पृथ्वी को बचाने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें -प्रोफेसर सेंगर      Publish Date : 21/06/2024

         पृथ्वी को बचाने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें -प्रोफेसर सेंगर

                                                                                                                                                                                डॉ0 आर. एस. सेंगर

सोसाइटी ऑफ ग्रीन वर्ल्ड फॉर सस्टेनेबल एनवायरमेंट की बैठक अक्षरधाम कॉलोनी में संपन्न हुई। इस बैठक में संबोधित करते हुए प्रोफेसर आर एस सेंगर ने कहा कि यदि हमें अपने भविष्य को सुरक्षित रखना है तो प्रत्येक व्यक्ति को संकल्प लेना होगा कि वह आगामी जुलाई के महीने में कम से कम एक वृक्ष कहीं ना कहीं लगाकर उसके संरक्षण का संकल्प लें और तभी हम भविष्य में आने वाली हीट वेव तथा प्राकृतिक आपदाओं से बच सकेंगे।

                                                                                

यदि हम लोगों ने कदम नहीं उठाया तो निश्चित रूप से यह हमारे भविष्य की पीढ़ियों के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा। अभी भी समय है कि हम लोग जागे वृक्षारोपण करें और अन्य लोगों को भी वृक्षारोपण और उसके संरक्षण के लिए प्रेरित करें।

पेड़ पौधे प्रकृति का सौंदर्य तथा श्रृंगार भी करते हैं। इनको बचाए रखना हम सभी लोगों का दायित्व और कर्तव्य है। पेड़ों की क्या है खास बातें क्यों यह है महत्वपूर्ण इसके बारे में भी उन्होने विस्तार से बताया।

 पेड़ों के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी

पेड़ धरती पर सबसे पुराने

Living Organism हैं, और ये कभी भी

    ज्यादा  उम्र की वजह से नहीं मरते हैं।

 हर साल 5 अरब पेड़ लगाए जा रहे हैं

        लेकिन हर साल 10 अरब पेड़

            काटे भी जा रहे हैं।

एक पेड़ एक दिन में इतनी ऑक्सीजन

        देता है कि 4 आदमी जिंदा रह सकें।

 

 बात अगर देशों की करें तो दुनिया में

           सबसे ज्यादा पेड़ रूस में है।

              रूस के बाद कनाडा,

             ब्राजील, अमेरिका में

      और उसके बाद भारत में केवल

             35 अरब पेड़ ही अब बचे हैं।

                                                                 

       दुनिया की बात करें, तो

   एक इंसान के लिए 422 पेड़ बचे है।

  लेकिन अगर भारत की बात करें, तो

         एक हिंदुस्तानी के लिए

            केवल 28 पेड़ ही बचे हैं।

 

 पेड़ों की कतार धूल-मिट्टी के स्तर को

       75 प्रतिशत तक कम कर देती है. और

       50 प्रतिशत तक ध्वनि प्रदूषण को कम करती हैं।

 

   एक पेड़ इतनी ठंडक पैदा करता है

        जितनी कि एक AC 10 कमरों में

     लगातार 20 घंटो तक चलने पर करता है।

      जो इलाका पेड़ो से घिरा होता है,

        वह दूसरे इलाकों की तुलना में

                  9 डिग्री सेल्सियस तक वातावरण ठंडा रहता हैं।

 

पेड़ अपनी 10 प्रतिशत खुराक मिट्टी से

     और 90 प्रतिशत खुराक हवा से पूरी कर लेते है।

  एक पेड़ में एक साल में 2,000 लीटर

         पानी धरती से चूस लेता है।

 

     एक एकड़ में लगे हुए पेड़

    एक साल में इतनी CO2 सोख लेते है।

       जितनी एक कार 41,000 km

              चलने पर छोड़ती है।

 

   दुनिया की 20 प्रतिशत Oxygen

            अमेजन के जंगलो के द्वारा

               पैदा की जाती है।

   अमेजन के यह जंगल 8 करोड़ 15 लाख एकड़ में

                 फैले हुए हैं।

 

     इंसानो की तरह पेड़ो को भी

     कैंसर की बीमारी होती है. और कैंसर होने के बाद

     पेड़ कम ऑक्सीजन देने लगते हैं।

 

   पेड़ की जड़ें बहुत नीचे तक

      जा सकती है. दक्षिण अफ्रीका में

         एक अंजीर के पेड़ की जड़ें

      400 फीट नीचे तक पाई गई थी।

 

      दुनिया का सबसे पुराना पेड़

           स्वीडन के डलारना प्रांत में है.

           टीजिक्को नाम का यह पेड़

              9,550 साल पुराना है।

        इस पेड़ की लंबाई करीब 16 फीट है।

    किसी एक पेड़ का नाम लेना

      मुश्किल है, लेकिन तुलसी, पीपल,

        नीम और बरगद दूसरों वृक्षों के मुकाबले

           ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करते हैं।

 

       अतः इस बरसात में कम से कम

           एक पेड़ अवश्य लगायें

           स्वयं जगें लोगों को भी जगाएं

             और सब आपस में मिलकर पर्यावरण बचाएँ।

                                    जय प्रकृत्, जय वनस्पति।

लेखकः प्रोफेसर राकेश सिंह सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।