मशरूम-पोषण और औषधीय गुणों का खजाना

                                                           मशरूम-पोषण और औषधीय गुणों का खजाना
                                                                                                                 डॉ0 गोपाल सिंह, डॉ0 आर. एस. सेंगर ए0ं डॉ0 वर्षा रानी 

मशरूम में चमत्कारी पौष्टिक एवं औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिन्हें प्राचीन काल से ही मान्यता प्राप्त है। यह न केवल शरीर के सामान्य क्रिया-कलाप के लिये आवश्यक बहुत सारे पोषक तत्व प्रदान करते हैं, बल्कि जीर्ण विकारों और रोगों को नियंत्रित करने में भी सहायता करते हैं। मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिये कार्बोहाइड्रेट और वसा के नगण्य मात्रा वाले मशरूम बहुत उपयोगी होते हैं। मशरूम कम कैलोरी आहार होने के कारण मोटापे को नियंत्रित करने में सक्षम है तथा संतुलित अनुपात में मौजूद मैक्रो और सूक्ष्म पोषक तत्वों से शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में सहायता करता है। समय की यही मांग है कि हम अपने दैनिक आहार में इस अद्भुत भोजन को अपनाए क्योंकि इसमें कई प्रतिआक्सीकारक (एंटीऑक्सीडेंट) और पॉलीसैकराइड पाये जाते हैं जो हमें युवा रखने में सहायता करते हैं। शाकाहारियों के लिये यह वास्तव में एक स्वादिष्ट भोजन है क्योंकि मशरूम में पर्याप्त मात्रा में सेलेनियम होता है जो शरीर में मुक्त कणों से छुटकारा पाने में मदद करता है।

                                                    

मशरूम एक विशेष भोजन है जिसमें पोषण और औषधीय दोनों गुण होते हैं तथा प्राचीन समय में केवल चीन और जापान के विशेषाधिकार प्राप्त लोगों द्वारा ही मशरूम खाया जाता था। मशरूम (या टोडस्टूल) एक मासल, कवक का फलन है जिसमें बीजाणु पाये जाते हैं तथा आमतौर पर मिट्टी के ऊपर या उसके भोजन स्त्रोत पर उगता है। मशरूम तकनीकी रूप से सब्जी नहीं है लेकिन यह सब्जियों की तरह ही कई पौष्टिक लाभ प्रदान करता है जिसके कारण इन्हें सब्जियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। मशरूम का लाभ इनके पोषण मूल्यों के कारण बहुत बड़ा है क्योंकि यह सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरे हैं तथा इसीलिये इन्हें सुपर फूड्स के रूप में भी माना जाता है।
मशरूम के पौष्टिक गुण

                                                       
मशरूम लंबे समय से बेशकीमती अति पौष्टिक खाद्य पदार्थ रहा है जिसमें अकल्पनीय पोषक शक्ति है। विश्व की कुल 40 मिलियन टन मशरूम उत्पादन में से चीन लगभग 33 मिलियन टन का उत्पादन करता है जोकि 80 प्रतिशत से भी अधिक है जबकि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1.30 लाख टन का ही उत्पादन होता है। विश्व में मशरूम की खपत 2-3 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष है जबकि चीन में यह 20-22 किलोग्राम तथा भारत में मात्र 70-80 ग्राम है। मशरूम प्रोटीन, विटामिन एंटीऑक्सीडेंट (सेलेनियम), रेशे तथा विभिन्न खनिजों जैसे लौह, मैग्नीशियम, जस्ता, मैंगनीज, पोटाशियम, तांबा आदि का बहुत समृद्ध स्त्रोत है जबकि इसमें कार्बोहाइड्रेट और वसा बहुत कम है जिसके कारण मधुमेह और हृदय सम्बंधी समस्याओं से पीडित लोगों के लिये यह बहुत उपयोगी है। रेशे से भरपूर होने के कारण यह तीव्र कब्ज समस्या को दूर करने में भी मदद करता है। मशरूम ही एक मात्र ऐसी फसल है जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायता करता है।
मशरूम में अपेक्षाकृत प्रोटीन की मात्रा अधिक पायी जाती है जो कि इनके सूखे द्रव्यमान का लगभग 20 प्रतिशत औसतन होता है। यह बहुत से आवश्यक अमीनो ऐसिड प्रदान करते हैं, साथ ही यह कम वसा (0.3-20 प्रतिशत), उच्च रेशे तथा विटामिन के कई समूहों, विशेष रूप से थाइमीन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, बायोटिन, पैंटोथैनिक ऐसिड और एस्कार्बिक ऐसिड प्रदान करते हैं। लगभग 100 ग्राम मशरूम खाने पर यह विटामिन-बी का उत्कृष्ट स्त्रोत (दैनिक मूल्य से 20 प्रतिशत अधिक) जिसमें राइबोफ्लेविन, नियासिन तथा पैंटोथैनिक अम्ल मिलते हैं व आवश्यक खनिजों जैसे सेलेनियम (37 प्रतिशत दैनिक मूल्य) व ताबा (25 प्रतिशत दैनिक मूल्य) का उत्कृष्ट स्त्रोत व फास्फोरस तथा पोटाशियम (10-19 प्रतिशत दैनिक मूल्य) का अच्छा स्त्रोत पाया गया है। भारत की अधिकांश जनसंख्या प्रोटीन-ऊर्जा कुपोषण से ग्रस्त है क्योंकि दैनिक आहार में पर्याप्त प्रोटीन पूरक उपलब्ध नहीं है जिसके लिये मशरूम की लोकप्रियता बढाना समय की आवश्यकता है।
मशरूम के स्वास्थ्य लाभ

                                                   
ऽ    मशरूम में पाए जाने वाले विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट रोग निवारण और स्वास्थ्य लाभ में योगदान करते हैं। मशरूम में मौजूद एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट एर्गोथियोनिन मुक्त कणों से बचाता है तथा प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है।
ऽ    शरीर में आक्सीजन को अवशोषित करने, लाल रक्त कणिकाएं बनाने व हृदय समस्याएं रोकने में तांबा सहायता करता है जबकि जस्ता उचित चयापचय क्रियात्मकता सुनिश्चित करता है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है और लोहा रक्ताल्पता (एनीमिया) को रोकता है।    
ऽ    मशरूम में बीटा-ग्लूकेन्स और लिनोलिक एसिड के संयोजन में सेलेनियम, मुक्त कणों के कारण होने वाले कैंसर और कोशिका के नुकसान को रोकता है। यह दांत, नाखुन, हड्डियों और बालों के लिये भी फायदेमंद है।
ऽ    प्रोटीन, रेशे और विटामिन बी का सयोजन स्वस्थ चयापचय बनाये रखने में मदद करता है।
ऽ    ढींगरी मशरूम में प्राकृतिक रूप से स्टैटिन औषधी पाई जाती है जिसे लोवास्टैटिन (28 प्रतिशत) कहा जाता है जो कौलेस्ट्रोल को कम करने के लिये प्रयोग किया जाता है। शिटाके मशरूम में भी विशिष्ट एंटीकौलेस्ट्रोल यौगिक पाया जाता है जिसे इरीटाडैनिन कहा जाता है।
ऽ    मशरूम में प्राकृतिक इसुलिन और एंजाइम होते हैं जो भोजन में शर्करा या स्टार्च को तोडने में मदद करते हैं जिससे मधुमेह का नियंत्रण हो जाता है।
ऽ    मशरूम ही एक मात्र विटामिन-डी युक्त सब्जी है जो कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण और चयापचय में भी सहायता प्रदान करते हैं।
ऽ    शिटाके और मैटाके मशरूम में बहुत ज्यादा पोटाशियम पाया गया है। पोटाशियम एक वाहिकाविस्फारक (वैसोडीलेटर) के रूप में कार्य करता है, रक्त वाहिकाओं में तनाव कम करके रक्तचाप को कम करता है।
ऽ    हमारे शरीर में हर कोशिका को ग्लूकोज की आवश्यकत्ता होती है लेकिन संभवतया एक अस्वास्थ्यकर आहार के माध्यम से पूरी शर्करा का उपयोग नहीं होता। अतिरिक्त शर्करा वसा में बदल जाती है जो मोटापे में मदद करती है। यहां मशरूम रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और हमारे शरीर में संतुलन बनाये रखाने में मदद करती है।
मशरूम के औषधीय लाभ

                                                      
विभिन्न मशरूमों जैसे गैनोडर्मा, ग्राइफोला, कॉर्डीसेप्स, लैटिनुला, हेरीशियम और साइजोफाइलम में गैनोडर्मा निःसंदेह औषधीय मशरूम का राजा है क्योंकि इसमें अन्य संभावित महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा-विरोधी और रोगाणु गुणों के साथ मुक्त कणों की सफाई, एंटीवायरल, एंटिहाइपरकीलेस्ट्रोलेमिया, एंटीमाइक्रोबियल, डिटोक्सीफिकेशन, हैपाटोप्रोटैक्टिव और एंटीबायोटिक प्रभाव भी है। एगेरिकस बायोस्पोरस और लैटिनुला इडोडस से पृथक किये कैफिक ऐसिड फेनिथाइल एस्टर (सीएपीई) ने मानव स्तन कैंसर का इलाज करने का परिणाम दिखाया है। 
कॉर्डिसेप्स विभिन्न अंगों जैसे फेफडे, यकृत, हृदय, प्रजनन अंगों की शक्ति बढ़ाने के साथ प्रतिरक्षा, अनुकूल गतिविधि और ताकत प्रदान करता है। विभिन्न मशरूम के औषधीय गुण तालिका 1 में दिये गये हैं।
तालिका.1 विभिन्न मशरूमों में पाए जाने वाले यौगिक व औषधीय लाभ
मशरूम    यौगिक    औषधीय गुण
गैनोडर्मा ल्यूसिडम    गैनोडैरिक अम्ल और बीटा.ग्लूकेंस    प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ानाए यकृत बचावए एंटीबायोटिक गुणए कौलेस्ट्रोल निर्माण कम करना
लैंटीनुला इडोडस    इरीटाडैनिन लैंटीनाना    कौलेस्ट्रोल कम करनाए कैंसर प्रतिरोधक कारक
ऐगैरिकस बायोस्पोरस     लैक्टिन्स     इंसुलिन स्त्राव बढ़ाना
प्ल्यूरोटस साजरकाजू    लोवास्टैटिन    कौलेस्ट्रोल कम करना
ग्राइफोला फ्रॉडोसा    पोलीसैकराइड लैक्टिन    इंसुलिन स्त्राव बढ़ानाए रक्त ग्लूकोज को कम करना
औरीकुलेरिया औरिकुला    अम्लीय पोलीसैकराइड    रक्त ग्लूकोज को कम करना
फ्लैमुलिना वैलूटिप्स    एर्गोथियोनिन प्रोफ्लैमिन    एंटीऑक्सीडेंट तथा एंटी कैसर कारक
ट्रैमैटीस वरसीकलर     पौलीसैकराइड.के
क्रेसिन    रोग रोधक प्रणाली के अवसाद को कम करना
कॉर्डिसेप्स साइनेसिस    कॉर्डिसेपिन    फेफडों के संक्रमण को ठीक करनाए दिमाग के अधःपतन को कम करनाए प्रति.अवसाद गतिविधिए स्मरण शक्ति तथा संज्ञानात्मक स्तर को बढ़ाना

सावधानी के शब्द
मशरूम जिस किसी भी सामग्री पर उगते हैं, में से अच्छा या बुरा अवशोषित करने की अनूठी क्षमता रखते हैं। यही गुणवत्ता है जो मशरूम को बहुत अधिक लाभकारी शक्ति के अलावा खतरकनाक पहलू भी प्रदान करती है। कई मशरूम जो जंगल से तोड़े जाते हैं, उनमें भारी धातुएं पाई जाती हैं जो बहुत जहरीली हो सकती हैं तथा साथ ही वायु और जल प्रदूषण भी पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा मशरूम को प्रतिष्ठित उत्पादकों या विश्वसनीय स्त्रोतों से ही खरीदा जाना चाहिये। खाने में एक जहरीला मशरूम ही कई लोगों के स्वास्थ्य के लिए भारी खतरा पैदा कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप बेहोशी, गंभीर विष लक्षण, मतली, उल्टी, आक्षेप, ऐंठन, पागलपन और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।