
फसल की सुरक्षा के लिए नीलगाय को खेत से भगाने के आसान उपाय! Publish Date : 18/02/2025
फसल की सुरक्षा के लिए नीलगाय को खेत से भगाने के आसान उपाय!
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 वर्षा रानी
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की 75 प्रतिशत से अधिक आबादी की आजीविका कृषि पर ही निर्भर है। ऐसे में किसानों के लिए उनकी फसल ही सब कुछ होती है, लेकिन आजकल नीलगाय किसानों की फसलों को बर्बाद कर देती हैं, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
असल में, देश के बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में नीलगाय सबसे अधिक पाई जाती हैं। यह खेतों में फसल खाने के लिए झुंड बनाकर घुसती हैं, इसलिए ये फसल को खाने के साथ ही उन्हें कुचल कर भी नुकसान पहुचाती हैं।
1. इस मशीन का करें इस्तेमाल
आजकल बाजार में नीलगाय को भगाने के लिए एक ऐसी मशीन उपलब्ध है जिसे किसान भाई अपने खेत में लगा सकते हैं, इस मशीन को चलाने के लिए बिजली या गैस की जरूरत नहीं होती है, न ही किसानों को इसका प्रयोग करने के लिए खेत में जाने की आवश्यकता होती है। यह मशीन एक प्रकार का पंखा होता है, जिसे खेत में एक ऊंची लकड़ी लगाकर उस पर बांधना होता है। यह मशीन हवा के द्वारा चलती है।
इस मशीन की आवाज इतनी तेज होती है कि नीलगाय डरकर खेत से भाग जाती हैं। इस मशीन के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि हवा की दिशा में बदलने से पंखे की गति प्रभावित नहीं होती है। इस मशीन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि जिस ओर हवा की दिशा होगी, उसी ओर यह मशीन भी अपना रुखकर लेती है।
2. टॉर्च जलाकर नीलगाय भगाएँ
नीलगाय के आतंक को रोकने के लिए आप टॉर्च का भी उपयोग भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने खेत में लगभग सात से आठ फीट का एक डंडा लगा देना होता है। फिर रस्सी की सहायता से टॉर्च को डंडे में बांध दना है। रात होते ही आप इस टॉर्च को जला देना होता है। इसकी रोशनी की वजह से आपके खेतों में नीलगाय नहीं आएगी। यह तरीका बहुत ही आसान है, जिसे अपनाकर आप अपनी फसलों को बर्बाद होने से बचा सकते हैं।
3. गेंदे के पौधे से करें ये उपाय
किसान नीलगाय को भगाने के लिए खेत की मेड़ पर गेंदे के पौधे लगा सकते हैं। गेंदा के पौधे पर यदि रात में कपड़ा लपेट दिया जाए तो ये मानव की आकृति की तरह दिखते हैं, जिससे डरकर नीलगाय भाग जाती हैं। दरअसल गेंदे के पौधे 4-5 फीट तक लंबे होते हैं, जिससे जानवरों को ऐसा लगता है कि मेड़ पर कोई बैठा है, और इससे वे खेत में आने से डरते हैं।
4. नीम की खली भी हो सकती है कारगर
आप नीम की खली का इस्तेमाल करके भी अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं। इसके लिए तीन किलो नीम की खली और तीन किलो ईंट भट्ठे की राख का पाउडर बनाकर प्रति बीघा के हिसाब से छिड़काव करें। आपको बता दें कि नीम की खली से कीट व रोगों की समस्या कम होती है, साथ ही इससे खेत के आसपास नीलगाय भी नहीं आती हैं। नीम की गंध के कारण जानवर फसल को नुकसान नहीं पहुचाते हैं। आप इस मिश्रण का छिड़काव महीने में एक बार कर सकते हैं।
5. हर्बल घोल का प्रयोग करें
नीलगाय को खेतों की ओर आने से रोकने के लिए एक और कारगर तरीके की बात करें तो 4 लीटर मट्ठे में आधा किलो छिला हुआ लहसुन पीसकर मिल दें, फिर इसमें 500 ग्राम बालू डालें। इस घोल को पांच दिन तक रखें, फिर इसका छिड़काव करें। इसकी गंध से लगभग 20 दिन तक नीलगाय खेत में नहीं आएगी। इसे 15 लीटर पानी के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त बीस लीटर गोमूत्र, 5 किलोग्राम नीम की पत्ती, 2 किग्रा धतूरा, 2 किग्रा मदार की जड़, फल-फूल, 500 ग्राम तंबाकू की पत्ती, 250 ग्राम लहसुन, 150 लाल मिर्च का पाउडर को एक डिब्बे में भरकर 40 दिन के लिए धूप में रख दें। इसके बाद 80 लीटर पानी में एक लीटर दवा को घोलकर फसल पर छिड़काव करें। इससे पूरे महीने नीलगाय फसल पर हमला नहीं करती हैं, साथ ही इसका प्रयोग करने से कीट पतंगों की समस्या भी कम होती है।
6. खेत की घेराबंदी करें या यह घास लगाएँ
नीलगाय को भगाने के लिए आप खेत के चारों ओर कंटीली तार, बांस की फंटियां या चमकीली बैंड आदि से घेराबंदी भी कर सकते हैं। इसके अलावा खेत की मेड़ों के किनारे करौंदा, जेट्रोफा, तुलसी, खस, जिरेनियम, मेंथा, लेमन ग्रास, सिट्रोनेला और पामारोजा आदि लगाने से भी नीलगाय के नुकसान से फसल को बचाया जा सकता है।
7. गोबर के घोल का छिड़काव करें
किसान साथी गोबर का घोल बनाकर मेड़ से एक मीटर अन्दर तक अपनी फसल पर छिड़काव करें तो इससे भी नीलगाय फसल को कुछ समय के लिए नुकसान नहीं पहुचाती हैं। इसके अलावा आप पोल्ट्री का कचरा, गोमूत्र, सड़ी सब्जियों की पत्तियों का घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करके भी फसल को बचा सकते हैं।
8. अंडे से इस तरह तैयार करें घोल
आप अंडे का इस्तेमाल करके भी नीलगाय को भगा सकते हैं। इसके लिए 15 अंडे और 50 ग्राम वाशिंग पाउडर लें। फिर अंडे को फोड़कर इसे 25 लीटर पानी में मिला दें, और फिर इस घोल में 50 ग्राम वाशिंग पाउडर भी मिलाकर फसल के ऊपर उसका छिड़काव करें। इस घोल की गंध के कारण नीलगाय व आवारा मवेशी फसल पर हमला नहीं करेंगे। जानकारों की माने तो अंडों से एक विशेष प्रकार की गंध निकलती है, जिसके चलते नीलगाय खेत में नहीं आती है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।