साइबर ठगी करने का तरीका

                                     साइबर ठगी करने का तरीका

                                                                                                                                                                                       प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

                                                                          

आजकल डिजिटल अरेस्ट करके धोखाधड़ी की बहुत घटनाएं हो रहीं हैं। वास्तव में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई अपराध नहीं होता। यह एक सशक्त मनोवैज्ञानिक दबाव की स्थिति है जिसमें पीड़ित अपना विवेक खो बैठता है। कॉल करके, मैसेज भेज कर और अब तो automated/pre-recorded call से पहले आपसे आपके परिवार के बारे में जानकारी ली जाती है और उसी के सहारे आपको डरा धमका कर दबाव में लिया जाता है।

अनजान लोगों के द्वारा फेडेक्स कोरियर, ED, CBI, RBI, DoT, Court या पुलिस का नाम ले कर कॉल करने वाले आपको वीडियो कॉल पर बुला कर किसी और से बात नहीं करने देते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित भारत सरकार का प्रायोरिटी केस बता कर गिरफ्तारी की धमकी दी जाती है। आपके घर के बाहर सादे  कपड़ों में पुलिस मौजूद होने की बात की जाती है जिससे डर  और घबराहट पैदा होती है। कॉल करने वाले की DP में पुलिस वर्दी, उनके द्वारा अपने फर्जी आईडी कार्ड्स दिखा कर प्रभावित करते हैं।

                                                                         

ऐसे लोग आपके पैसे को सरकारी खाते में जमा करा कर वेरिफाई कराने की बात कहेंगे। ये केवल धोखा है जिससे आप जानकार और सतर्क रह कर ही बच सकते हैं। आपको एक बार उनके मनोवैज्ञानिक दबाव से बाहर निकलना होगा।  धोखा होने पर बिना समय गंवाए 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं जिससे आपका धोखे से ठगा गया पैसा होल्ड किया जा सके। इसमें कत्तई विलम्ब नहीं करें।

                                                 जानकर बने, सुरक्षित रहें

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।