गलती से भी खेत में नहीं घुसेगा कोई आवारा पशु Publish Date : 17/08/2024
गलती से भी खेत में नहीं घुसेगा कोई आवारा पशु
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
केवल इन पाँच उपायों में से कोई भी एक उपाय कर लें किसान
इन सब उपायों के अलावा आप खेतों की मेड़ पर तंबाकू और नीम के घोल का भी छिड़काव कर सकते हैं. तेज और कड़वे गंध की वजह से कोई भी मवेशी आपकी खेतों में प्रवेश करने से बचेगा।
खेतों में लगी फसलों को जितना नुकसान प्राकृतिक आपदा या कीट पतंगों की वजह से होता है, उससे कहीं ज्यादा नुकसान आवारा पशुओं की वजह से होता है। ऐसे में किसान इनसे निजात पाने के लिए विभिन्न उपायों को करते हैं, लेकिन अफसोस इस बात की है कि ये उपाय कारगार साबित नहीं हो पाते हैं.ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देंगे, जिसकी प्रामाणिकता की गवाही खुद किसानों ने दी है।
ण्पश्चिम चम्पारण जिले के योगापट्टी निवासी धीरू माली बताते हैं कि उनके क्षेत्र में नीलगाय की संख्या काफी है। ऐसे में वे फूल और फसलों की रक्षा के लिए घेराबंदी नामक पाउडर का इस्तेमाल करते हैं। खास बात यह है कि जैसा इस पाउडर का नाम है, काम भी ठीक वैसा ही है। नीलगाय सहित अन्य आवारा पशु, पाउडर से मेढ़ पर बनाए गए घेरे को पार नहीं कर पाते हैं।
इसके अलावे आप अपनी खेतों की मेढ़ पर लेमन ग्रास के पौधे जरूर लगा सकते हैं, दरअसल यह एक ऐसा पौधा है, जिसमें करीब 2 इंच तक लंबे कांटे निकले होते हैं। ऐसे में कोई भी मवेशी इसके पार जाने की कोशिश भूलकर भी नहीं करेगा। साथ ही इसकी महक, नीलगाय सहित अन्य आवारा पशुओं को खेतों से दूर रखती है।
इतना ही नहीं, लेमन ग्रास के पौधे से फलने वाले नींबू एवं उनके सूखे पत्तों को बेचकर आप कमाई का एक नया जरिया भी बना सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप करौंदा और तुलसी के पौधों को भी खेत की मेड़ पर लगाकर नीलगाय सहित अन्य आवारा पशुओं से अपनी फसलों की रक्षा कर सकते हैं।
जानकर बताते हैं कि आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए किसान एक और उपाय कर सकते हैं। इस अचूक उपाय को करने के लिए आपको सबसे पहले 1 किलो नीम की पत्तियां लेनी होंगी और उन्हें अच्छे से पीस लेना होगा। इसके बाद उसमें लगभग 20 लीटर पानी मिलाकर घोल को 10 घंटे के लिए रख छोड़ देना होगा। फिर आप इस घोल को छानकर फसलों पर स्प्रे कर दें, जिससे जानवर आपके खेतों के आस-पास भी नहीं फटकेंगे।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।