दैनिक आहार में शामिल करें मोटा अनाज ‘‘रागी’’

                दैनिक आहार में शामिल करें मोटा अनाज ‘‘रागी’’

                                                                                                                                                        प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

रागी क्या है, और क्या फायदे हो सकते हैं इसको अपनी डाइट में शामिल करने से

                                                               

रागी को अकसर इसके देशी नाम मड़ुआ से भी जाना जाता है। यह एक मोटा अनाज है जो अफ्रीका और एशिया के सूखे क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह अनाज एक वर्ष में पक कर तैयार होता है। इसका उत्पत्ति स्थान इथियोपिया के ऊँचे क्षेत्रों को माना जाता है, जिसे कुछ चार हज़ार वर्ष पहले भारत में लाया गया था। यह पौधा ऊँचे क्षेत्रों में अच्छी तरह से उगायाा जा सकता है और हिमालय में 2300 मीटर की ऊंचाई तक उगाया जाता है।

क्या है मड़ुआ या रागी

                                                              

आयुर्वेद के अनेक ग्रंथों में मंडुआ (Ragi) के बारे में जानकारी दी गई है। मंडुआ या रागी का पौधा लगभग 1 मीटर तक की ऊँचाई तक पहुँच सकता है। इसके फल गोलाकार या चपटे और झड़दार होते हैं। मंडुआ के बीज गोलाकार और गहरे भूरे रंग के होते हैं और यह झड़दार और एक ओर से चपटे होते हैं। इन्हें मड़वा या मंडुआ के रूप में भी जाना जाता है। इससे बना भोजन, मोटापे और मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्व हो सकता है।

रागी में मौजूद होते है अनेक पोषक तत्व

रागी (Ragi) में अमीनो अम्ल मेथोनाइन पाया जाता है, जो कि स्टार्च की प्रधानता वाले भोज्य पदार्थों में नही पाया जाता। इसमें उपलब्ध पोषक तत्वों की बात कि जाए तो प्रोटीन, वसा, कार्बाेहाइड्रेट, खनिज और केल्शियम रागी में अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।

खाद्य पदार्थ जो रागी से बनते हैं

भारतीय उपमहाद्वीप में एक प्रमुख चार मोटे अनाजों में से एक है रागी (Ragi) जिसे मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तामिलनाडु, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में प्रमुखता से उगाया जाता है। यह एक परंपरागत खाद्य मोटा अनाज है जिसे स्वस्थ और पोषणशील माना जाता है।

इसे विभिन्न प्रकार के भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, जैसे कि रोटी, डोसा, इडली और हेल्थी नॉट्स। रागी एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है जो शरीर के लिए अति लाभकारी होते हैं। शरीर की ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में भी यह सहायक होता है और वजन का नियंत्रण करने में भी मदद करता है। इसका सेवन करने से अनायास होने वाला संतुलित पोषण मिलता है और यह अनाज हमारे स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है।

                                     रागी से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ

                                                                     

वजन कम करने में कारगर

रागी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो हमारी भूख को कंट्रोल कर करने में सहायक होते है जिससे हमारा वजन कम हो जाता है।

हड्डियों की मजबूती के लिए

रागी में अच्छी मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है जो हमारी हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक होता है। कैल्शियम से हमारी हड्डियां और दांत मजबूत बने रहते हैं।

मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी

रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में सहायता करता है।

पाचन तंत्र को रखता है दुरूस्त

                                                               

रागी में फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन को बेहतर बनाने और पेट को हेल्दी रखने में सहायता करता है।

आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह अवश्य ही लें।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।