रोग प्रतिरोधी मक्का की 6 नई हाइब्रिड किस्में हुई रिलीज      Publish Date : 27/08/2024

          रोग प्रतिरोधी मक्का की 6 नई हाइब्रिड किस्में हुई रिलीज

                                                                                                                         प्रोफेसर आर. एस. सेंगर डॉ0 रेशु चौधरी एवं आकांक्षा

आईंसीएआर यानी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने लॉन्च की मक्का की 6 नई किस्में Maize New Hybrid Variety-  मक्का, एक प्रमुख खाद्य फसल हैं, जो मोटे अनाजो की श्रेणी में आती है। यह एक बहुपयोगी फसल है तथा मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के आहार का प्रमुख घटक भी है।

भारत में अधिकतर किसान धान, कपास, गेंहू, सोयाबीन के बाद मक्का की सबसे ज्यादा खेती करना पसंद करते है। लेकिन अच्छी किस्म का बीज न मिलने के कारण उन्हें इसमें ज्यादा मुनाफा नही हो पाता है।

ऐसे में किसानों की आमदनी बढ़ाने को ध्यान में रखकर आईंसीएआर नित नई-नई किस्मों को ईजाद करता आ रहा है। इसी कड़ी में अब आईंसीएआर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने मक्का की 6 नई रोग प्रतिरोधी एवं हाइब्रिड किस्मों को लॉन्च किया है।

यह किस्में अच्छी पैदावार देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगी। आइए इस आर्टिकल में जानते है मक्के की इन नई किस्मों के बारे में जिन्हें हाल ही में आईंसीएआर ने विकसित किया है।

मक्का की नई किस्में लॉन्च

                                                           

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईंसीएआर) ने मक्के की 6 नई किस्में विकसित की हैं, जो भारतीय किसानों के लिए कृषि उत्पादन में एक नई क्रांति लाने वाली किस्में साबित हो सकती हैं।

आईंसीएआर के द्वारा जारी की गईं इन किस्मों में पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड -1 (एपीसीएच 2), पूसा HM4 मेल स्टेराइल बेबी कॉर्न-2 ¼ABSH4-2½] पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड - 1 (एपीसीएच 2), आईएमएच 230 आईएमएचएसबी 20आर-6, आईएमएच 231 आईएमएचएसबी 20के-10 एवं पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड – 2 ¼APCH 3½ शामिल है।

इन किस्मों को देश के विभिन्न राज्यों के लिए अनुकूलित किया गया है, जिससे किसानों को बेहतर उपज, लवणीयता सहनशीलता, और विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में सफल उत्पादन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

1. मक्का की पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड - 1 (एपीसीएच 2) किस्म

मक्का की इस पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड - 1 (एपीसीएच 2) किस्म को आईसीएआर - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने विकसित किया है।

जिसे पंजाब हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड (मैदानी), उत्तर प्रदेश (पश्चिमी क्षेत्र), महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों के लिए अनुशंसित किया गया है।

मक्का की पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड - 1

                                                          

(एपीसीएच 2) किस्म की विशेषताएं:- इस किस्म की खासियत है की यह सिंचित रबी पारिस्थितिकी के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन उपज 46.04 क्विंटल/हेक्टेयर (एनडब्ल्यूपीजेड) जबकि अधिकतम 47.17 क्विंटल/हेक्टेयर (पीजेड) है। इस किस्म के परिपक्व होने अवधि 120.2 दिन (एनडब्ल्यूपीजेड), 102.1 दिन (पीजेड) की है। उच्च पॉपिंग प्रतिशत (एनडब्ल्यूपीजेड में 97.3ः और 98.3ः पीजेड) और पॉपिंग विस्तार अनुपात (18)। यह किस्म चारकोल सड़न के लिए मध्यम प्रतिरोधी है।2. मक्का की पूसा HM4 मेल स्टेराइल बेबी कॉर्न-2 ¼ABSH4-2½ किस्म

मक्का की इस बेबीकॉर्न किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने विकसित किया है।

इसे बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश (पूर्वी क्षेत्र), पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ औरा राजस्थान आदि राज्यों के लिए अनुशंसित किया गया है।

मक्का की पूसा HM4 मेल स्टेराइल बेबी कॉर्न-2 (ABSH4-2) किस्म की विशेषताएं- इस किस्म की विशेषता यह है की यह खरीफ मौसम के दौरान सिंचित स्थितियों के लिए उपयुक्त है और इसकी उपज क्षमता 19.56 क्विंटल/हेक्टेयर (एनईपीजेड), 14.07 क्विंटल/हेक्टेयर (पीजेड) और 16.03 क्यू/हेक्टेयर (सीडब्ल्यूजेड) है। इस किस्म के पकने की अवधि 53 दिन, 100ः पुरुष बाँझपन, कोई परागकोश का परिश्रम नहीं। यह किस्म चारकोल सड़न के लिए मध्यम प्रतिरोधी है।

3.  मक्का की IMH 230 IMHSB 20R&6 किस्म

मक्का की इस किस्म को भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, लुधियाना, पंजाब ने पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल के लिए विकसित किया है।

मक्का की IMH 230 IMHSB 20R-6 किस्म की विशेषताएं- इस किस्म की विशेषता यह है की यह सिंचित रबी मौसम के लिए उपयुक्त है और इसकी उपज 92.36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म की अवधि 145.2 दिन की है और यह किस्म जैविक तनाव, एमएलबी, सीएचआर और टीएलबी के लिए मध्यम प्रतिरोधी, चिलोपार्टेलस, फॉल आर्मीवर्म के प्रति मध्यम सहनशील है।

4. मक्का की पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड- 1 (एपीसीएच 2) किस्म

मक्का की पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड - 1 (एपीसीएच 2) किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड (मैदान), उत्तर प्रदेश (पश्चिमी क्षेत्र), महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान आदि रााजयों के लिए विकसित किया है।

मक्का की पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड –

                                                         

1 (एपीसीएच 2) किस्म की विशेषताएं-  इस किस्म की विशेषता यह है की यह खरीफ मौसम के लिए उपयुक्त है और इसकी उपज 84.33 क्विंटल/हेक्टेयर (एनडब्ल्यूपीजेड), 71.13 क्विंटल/हेक्टेयर (पीजेड), 56.58 क्विंटल प्रति हेक्टेयर (सीडब्ल्यूजेड) है।

इस किस्म की अवधि 79.8 दिन (एनडब्ल्यूपीजेड), 93.9 दिन (पीजेड), 86.4 दिन (सीडब्ल्यूजेड) की है। प्रोविटामिन-ए (6.7 पीपीएम), लाइसिन (3.47%) और ट्रिप्टोफैन (0.78%) से भरपूर यह किस्म एमएलबी, बीएलएसबी, टीएलबी के लिए मध्यम प्रतिरोधी प्रतिरोधी है।

5. मक्का की पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड - 2 (APCH 3) किस्म

मक्का की पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड - 2 (APCH 3) किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु आदि के लिए विकसित किया है।

इस किस्म की विशेषता यह है की यह सिंचित रबी मौसम के लिए उपयुक्त है और इसकी उपज 45.13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म की अवधि 102 दिन की है। यह किस्म टीएलबी के लिए मध्यम प्रतिरोधी है।

6. मक्का की IMH 231 IMHSB 20K-10 किस्म

                                                           

अब अंत में मक्का की IMH 231 IMHSB 20K-10 किस्म को भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, लुधियाना, पंजाब ने पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और असम आदि के लिए विकसित किया है।IMH 231 IMHSB 20K-10 किस्म की विशेषताएं- इस किस्म की विशेषता यह है कि यह खरीफ सिंचित स्थिति के लिए उपयुक्त है और इसकी उपज 70.28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

इस किस्म की मैच्योरिटी 90 दिन की है और यह किस्म जल भराव के प्रति मध्यम सहिष्णु, आवास के प्रति सहिष्णु, टीएलबी, एमएलबी के प्रति मध्यम प्रतिरोधी, के प्रति प्रतिरोधी है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।