकड़ा प्रयुक्त किया गया है।
छोटे/सीमांत किसान: यह शब्द साधारणतया भारत के संदर्भ में प्रयुक्त किया जाने वाला शब्द है। यह शब्द 2.5 हेक्टयर (1 हैक्टेयर क्षेत्र 2.5 एकड़ भूमि) से कम भूमि जोत वाले किसानों के लिए प्रयुक्त किया जाता है। छोटा किसान उसे कहा जाता है जिसके पास 2 एकड़ से कम भूमि है। भूमि उपयोग और फसल प्रतिरूप कृषि और आर्थिक विकास जबकि एक एकड़ से कम भूमि वाले किसान को सीमांत किसान कहा जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने प्राथमिकता के आधार पर ऋण देने के प्रयोजन के लिए (प्राथमिकता सेक्टर में कमजोर वर्गां में) ‘छोटे और सीमांत किसान’ के रूप में ऐसे किसानों के पास परिभाषित किया है जिन किसानों के पास 5 एकड़ से कम असिंचित भूमि या 2.5 एकड़ सिंचित भूमि और भूमिहीन श्रमिक, पट्टेदार किसान और बटाईदार’, के रूप में परिभाषित किया गया है।
इन किसानों को अनिवार्यतः अपनी खेती के कार्यों पर ही निर्भर रहना पड़ता है क्योंकि उनके पास आय का कोई अन्य उपयुक्त विकल्प नहीं होता है। गरीब होने के कारण, वे अपने उपयोग के लिए ही फसल पैदा करते हैं, इसलिए ’जीवन निर्वाह खेती या किसान’ के जैसे शब्दों का प्रयोग भी इनके सम्बन्ध में ही किया जाता है। चूंकि वह संख्या में बहुत अधिक हैं और खेती के आधुनिक नए तरीके अपनाने के लिए (साक्षरता के निम्न स्तर और आधुनिक तरीके को काम में लाने के लिए अपेक्षित निवेश के अभाव जैसे कारणों के चलते), वह अपनी उत्पादकता और आय के स्तर को बढ़ाने का निरंतर प्रयास करते रहते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।