व्यवहारगत सहजता बनाए रखकर अपनी बातचीत को सार्थक बनाएं Publish Date : 10/01/2025
व्यवहारगत सहजता बनाए रखकर अपनी बातचीत को सार्थक बनाएं
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
बिना वजह की आक्रामकता आपके लिए घातक भी सिद्व हो सकती है-
आपने अपने आसपास बहुत से ऐसे लोगों को देखा होगा जो आपकी किसी बात पर अपनी राय रखने या एक अच्छी बहस करने के बजाय हमेशा नकारात्मक प्रक्रिया ही देते रहते हैं। ऐसे में आपको काफी तेज गुस्सा भी आता होगा, लेकिन आप अपने इस क्रोध को जाहिर नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में आप स्वयं अपने आप को काफी कमजोर महसूस करते हैं और यह भावना आपके भीतर एक निष्क्रिय आक्रामक व्यवहार को जन्म देती है। ऐसा तब होता है, जब आप गुस्से में होते हैं और किसी भी बात का जवाब देने या उसका कुछ हल कर पाने में स्वयं को असमर्थ मानने लगते हैं।
ऐसे में आप किसी मुद्दे पर बात करने के स्थान पर गपशप करके या बेमन से प्रतिक्रिया देते हैं। किसी मुद्दे पर अपनी राय देना महत्वपूर्ण है, फिर चाहे भले ही यह कठिन काम है। इससे आप अपनी राय को विनम्रता से व्यक्त कर पाएंगे और नकारात्मक व्यवहार आप पर हावी नहीं होगा। हालांकि इसके लिए आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना भी आवश्यक होता है जैसे कि-
बोलते समय तोल मोल कर ही बोलें
जब भी आप किसी से बातचीत करते हैं तो उस समय आपको तो तोल-मोल कर ही बोलना चाहिए। किसी भी तरह की बातचीत का सबसे परफेक्ट तरीका इसी को माना जाता है। इससे आप स्वयं को न केवल बेवजह के गुस्से से बल्कि निष्क्रिय आक्रामकता जैसे व्यवहार से भी बचा पाएंगे। इसके लिए ऐसे लोगों से बात करें, जिनका व्यवहार आपको अच्छा नहीं लगता। आप बातचीत के आधार पर रचनात्मक तरीके से बिना हिचक के चाहत व सहजता के साथ उसके व्यवहार में बदलाव लाने के लिए कह सकते हैं। इससे आपके रिश्ते बेहतर बनेंगे और आप नकारात्मक सोच का जवाब भी अपने पूरे आत्मविश्वास से दे पाएंगे।
खुलकर बात करें
निष्क्रिय आक्रामकता को अच्छा व्यवहार नहीं माना जाता, विशेष तौर पर पेशवरों और छात्रों के लिए यह तनाव और संबंधों में दरार आने का एक प्रमुख कारण बनता है, इसलिए किसी व्यक्ति का व्यवहार अच्छा न लगने पर उससे लड़ाई झगड़ा कदापि ना करें। बल्कि इसके स्थान पर उससे खुलकर बातचीत करके उसके व्यवहार के पीछे के मर्म को जानने का प्रयास आपको करना चाहिए। इसके लिए आप उससे कुछ सवाल भी पूछ सकते हैं। अगर आप फिर भी इसे नहीं उभर पा रहे हैं तो पता लगाएं कि आपके माता-पिता या आपके सहयोगी किसी व्यक्ति के प्रति अपना क्रोध कैसे व्यक्त करते हैं।
सदैव ही प्रेरित करते रहे
यदि कोई इंसान आपके साथ गलत व्यवहार करता है, तो इसके जवाब में आक्रमकता दिखाने और आरोप लगाने से आपको बचना चाहिए। आपकी बॉडी लैंग्वेज भी बहुत अधिक मायने रखती है। व्यक्ति विशेष पर गुस्सा करने के स्थान पर अपने मिजाज में नरमी बनाए रखें। ऐसे लोगों का अनुसरण करें जो ऐसी किसी भी परिस्थिति में स्वयं को शांत बनाए रखते हैं। महान लोगों की जीवनिया और प्रेरक कहानियां पढ़ते रहें, इससे आप स्वयं को हमेशा सकारात्मक और प्रेरित रख पाएंगे।
ऐसी छोटी-छोटी तकनीकों को अपनाकर आप अपने निष्क्रिय आक्रामकता के व्यवहार को काफी हद तक कम कर सकते हैं। साथ ही ठोस तर्क के जरिए सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत भी हमेशा जताते रहें। यदि आप उपरोक्त बातों पर ख्याल करेंगे तो निश्चित रूप से आप अपने जीवन में कहीं अधिक सफल हो सकेंगे।
इसके लिए जरूरी है कि आप अपने व्यवहार में सहजता बनाए रखकर और किसी मुद्दे पर टू द पॉइंट बात करके भी पूरी बातचीत को सार्थक बना सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।