बरसात के बाद भी भयंकर उमस बरकरार भोलों की ले रही है प्रकृति परीक्षा      Publish Date : 02/08/2024

      बरसात के बाद भी भयंकर उमस बरकरार भोलों की ले रही है प्रकृति परीक्षा

                                                                                                                                                                                       प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

कल झमाझम बारिश होने के बाद तापमान में कुछ गिरावट तो जरूर आई, लेकिन इसके बावजूद मौसम में अभी भी उमस बनी हुई है, जिसके कारण भोले तेज धूप में यात्रा करने से बच रहे हैं। अब वह दिन में करते हैं आराम और रात में निकल पड़ते हैं अपने धाम के लिए। मानसून और प्रकृति की यह बेरुखी कावड़ ला रहे शिव भक्तों पर काफी भारी पड़ रही है।

                                                                                

बारिश होने के बाद भी उमस अभी भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। ऐसे में कावड़ यात्रा का अंतिम दिन होने के कारण भोले अपना सफर पूरा करने में लगे हुए हैं। ऐसा लग रहा है कि इस बार इंद्र देवता भी उनसे रूठे ही हए हैं। इसीके कारण सूर्यदेव, शिव भक्तों की परीक्षा लेते रहे। मौसम विभाग की माने तो मानसून एक बार फिर से सक्रिय हुआ है और इससे बारिश की संभावना बनी हुई है।

कहीं-कहीं पर छिटपुट बारिश भी हो रही है और हल्की बौछारें भी पड़ी है, लेकिन इस उमेश भरी गर्मी के कारण भोले के धाम पहुंचना एक कठिन डगर बनी हुई है।

आखिर क्यों होती है तपिश

                                                            

जब भीषण गर्मी की वजह से धरती पूरी तरह से गर्म रहती है और उस पर बारिश की कुछ बंूदे पड़ती हैं तो धरती से वाष्प उठाती है और इसी वाष्प की वजह से उमस बढ़ जाती है।

जब भीषण गर्मी के बाद बारिश होती है तो उमस बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। उमस का अर्थं एक ऐसी गर्मी जिसमें आपको गर्मी के साथ-साथ खूब ढ़ेर सारी पसीना भी होता है। इससे उत्तर भारत में लोग चिपचिपी या सड़ी गर्मी कहते हैं। इस मौसम में ना तो कूलर काम करता है और ना ही पंखा, क्योंकि इस मौसम के दौरान वायुमंडल में गर्मी के साथ-साथ ढेर सारा वाष्प भी मौजूद रहता है।

                                                                 

             कावड़ यात्रा सेवा शिविर में श्रद्धालुओं को भोजन वितरित करते हुए भाजपा नेता रविंद्र शर्मा

बारिश के बाद उमस क्यों बढ़ जाती है

                                                                               

इसके पीछे पूरी तरह से विज्ञान काम करता है, दरअसल जब भीषण गर्मी की वजह से धरती पूरी तरह से गर्म रहती है और उसे पर बारिश की कुछ बूंद पड़ती है तो धरती से भाप उठाती है और इसी वाष्प की वजह से उमस होती है। इसे एक छोटे से एक्सपेरिमेंट से समझ जा सकता हैं। इसके लिए आप अपने घर में तवा लीजिए जिस पर रोटी बनती है। जब रोटी बन जाए और वह तवा गर्म रहे तो उसे पर पानी की कुछ बंदे छिड़कते है तो ऐसा करने पर आप देखेंगे कि कैसे उसे पानी एकदम से भाप बनकर उठता है।

उमस वाले मौसम में इतना पसीना आखिर क्यों होता है

                                                                    

पसीना होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, दरअसल हमारे शरीर का सामान्य तौर पर तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है लेकिन जब बाहर का तापमान ज्यादा होने लगता है तो शरीर को ठंडा करने के लिए बॉडी से पसीना बहने लगता है। उमस में यह प्रक्रिया ओर तेज हो जाती है तथा यही वजह है की उमस वाले मौसम में शरीर से पसीना तेजी से निकालना पड़ता है। लेकिन कई लोग आपको ऐसे भी मिल जाएंगे जिनको जल्दी से पसीना नहीं होता, ऐसे लोगों में कई तरह की समस्या हो सकती है।

प्रोफेसर आर एस सेंगर ने बताया अगर आपको भीषण गर्मी में भी पसीना नहीं हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि अगर यह समस्या आपको लंबे समय तक बनी रही तो आप किसी गंभीर बीमारी का शिकार बन सकते हैं। कल बरसात होने के बाद भी उमस अभी बनी हुई है इससे भोले काफी परेशान है और वह अपने कपड़ों को उतार कर अपने गंतव्य तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।