खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर पर नियंत्रण मुश्किल

                   खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर पर नियंत्रण मुश्किल

                                                                                                                                                             डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं रेशु चौधरी

दाल, प्याज व आलू जैसी आवश्यक वस्तुओं की अधिक कीमतें बढ़ा रहीं मुसीबतें, चीनी में भी तेजी आने की सुगबुगाहट है जारी-

                                                                                  

सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर काबू में नहीं आ रही है। इसमें दाल, प्याज, गेहूं और आलू के जैसी प्रमुख खाद्य वस्तुओं की कीमतें प्रमुख भूमिका निभा रही है। इस वर्ष मई में खुदरा महंगाई दर 4.75 प्रतिशत रही हैं, लेकिन खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 8.69 प्रतिशत रही। इस साल अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 8.70 प्रतिशत तो मार्च में 8.52 प्रतिशत थी।

जून में भी खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतों में राहत मिलने की कोई सम्भावना नहीं है। इसका कारण यह है कि अरहर या तुअर दाल की खुदरा कीमत बाजार में 200 रुपये प्रति किलोग्राम को को पार कर चुकी है। निर्यात पर से रोक हटने के बाद प्याज के खुदरा दाम 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं।

गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2.275 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन खुले बाजार में यह 2,600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। कमजोर खरीदारी से सेंट्रल पूल में गेहूं का स्टाक 299 लाख टन के आसपास है, जबकि पिछले साल जून के आरंभ में यह स्टाक 313 लाख टन से अधिक था। कहने का अर्थ यह है कि आने वाले महीनों में गेहूं के दाम भी बढ़ सकते हैं।

                                                                            

यही वजह है कि रबी की नई फसल के बावजूद मई में गेहूं समेत सभी अनाज की खुदरा कीमत 8.69 प्रतिशत की बढ़ी है। सप्लाई बढ़ाकर कीमत पर रोक के लिए दाल का भारी मात्रा में आयात किया जा रहा है। इस साल अप्रैल में दाल के आयात में 172 प्रतिशत तो मई में 176 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी रही है, परन्तु दाल की कीमतें निरंतर बढ़ रही हैं।

मई में यह बढ़ोतरी दर 17.14 प्रतिशत रही है। महाराष्ट्र के प्याज किसानों की मांग पर मई माह में चुनाव के दौरान प्याज के निर्यात पर रोक को हटा लिया गया और उसके बाद से प्याज की खुदरा कीमत बढ़ रही है। अब प्याज के खुदरा भाव 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम तक चले गए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में प्याज के भारत थोक मूल्य में पिछले साल मई की तुलना में 58.05 प्रतिशत तो आलू प्रति के थोक भाव में 64.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

                                                                             

बीते दो महीने से दाल के कुल आयात में 170 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि।

निर्यात पर लगी रोक हटाए जाने से प्याज का खुदरा मूल्य भी बढ़ा।

8.69 प्रतिशत रही है खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर मई में।

8.70 प्रतिशत थी इस वर्ष अप्रैल के दौरान खुदरा महंगाई दर।

‘‘अगर अफ्रीका में मौसम ठीक रहा तो दाल की कीमत में कुछ नरमी आ सकती है क्योंकि जुलाई में जिंबाब्वे, कीनिया जैसे देशों से तुअर दाल का आयात किया जाना है।

                                                                                                                                      -सुरेश अग्रवाल, अध्यक्ष, आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन

मई में 5.70 प्रतिशत बढ़ा चीनी का खुदरा मूल्य

इन सबके अलावा चीनी की खुदरा कीमतों में तेजी का रूख आरम्भ हो गया है। उत्पादक संघ चीनी के न्यूनतम आरबीआइ बार-बार खुदरा बिक्री मूल्य को 32 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 42 रुपये प्रति किलोग्राम करने की मांग कर रहे हैं। इस वर्ष मई में चीनी के खुदरा मूल्यों में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 5.70 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

                                                                 

आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतों में यह बढ़ोत्तरी जारी रही तो खुदरा महंगाई की दर को चार प्रतिशत के पास लाना आसान नही होगा। आरबीआई बार-बार खुदरा महंगाई दर को चार प्रतिशत तक लाने की कोशिश का जिक्र करता रहा है। ऐसे में अगस्त माह में होने वाल आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में बैंक दरों में किसी प्रकार की कटौति की सम्भावनाएं शून्य ही प्रतीत हो रही हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।