धरती पर कब तक आएगी प्रलय और सबकुछ हो जाएगा समाप्त, वैज्ञानिकों ने दिया समय Publish Date : 27/09/2024
धरती पर कब तक आएगी प्रलय और सबकुछ हो जाएगा समाप्त, वैज्ञानिकों ने दिया समय
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
काफी समय पूर्व से ही दुनिया के समाप्त होने की अक्सर भविष्यवाणियां की जाती रही हैं। भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा समेत कई भविष्यक्ताओं ने बताया था कि आखिर दुनिया कब समाप्त होगी। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमले के बाद महाविनाश की घड़ी (डूम्सडे क्लॉक) भी बनाई है। बताया जाता है कि इस घड़ी में 12 बजते ही यह तय हो जाएगा की यह धरती अब इंसानों के रहने लायक नहीं रही है।
दुनिया में टाइम ट्रेवलर (समय यात्री) होने का दावा करने वाले कई लोगों के द्वारा भी धरती पर प्रलय आने को लेकर अलग-अलग तारीख बताई गई है। कुछ समय पहले एक स्टडी सामने आई थी, जिसमें बताया गया था कि यह दुनिया कब समाप्त होगी और उसके बाद इस धरती पर इंसान और जीव जंतु आदि कोई भी जीवित नहीं बचेगा। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक लंबे शोध के बाद दुनिया के समाप्त होने की तारीख बताई है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इस प्रलय में पेड़-पौधे भी नष्ट हो जाएंगे। धरती पर हर तरफ सिर्फ ही तबाही ही नजर आएगी। ऐसे में हमारे विशेषज्ञ बता रहे हैं कि आखिर धरती पर प्रलय कब आएगी?
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने बताया है कि प्रलय आने में अभी काफी लम्बा समय बाकी है। ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के द्वारा यह शोध किया है। उन्होंने इस शोध को करने के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन नामक तकनीक का इस्तेमाल किया है। वैज्ञानिकों ने इस शोध से यह जानने का प्रयास किया है कि आखिर धरती पर कब प्रलय की स्थिति बन पाएगी। वैज्ञानिकों कं द्वारा किए गए इस शोध के नतीजे बेहद हैरान करने वाले हैं।
शोधकर्ता वैज्ञानिकों के अनुसार, आगामी 250 मिलियन वर्षों में पृथ्वी पर प्रलय आ सकती है और इसके चलते इस धरती के सभी जीव-जंतु और पेड़ पौधे भी नष्ट हो जाएंगे। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि उस समय धरती का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। ऐसे में किसी भी जीव का जीवित रह पाना असंभव हो जाएगा। उन्होंने कहा है कि सभी जीवधारी समाप्त हो जाएंगे।
ठस शोध के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जिस गति से दुनिया कार्बन का उत्सर्जन कर रही है, उसके कारण यह प्रलय की घड़ी जल्दी भी आ सकती है। उन्होंने कहा कि यह भी हो सकता है कि इससे 66 मिलियन वर्ष पहले ही सबकुछ तबाह हो जाए। वैज्ञानिकों के अनुसार, डायनासोर के समाप्त हो जाने के बाद यह पहली बड़ी सामूहिक तबाही होगी।
डॉ. अलेक्जेंडर फार्नस्वर्थ के नेत्त्व में यह शोध किया गया हैं। उन्होंने बताया कि प्रलय के समय वर्तमान से कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर दो तक गुना हो सकता है। इसकी वजह से पसीने के के माध्यम से इंसान के शरीर से निकलने वाली गर्मी नहीं निकल पाएगी। लोगों का शरीर तेजी से गर्म होगा और इससे उनकी जान चली जाएगी।
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस घटना के चलते धरती के सभी महाद्वीप एक दूसरे साथ मिल जाएंगे और एक विशाल द्वीप का निर्माण होगा। धरती डोनट का आकार ले लेगी और इसके बीच में महासागर होगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती के ज्यातादर हिस्से प्रशांत महासागर में डूब जाएंगे। पहले धरती का तापमान बढ़ेगा और उसके बाद यह निर्जन हो जाएगी। हालांकि, अभी इससे डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी प्रलय आने में अभी काफी बचा हुआ है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।