परिभाषा व्यवहारिक ज्ञान की Publish Date : 07/09/2024
परिभाषा व्यवहारिक ज्ञान की
व्यावहारिक ज्ञान से तात्पर्य उन कौशलों, रणनीतियों, प्रक्रियाओं या विधियों से है जिन्हें कोई व्यक्ति प्रत्यक्ष भागीदारी या व्यक्तिगत अनुभव के माध्यम से प्राप्त करता है, न कि चीज़ों की सैद्धांतिक समझ के माध्यम से। इस तरह के ज्ञान में आमतौर पर हाथों से या इंटरैक्टिव तरीके से सीखना शामिल होता है और आमतौर पर कार्य-उन्मुख होता है। उदाहरण के लिए, बाइक चलाने के सिद्धांत का अध्ययन करने से आपको इसमें शामिल यांत्रिकी की समझ मिल सकती है, लेकिन बाइक को वास्तव में संतुलित करने और पैडल चलाने का व्यावहारिक ज्ञान ही आपको ऐसा करने में सक्षम बनाता है। व्यावहारिक ज्ञान सिर्फ़ शारीरिक गतिविधियों तक ही सीमित नहीं है; इसका मतलब यह भी हो सकता है कि सामाजिक परिस्थितियों से कैसे निपटा जाए, समय का प्रबंधन कैसे किया जाए या व्यवसाय कैसे चलाया जाए। यह चीज़ों के बारे में जानने के बजाय ‘‘कैसे’’ करना है, यह जानने के बारे में है। व्यावहारिक ज्ञान का महत्व वास्तविक दुनिया की स्थितियों में इसकी तत्काल प्रयोज्यता में निहित है। साधुवाद यथा व्यावहारिकज्ञानं तान् कौशलं, रणनीतयः, प्रक्रियाः वा पद्धतयः इति निर्दिशति यत् व्यक्तिः प्रत्यक्षसंलग्नतायाः वा व्यक्तिगतस्य अनुभवस्य माध्यमेन प्राप्नोति न तु वस्तुनां सैद्धान्तिकसमझस्य माध्यमेन एतादृशं ज्ञानं प्रायः हस्तगतं वा अन्तरक्रियाशीलं वा शिक्षणं भवति, प्रायः कार्याेन्मुखं भवति। यथा, द्विचक्रिकायाः चालनस्य सिद्धान्तस्य अध्ययनेन भवन्तः तत्र प्रवृत्तस्य यान्त्रिकस्य अवगमनं प्राप्नुवन्ति, परन्तु वास्तविकरूपेण द्विचक्रिकायाः संतुलनस्य, पेडलस्य च व्यावहारिकज्ञानं भवन्तं एतत् कर्तुं समर्थयति व्यावहारिकं ज्ञानं केवलं शारीरिकक्रियासु एव सीमितं नास्ति; सामाजिकपरिस्थितिभिः सह कथं व्यवहारः कर्तव्यः, समयस्य प्रबन्धनं कथं कर्तव्यम्, व्यापारं कथं चालनीयम् इति ज्ञातुं अपि तस्य अर्थः भवितुम् अर्हति। कार्याणि ज्ञातुं न अपितु ‘‘कथं’’ कर्तव्यमिति ज्ञातुं विषयः अस्ति। व्यावहारिकज्ञानस्य महत्त्वं वास्तविकजगत्स्थितौ तस्य तत्कालं प्रयोज्यतायां निहितम् अस्ति। धन्यवाद
Practical knowledge refers to the skills, strategies, processes or methods that a person acquires through direct involvement or personal experience, rather than through theoretical understanding of things. Such knowledge usually involves hands-on or interactive learning and is usually task-oriented. For example, studying the theory of riding a bike may give you an understanding of the mechanics involved, but only practical knowledge of actually balancing and pedaling a bike will enable you to do so. Practical knowledge is not just limited to physical activities; it can also mean how to deal with social situations, how to manage time or how to run a business. It is about knowing 'how' to do things rather than knowing 'about' them. The importance of practical knowledge lies in its immediate applicability in real-world situations. Sadhuwad.