गन्ने के विभिन्न उपयोग      Publish Date : 13/11/2024

                              गन्ने के विभिन्न उपयोग

                                                                                                                                                 प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

उद्योग जगत में गन्ने के विविध उपयोगों में कुछ महत्वपूर्ण उपयोग नीचे दिए जा रहे हैं-

गन्नें के अनुप्रयोग-

चीनी उत्पादनः- गन्ने का सबसे आम उपयोग चीनी अर्थात सुक्रोज का उत्पादन करना है। चीनी को परिष्कृत करने के बाद भोजन और पेय पदार्थों में एक स्वीटनर के रूप में उपयोग किया जाता है।

                                                               

जैव ईंधन (इथेनॉल):- गन्ने का उपयोग इथेनॉल के प्रोडक्शन के लिए किया जाता है। इथेनॉल एक अक्षय जैव ईंधन होता है जिसका उपयोग ऑटोमेटिव उद्योग तथा विभिन्न उ़द्योगों में ईंधन की पूर्ति के उददेश्य से किया जाता है। गन्ने से निर्मित इथेनॉल E-85 (85 प्रतिशत इथेनॉल और 15 प्रतिशत गैसोलीन का मिश्रण) जैव ईंधन का एक प्रमुख घटक होता है।

गुड़ः- चीनी के निष्कर्षण के बाद एक उपोत्पाद के रूप में गुड़ का उपयोग खाद्य उत्पादन जैसे बेकिंग के लिए, पशु आहार के रूप में और रम जैसे मादक पेय सामग्री के निर्माण में बहुतायत से किया जाता है।

                                                       

खोईः- खोई, गन्ने से रस को निकाल लेने के बाद एक बचा हुआ रेशेदार अवशेष होता है। खोई का उपयोग ऊर्जा उत्पादन करने के लिए एक बायोमास ईंधन के रूप में किया जाता है। इसके अतिरिक्त खोई का उपयोग कागज, बॉयोडिग्रेडेगल पैकेजिंग और भवन एवं निर्माण के लिए प्रयुक्त सामग्री के रूप में भी किया जा रहा है।

                                                     

रम मादक पेय उत्पादनः- गुड़ के अतिरिक्त रस और अन्य स्प्रिट आदि को बनाने के लिए भी गन्ने के रस को किण्वित और आसवित करके उपयोग किया जाता है।

पशुधन चारे के रूप में:- गन्ने की पत्तियों, शीर्ष और खोई का उपयोग मवेशियों और अन्य पशुओं के आहार के रूप में किया जा सकता है। विशेष रूप से ऐसे क्षेत्रों में जहां चारे के स्रोत कम मात्रा में उपलब्ध होते हैं।

पारंपरिक चिकित्साः- भारत के कुछ हिस्सों में गन्ने के पौधों के कुछ भागों का का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के रोगों जैसे पाचन से सम्बन्धित परेशानियों अथवा निर्जलीकरण (डिहाईड्रेशन) के उपचार हेतु किया जाता है। इसके अतिरिक्त गन्ने के और भी काफी उपयोग हैं।  

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।