कीटनाशक का बिजनेस

                                   कीटनाशक का बिजनेस

                                                                                                                                                            प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृषाणु

जब कोईं कंपनी अपना कीटनाशक बाजार में लेकर आती है तो जो वैज्ञानिक कीटनाशक बनाता है, वह कहता है कि यदि किसान 20 एम एल प्रति पंप फसल पर स्प्रे करेंगे तो कीट कॉट्रोल हो जाएगी।

                                                                             

कंपनी प्रतिनिधि अपना टार्गेट पूरा करने के लिए दुकानदार को कहता है कि किसान यदि 30 एम एल प्रति पंप अपनी फसल पर स्प्रे करेंगे तो कीट कंट्रोल हो जाएगी। साथ ही यह भी कहता है कि यदि आप एक हजार लीटर बेच देते हैं तो आप पति-पत्नी दोनों को कंपनी की ओर से विदेश यात्रा का पैकेज भी मिलेगा।

दुकानदार को अपनी पत्नी को विदेश घुमाने के लिए एक हजार लीटर कीटनाशक बेचना है, अतः वह किसान को कहता है कि 40 एम एल प्रति पंप अपनी फसल पर स्प्रे करेंगे तो कीट कंट्रोल हो जाएगी।

किसान कीटनाशक लाता है और अपने विचार से 50 एम एल प्रति पंप छिड़काव कर देता है परन्तु फिर भी आज तक कीट तो कंट्रोल हुए ही नहीं।

                                                                     

फिर इधर वही जहरीली सब्जी किसान, दुकानदार और कंपनी प्रतिनिधि अपने बच्चों को भी खिला रहे होते हैं और उधर वैज्ञानिक तथा कंपनी मालीक अपने बगीचे या फार्म हाउस में अपने बच्चों के लिये जैविक सब्जी तैयार करवा रहे होते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।