खेतों में नील गाय और आवारा पशुओं को रोकने के उपाय Publish Date : 03/09/2024
खेतों में नील गाय और आवारा पशुओं को रोकने के उपाय
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
किसान भाइयों, आज हम आपके लिए एक ऐसा अनोखा तरीका़ लेकर आए हैं जिसको अपनाकर आप अपने खेतों में आवारा जानवरों को घुसने से रोक कर सकते हैं। जहां ते हम समझते हैं शयद यह तरीका आपने शायद ही पहले कभी सुना होगा। ऐसा दावा इस हम अपने अनुभव के आधार पर कह रहे हैं। यह तरीका़ पहली बार ही लोगों के बीच आ रहा है। इस तरीके़ का इस्तेमाल करके किसान भाई अपने खेतों मे घुसनें से पहले ही जंगली जानवरों को रोक सकते हैं। ऐसे में अगर किसान भाइयों को फसल की सुरक्षा करने में दिक्कत आ रही है तब चलिए आपको हम एक तरीका बताने जा रहे हैं जिसका उपयोग कर आप स्वयं तो घर पर ही रहेंगे और जंगली जानवर आपकी फसलों को छु भी नही पाएंगे।
खेत में नीलगाय, आवारा जानवर कभी नहीं आएंगे
आज की अपनी इस पोस्ट में इस तरीके का उपयोग करने के बाद आप अपने खेत से नीलगाय, आवारा जानवर तथा बंदर आदि को अपने खेत से दूर रख पाने में सफल रहेंगे। इस तरीके को उपयोग करने योग्य बनाने के लिए आपके पास दो अंडे, दो छोटी प्याज, एक लोहे का पुराना छोटा सा डिब्बा, 9 से 10 कपड़ो में रखने वाली गोली जिसे ‘‘डामर’ की गोली भी कहा जाता है, होनी चाहिए। इसके अलावा आपके पास कोल्ड ड्रिंक, पानी की बोतल जो छोटी वाली आती है, वह भी होनी चाहिए। अच्छा तो चलिए जानते हैं कि इसको बनाना कैसे हैं और यह काम कैसे करता है।
इस तरीके से बने मिश्रण को प्लास्टिक की बोतलों में डाला जाता है, इस मिश्रण से निलने वाली गंध से नील गाय आदि जंगली जानवर आपके खेतों में नहीं घुस पायेंगे। इस मिश्रण को बनाने के लिए सबसे पहले आपको कपड़े में रखने वाली गोली का पाउडर बनाना है और उसमें दो अंडे फेट ले़ने है, उसके बाद प्याज को भी बारीक काटकर उसी में डाल देना है। इसके बाद आपको लोहे के डिब्बे में इसे रखकर पन्नी की मदद से अच्छे से बांधकर 5 दिन के लिए रख कर छोड़ देना है।
फिर इस मिश्रण को आपको पानी अथवा कोल्ड ड्रिक्स की छोटी-छोटी बोतलों में भरना है और इन बोतलों में चारों तरफ छेंद कर देने हैं। जिससे कि मिश्रण की गंध बाहर निकलती रहे और इसके बाद आपको इन बोतलों को खेतों में टांग देना चाहिए। इस प्रकार तमाम नीलगाय और जंगली जानवर इस मिश्रण से आने वाली गंध के कारण आपके खेत में नही घुस सकेंगे।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।